किसानों की ट्रैक्टर परेड: दिल्ली पुलिस का एलान- हिंसा करने वालों पर होगी कार्रवाई, किसान संगठन बोले- जारी रहेगा आंदोलन
दिल्ली पुलिस के मुताबिक किसानों की परेड में हुई हिंसा के दौरान 83 पुलिसकर्मी घायल हुए. किसान संगठनों ने बताया-असामाजिक तत्वों का काम. दिनभर की ज़रूरी ख़बरों से अपडेट रहने के लिए बीबीसी हिंदी के इस लाइव पेज से जुड़े रहे.
लाइव कवरेज
साल 2021 में 11.5 फीसदी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था : IMF

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि साल 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 11.5 फीसदी रहेगी.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, साल 2022 के भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहेगी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चीन से लेकर ब्राज़ील और सऊदी अरेबिया समेत कई मुल्कों की अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि दर का अनुमान लगाया है.
इन सभी देशों की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे तेज बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.
आईएमएफ़ के मुताबिक़, साल 2021 में चीनी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.1 फीसदी और 2022 में 5.6 फीसदी रहेगी. इस लिहाज़ से भारतीय अर्थव्यवस्था दोनों साल चीनी अर्थव्यवस्था से तेज बढ़ेगी.
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हिंसा में घायल हुए 83 पुलिसकर्मी: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस के मुताबिक किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
पुलिस का दावा है कि घायल हुए पुलिसकर्मियों पर आंदोलनकारी किसानों ने हमला किया. समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ईश सिंघल के हवाले से बताया, "कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए. हिंसा में पुलिसकर्मी घायल हुए और सार्वजनिक संपत्ति का भी नुक़सान हुआ."
एएनआई ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें लाल किले पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव दिख रहा है.
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दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा है कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि कुछ 'असामाजिक तत्वों' ने उनके आंदोलन में घुसपैठ की.
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किसान मोर्चा ने शाम को परेड तत्काल प्रभाव से ख़त्म करने का एलान कर दिया लेकिन ये जानकारी दी कि उनका आंदोलन जारी रहेगा.
वहीं, परेड ख़त्म होने के एलान के बाद भी कई किसान ट्रैक्टरों मे सवार होकर दिल्ली के लाल किला की तरफ जाते देखे गए.

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असमः उल्फा प्रमुख के गांव में फहराया गया तिरंगा

दिलीप कुमार शर्मा
डिब्रूगढ़ से बीबीसी हिंदी के लिए
असम में सक्रिय प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन उल्फा-आई यानी यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ असम (इंडिपैंडेंट) ने राज्य के लोगों से गणतंत्र दिवस का बहिष्कार करने को कहा था लेकिन इसे अनदेखा करते हुए संगठन के स्वयंभू कमांडर-इन-चीफ़परेश बरुआके पैतृक गांवजेराई में कई जगह गणतंत्र दिवस के मौक़े पर भारत का तिंरगा झंडा फहराया गया.
उल्फा-आई ने 22 जनवरी को एक लिखित बयान जारी कर यहां के लोगों से गणतंत्र दिवस नहीं मनाने की अपील की थी. चरमपंथियों ने 26 जनवरी का विरोध करते हुए राज्य में 17 घंटे के बंद का एलान भी किया लेकिन आज समूचे राज्य में लोगों को गणतंत्र दिवस का जश्न मनाते देखा गया.
भारत में मोस्ट वांटेड चरमपंथीपरेश बरुआके गांव जेराई दिघोलीबाड़ी में स्थित बोकडूंग परिश्रमिक लोवर प्राइमरी स्कूल के हेड मास्टर दिलीप बरुआने झंडा फहराने की जानकारी देते हुए बीबीसी से कहा,"हम कई सालों से 26 जनवरी के दिन अपने स्कूल में झंडा फहराते आ रहें है और आज सुबह भी झंडा फहराया गया."
गणतंत्र दिवस पर बेंगलुरु में कैसे रही किसान रैली

