पूर्वाग्रह और भेदभाव से आईएस की मददः ओबामा

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अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि पूर्वाग्रह और भेदभाव इस्लामिक स्टेट की मदद करता है और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा करता है.
बराक ओबामा कुआलालम्पुर में आसियान शिखर सम्मेलन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
ओबामा ने कहा कि हम सिर्फ़ धर्म, जाति या पृष्ठभूमि के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकते हैंं और इससे इस्लामिक स्टेट के प्रचार को ही मदद मिलती है.
उन्होंने कहा, "हमें इस धारणा को नकारना होगा कि हम एक समूचे धर्म के ख़िलाफ़ युद्ध कर रहे हैं. अमरीका को सभी ने मिलकर समृद्ध किया है और इसमें अमरीकी मुस्लिम भी शामिल हैं."
ओबामा ने कहा कि वे इस्लामिक स्टेट के ख़ात्मे के लिए प्रतिबद्ध हैं और अंतरराष्ट्रीय गठबंधन का नेतृत्व करते रहेंगे.
ओबामा का कहना है, "हम इस आतंकवादी संगठन को नष्ट करके रहेंगे और इसके लिए अमरीका अपनी हर शक्ति का इस्तेमाल करेगा."
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर ओबामा ने बताया, "बशर अल-असद जब तक सत्ता में हैं सीरियाई गृह युद्ध का समाधान नहीं निकल सकता है."

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उन्होंने कहा, "अगर रूस अपने हमलों के केंद्र में इस्लामिक स्टेट को रखे तो ये मददगार होगा."
ओबामा ने कहा, "पुतिन भी ये समझते हैं कि इस क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट उनके लिए सबसे बड़ा ख़तरा है."
हालांकि ओबामा ने यह भी कहा कि अब तक सीरिया में रूस के हवाई हमले बशर अल-असद के विद्रोहियों के ख़िलाफ़ हो रहे हैं.
ओबामा ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि रूस के हवाई हमलों का उद्देश्य बशर अल-असद की सत्ता को मज़बूत करना है और इससे इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ लड़ाई में हमें कोई मदद नहीं मिल रही है. एक तरीक़े से इन हमलों से इस्लामिक स्टेट और मज़बूत हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस्लामिक स्टेट उन समूहों से भी लड़ रहा है जिन पर रूस हमले कर रहा है."

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ओबामा ने कहा कि सीरियाई गृह युद्ध के समाधान असद के सत्ता में रहते हुए नहीं हो सकता है.
उन्होंने कहा कि सीरिया में मुद्दा सिर्फ़ यह नहीं है कि बशर अल-असद ने अपने नागरिकों पर बम बराए हैं बल्कि असल में असद को उस देश में वैधता नहीं मिल सकती है जिसकी बड़ी आबादी उनके ख़िलाफ़ लड़ रही हो.
विएना में सीरिया पर वार्ता में जब रूस, ईरान, तुर्की और सऊदी अरब समेत सभी देश शामिल होंगे तो मुद्दा यह होगा कि क्या हम सीरिया में अंतरिम सरकार स्थापित कर और युद्धविराम लागू कर अपना सारा ध्यान बर्बर संगठन इस्लामिक स्टेट पर लगा पाएंगे.

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रूस अंतरिम सरकार के गठन पर तो राज़ी है लेकिन बशर अल-असद के जाने पर नहीं. अगले कुछ हफ़्तों में हम यह देखेंगे कि क्या ऐसा हो सकता है.
एक राष्ट्र के रूप में सीरिया का बना रहना ज़रूरी है.
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