'मर्ज सऊदी अरब का दर्द पाकिस्तान का'

इमेज स्रोत, AFP

    • Author, अशोक कुमार
    • पदनाम, बीबीसी संवाददाता

यमन में गहराते संकट और वहां सऊदी अरब के हस्तक्षेप को लेकर पाकिस्तान की कशमकश पाकिस्तानी उर्दू मीडिया में छाई है.

नवाए वक़्त लिखता है कि सऊदी अरब ने यमन के हालात से निपटने के लिए बाक़ायदा पाकिस्तान फ़ौज से मदद मांगी है, ख़ासकर यमन के शिया हूथी विद्रोहियों के ख़िलाफ़ ज़मीनी कार्रवाई और सऊदी अरब की सीमाओं की सुरक्षा के लिए मदद तलब की गई है.

लेकिन अख़बार ने इस मुद्दे पर साफ़ तस्वीर सामने न रखने के लिए सरकार को खरी खोटी भी सुनाई है.

वो कहता है कि एक तरफ़ विदेश सचिव ये कह रहे हैं कि पाकिस्तान ने सऊदी अरब की मदद करने का फ़ैसला कर लिया है क्योंकि वहां हमारे सबसे पवित्र स्थल हैं और लाखों पाकिस्तानी भी सऊदी अरब में काम करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ़ विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता कहती हैं कि पाकिस्तानी सेना की मदद मांगे जाने की बातें अफ़वाह हैं जिस पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है.

ग़लतियों से बचें

पाकिस्तानी संसद

इमेज स्रोत, BBC World Service

इमेज कैप्शन, सोमवार को पाकिस्तानी संसद का साझा सत्र बुलाया गया है

जंग ने यमन के हालात पर चर्चा के लिए संसद का साझा सत्र बुलाने के पाकिस्तानी सरकार के फ़ैसले को सराहा है.

अख़बार लिखता है कि पाकिस्तान न सऊदी अरब को छोड़ सकता है और न ही ईरान को नाराज़ कर सकता है, इसलिए संसद का सत्र बेहद ज़रूरी है.

जंग के मुताबिक़ मामला नाज़ुक है इसलिए जोश की बजाय होश से काम लिया जाए और उन ग़लतियों से बचा जाए जो अफ़ग़ान जंग में शामिल होते वक्त हुई थीं और जिनका खमियाजा पाकिस्तान को उठाना पड़ा.

कीनिया में चरमपंथी संगठन बोको हराम के हमले में 147 लोगों की मौत पर एक्सप्रेस का संपादकीय है – दहशतगर्दी की दुनिया में बढ़ती हुई लहर.

संपादकीय में यमन के हालात का भी ज़िक्र है और कहा गया है कि हूथी बाग़ियों और सऊदी अरब के संघर्ष से मुस्लिम दुनिया कमज़ोर ही होती है.

अल शबाब के चरमपंथियों ने कीनिया में एक यूनिवर्सिटी परिसर को निशाना बनाया

इमेज स्रोत, Getty

इमेज कैप्शन, अल शबाब के चरमपंथियों ने कीनिया में एक यूनिवर्सिटी परिसर को निशाना बनाया

आख़िर में अख़बार दहशतगर्दी के ख़िलाफ़ एक सक्रिय वैश्विक गठबंधन की ज़रूरत पर जोर देता है.

फ़ायदा किसको?

ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम के बारे में एक समझौते के प्रारूप पर बनी सहमति पर रोज़नामा इंसाफ़ लिखता है कि इसका फ़ायदा किसको होगा.

समझौते पर सहमित बनने के बाद ईरानी राजधानी तेहरान में जश्न का नज़ारा था

इमेज स्रोत, AFP

इमेज कैप्शन, समझौते पर सहमित बनने के बाद ईरानी राजधानी तेहरान में जश्न का नज़ारा था

अख़बार के मुताबिक ईरान पर पाबंदियां लगा कर उसे ऐसे समझौते पर रज़ामंद होने के लिए मजबूर किया गया है जिसका सरासर फ़ायदा अमरीका और उसके साथियों को है.

अख़बार की राय है कि अगर मुस्लिम देश एकजुट हो जाएं तो अमरीका और बड़ी ताकतें कभी मुसलमान शासकों को इस तरह मजबूर नहीं कर पाएंगी.

'मिस्ड कॉल पार्टी'

रुख़ भारत का करें तो केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के विवादित बयान पर रोज़नामा ख़बरें लिखता है- गोरी चमड़ी और तंग नज़रिया.

सोनिया गांधी अपने बारे में दिए गए गिरिराज सिंह के बयान को संकीर्ण मानसिकता बता चुकी हैं

इमेज स्रोत, AP

इमेज कैप्शन, सोनिया गांधी अपने बारे में दिए गए गिरिराज सिंह के बयान को संकीर्ण मानसिकता बता चुकी हैं

अख़बार के मुताबिक़ एक तरफ़ तो बीजेपी महिलाओं को सम्मान देने की बात करती है, दूसरी तरफ़ संवैधानिक पदों पर बैठे उसके नेता महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बयान देना अपनी शान समझते हैं.

अख़बार कहता है कि गिरिराज सिंह इतिहास को जानते तो ऐसा बयान ही नहीं देते क्योंकि 1925 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली सरोजिनी नायूड गोरी नहीं थी, लेकिन फिर भी अध्यक्ष बनीं.

इमेज स्रोत, Reuters

बीजेपी को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताने वाले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के दावे पर हिंदोस्तान एक्सप्रेस का संपादकीय है- सबसे बड़ी मिस्ड कॉल पार्टी.

अख़बार छत्तीसगढ़ का ज़िक्र करते हुए लिखता है वहां कई कांग्रेसी विधायकों को भी 'मिस्ड कॉल सदस्यता' दे दी गई है, इससे पता चलता है कि बीजेपी अपनी लोकप्रियता का डंका बजाने के लिए कितनी बेचैन है.

<bold>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए <link type="page"><caption> यहां क्लिक</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/multimedia/2013/03/130311_bbc_hindi_android_app_pn.shtml" platform="highweb"/></link> करें. आप हमें <link type="page"><caption> फ़ेसबुक</caption><url href="https://www.facebook.com/bbchindi" platform="highweb"/></link> और <link type="page"><caption> ट्विटर</caption><url href="https://twitter.com/BBCHindi" platform="highweb"/></link> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</bold>