इमरान कुरैशी
बेंगलुरु से बीबीसी हिंदी के लिए
कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों से हज़ारों किसान दोपहिया, कारों और वैन पर सवार होकर बेंगलुरु में तीन खेती क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर रैली में शामिल हुए. पुलिस ने इस दौरान शहर में क़रीब 100 ट्रैक्टरों को आने की अनुमति दी.
किसानों के साथ रैली में बड़ी संख्या में ट्रेड यूनियनों, दलित संगठनों समेत अन्य लोगों ने भी शिरकत की. इन्होंने शहर के केंद्र में स्थित फ्रीडम पार्क तक मार्क किया.
किसानों को संबोधित करने वाले वक्ताओं ने किसान क़ानूनों को लेकर केंद्र के अड़ियल रवैये को रेखांकित किया. उन्होंने आरोप लगाया कि ये क़ानून अडानी और अंबानी जैसे कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने परेड ख़त्म होने का एलान किया
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित परेड को तत्काल प्रभाव से ख़त्म करने का एलान किया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मोर्चा ने परेड में हिस्सा लेने वाले किसानों से अपील की है वो सभी वापस लौट आएं. संयुक्त मोर्चा ने ये भी बताया है कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
एएनआई के मुताबिक मोर्चा ने कहा है कि आगे के कदम के बारे में जल्दी ही जानकारी दी जाएगी.
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दिल्ली में हिंसा के बाद हरियाणा में ‘हाई अलर्ट’
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ‘किसान ट्रैक्टर मार्च’ के दौरान कई क्षेत्रों में हुई हिंसक घटनाओं के मद्देनज़र, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक, मनोज यादव ने ‘हाई अलर्ट’जारी कर सभी ज़िला पुलिस प्रमुखों को बेहद सतर्क रहने का निर्देश दिया.
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पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने वालों पर क़ानूनी कार्रवाई होगी
दिल्लीके संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने कहा, “आज किसान रैली के दौरान पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
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किसानों को अब शांति से गांव वापस लौट जाना चाहिए - शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “जिस तरह से आज आंदोलन को हैंडल किया गया वो अफ़सोसजनक है. हम सभी विपक्ष में बैठे लोग किसानों का समर्थन करते हैं और मैं अपील करता हूं - अब आप (किसानों) को शांति से अपने-अपने गांव वापस लौट जाना चाहिए और सरकार को आपको दोष देने का कोई अवसर नहीं देना चाहिए.”
शरद पवार ने कहा, “आज जो कुछ भी हुआ उसका कोई समर्थन नहीं करेगा लेकिन इसके पीछे की वजह को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. जो लोग शांति से बैठे थे उनमें गुस्सा पनपा, केंद्र ने अपनी ज़िम्मेदारी पूरी नहीं की. सरकार को परिपक्वता से सही निर्णय लेना चाहिए.”
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हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया है कि किसान परेड के दौरान हुई हिंसा में कई पुलिस कर्मी घायल हुए हैं.
उन्होंने बताया कि इस दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुक़सान पहुंचा है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने प्रदर्शनकारी किसानों को हिंसा में शामिल नहीं होने की अपील की और कहा कि शांति बनाए रखें और निर्धारित रूट से वापस लौट जाएं.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा, "ट्रैक्टर रैली के लिए वक़्त और रूट कई दौर की बैठकों के बाद तय किया गया था. लेकिन किसान तय रूट की बजाए दूसरी जगह से ट्रैक्टर ले आए और वो भी तय वक़्त से पहले. इसके बाद हुए बवाल में कई पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं."
दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर इलाके में क्या हैं हालात? ज़्यादा जानकारी के साथ बीबीसी संवाददाता अरविंद छाबड़ा.
दिल्ली के ITO से हटे प्रदर्शनकारी
दिल्ली के आईटीओ पर बीते कई घंटों से जाम लगाकर बैठे प्रदर्शनकारी हट गए हैं.
बीबीसी संवाददाता विकास त्रिवेदी के मुताबिक किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान आज एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. प्रदर्शनकारी उसका शव लेकर आईटीओ चौराहे पर जमा थे और विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन अब प्रदर्शनकारी शव लेकर गाज़ीपुर बॉर्डर की तरफ रवाना हो गए हैं. आईटीओ पर फिलहाल बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है.
अफसोसजनक है कि केंद्र ने इस हद तक स्थिति को बिगड़ने दिया - आप

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आम आदमी पार्टी ने भी किसान परेड में आज हुई हिंसा की निंदा की है. पार्टी ने कहा कि ये अफसोसजनक है कि केंद्र सरकार ने इस हद तक स्थिति को बिगड़ने दिया.
आप पार्टी ने एक बयान में कहा, “आंदोलन बीते दो महीने से शांतिपूर्ण रूप से चल रहा था. किसान नेताओं ने कहा है कि जो लोग आज हिंसा में शामिल थे, वो आंदोलन का हिस्सा नहीं थे और बाहरी तत्व थे. वो जो भी थे, हिंसा ने निश्चित रूप से आंदोलन को कमज़ोर किया है जो इतने शांति से और अनुशासित तरीक़े से चल रहा था.”
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा की निंदा की
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा की निंदा की है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, "दिल्ली में चौंकाने वाले दृश्य. कुछ तत्वों की ओर से की गई हिंसा अस्वीकार्य है. शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे किसानों ने जो साख बनाई है, ये उसे नुक़सान पहुंचाएगा. किसान नेताओं ने ख़ुद को इससे अलग कर लिया है और ट्रैक्टर रैली को रोक दिया है. मैं सभी वास्तविक किसानों से दिल्ली खाली करने और सीमाओं पर लौटने की अपील करता हूं."
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नांगलोई में अफ़रा-तफ़री की स्थिति

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नांगलोई से बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा, 4.55 बजे
दिल्ली के नांगलोई में ट्रैक्टर परेड को जहाँ से नजफ़गढ़ की ओर मुड़ना था वहाँ एक घंटा पहले तक भारी पुलिस बल की तैनाती थी. अब वहाँ कोई पुलिस वाला नज़र नहीं आ रहा है, कई पुलिस वाहन टूटे हुए हैं, किसानों ने बैरिकेड को ट्रैक्टर से जंजीरों के सहारे खींचकर रास्ता बनाया है.
पुलिस ने आँसू गैस छोड़ी है जिससे अब भी आँखों में जलन हो रही है. लाठी चार्ज भी किया गया था जिसमें कई लोगों को मामूली चोटें आई हैं. माहौल में भारी अफ़रा-तफ़री है, किसानों के कुछ जत्थे दिल्ली की तरफ़ जाते दिख रहे हैं.
शांति टूटी तो आंदोलन को नुक़सान होगा- योगेंद्र यादव
स्वराज इंडिया के संस्थापक और किसान आंदोलन से जुड़े योगेंद्र यादव ने किसानों से अपील की है कि वो तय रूट पर ही रैली करें और शांतिपूर्ण तरीक़े से रैली करें.
शाहजहांपुर से उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि किसान बैरिकेड्स तोड़ कर दिल्ली के दूसरे इलाक़ों में चले गए हैं.
उन्होंने कहा, “मुझे जो ख़बर मिली है उसके अनुसार अब तक कहीं लाठाचार्ज नहीं हुआ है और कहीं गोली नहीं चली है.”
“शांति ही किसान आंदोलन की ताक़त है. शांति टूटी तो आंदोलन को नुक़सान होगा. किसान आंदोलन की इज्जत किसानों के हाथ में है. मेरी अपील है कि अब आगे ऐसा कुछ न हो जिससे किसान आंदोलन को नुक़सान हो.“
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जब किसानों ने बेकाबू भीड़ के हाथों से पुलिसवाले को बचाया
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राजस्थान-हरियाणा सीमा से मानेसर तक किसानों की शांतिपूर्ण ट्रैक्टर परेड

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मोहर सिंह मीणा, शाहजहांपुर बॉर्डर से
राजस्थान-हरियाणा सीमा के शाहजहांपुर पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन का 56वां दिन है.
26 जनवरी को सुबह 11 बजे दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे पर हरियाणा सीमा पर लगाए गए बैरिकेड ख़ुद पुलिस ने हटाए.
आंदोलनकारी किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर और निजी वाहनों से 47 किलोमीटर तय रूट पर मानेसर के लिए रवाना हुए.
दिल्ली में किसानों और पुलिस के बीच कई जगह से टकराव की ख़बरें हैं, लेकिन दिल्ली-जयपुर हाइवे पर किसानों की ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण तरीक़े से जारी है.
आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए पहला ट्रैक्टर शहीदों के लिए निकाला, जिसके पीछे ट्रैक्टर परेड शुरू हुई.
किसानों ने ट्रैक्टरों पर विभिन्न राज्यों की झांकियां भी सजाई हुई हैं. ट्रैक्टर परेड से कई किलोमीटर तक हाइवे पर ट्रैक्टर ही नज़र आ रहे हैं.
परेड में राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्यों के किसान उत्साह में नज़र आए. यह परेड मानेसर तक पहुंच कर वापस शाहजहांपुर आंदोलन स्थल पहुंचेगी.
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने के लिए हरियाणा पुलिस और किसान नेताओं के बीच 25 जनवरी को बातचीत हुई. इसमें किसानों को मानेसर तक ट्रैक्टर परेड निकालने और फिर वापस धरना स्थन पर लौटने पर सहमति बनी थी.
राजस्थान के कई ज़िलों में भी किसानों ने ट्रैक्टर रैलियां आयोजित कर किसानों का समर्थन किया.
अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमरा राम का कहना है कि, देश की सरकार कह रही थी कि दिल्ली में ट्रैक्टर परेड नहीं करने देंगे, उस सरकार को परमिशन देनी पड़ी है.
ITO पर स्थिति तनावपूर्ण, बड़ी संख्या में पुलिस तैनात

ITO से BBC संवाददाता कीर्ति दुबे ने जानकारी दी है कि वहाँ स्थिति काफ़ी तनावपूर्ण है प्रदर्शनकारी एक शव के साथ धरने पर बैठे हैं और वहाँ बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि व्यक्ति की मृत्यु गोली लगने से हुई है जबकि पुलिस ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि व्यक्ति की मृत्यु कैसे हुई. इस बीच दिल्ली की सीमा से लगे कई इलाकों में सरकारी आदेश से मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गई है ITO पर भी मोबाइल इंटरनेट सेवा उपलब्ध नहीं है.
