इनके पास एयर होस्टेस की 1285 यूनिफ़ॉर्म

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मिलिए एयर होस्टेस की पोशाकों को जमा करने वाले एक शख़्स से, जिनका कलेक्शन बताता है फ़ैशन और एविएशन के बदलते मिजाज़ के बारे में.
क्लीफ़ मस्किएट एम्स्टर्डम में दो-कमरों वाले फ्लैट में रहते हैं, उनके घर में दीवार के सहारे प्लास्टिक के कंटेनर रखे हैं जिन पर लेबल चिपके हैं.
लेबल पर लिखा है- इसके अंदर हैं रखे हैं एयर होस्टेस के 1285 यूनिफ़ॉर्म.
यूनिफ़ॉर्म्स को लेकर क्यों है दीवानगी
वो कहते हैं, "मैं सब कुछ अपने साथ रखता हूँ, अगर मेरे पास यूनिफ़ॉर्म नहीं है तो मुझे बड़ा अजीब लगता है, जैसे कि अपना बच्चा अलग हो गया हो."
चीज़ों से लगाव

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वो कहते हैं, "अगर मैं अपने कलेक्शन को देखना चाहता हूँ तो मैं नीचे जाकर उन्हें देख सकता हूँ, मैं नहीं चाहता कि उनको कहीं बांधकर, अलग रख दिया जाए."
मस्किएट को बहुत कम उम्र से हवाई यात्रा से जुड़ी चीज़ों से लगाव हो गया था.
वह कहते हैं, "जब मैं पाँच साल का था, मैंने न्यूयॉर्क से एम्स्टर्डम तक की विमान यात्रा की – यह रात की फ्लाइट थी इसलिए मैं सो गया और जब एम्स्टर्डम पहुँचा तो इतना निराश था कि मैं फ्लाइट की कोई भी बात याद नहीं रख पाया, इसीलिए मैं विमान यात्रा से जुड़ी सभी चीज़ों का संग्रह करने लगा."
शुरुआत

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उन्होंने शुरुआत की पोस्टकार्ड, मॉडल्स, टाइमटेबल और फ्लाइट सुरक्षा कार्ड्स के संग्रह से. नौकरी मिलने से पहले वह विमान कंपनियों के ऑफिस भी जाया करते थे.
उन्होंने कहा, "एम्स्टर्डम में मैं विमानों की सफाई करता था और विमान में मुझे जो भी मिल जाता था, उठाकर ले आता था."
अठारह वर्ष का होते-होते उन्होंने यह सब बंद करने और जमा की हुई अपनी सभी वस्तुओं को फेंक देने का निर्णय किया.

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फिर, डच एयरलाइन केएलएम के लिए काम शुरू करने के पाँच साल बाद 1992 में उन्होंने एयरलाइन क्षेत्र से अपने लगाव को आगे बढ़ाने का एक नया तरीका ढूँढा.
उन्होंने कहा, "एयरलाइन क्रू मेंबर के तौर पर मैं घाना में था, मैं एक्रा हवाईअड्डे के ऑफिस में गया और उन्होंने मुझे वहाँ एयर होस्टेस का यूनिफ़ॉर्म दिया."
फ़ैशन में बदलाव
मस्किएट ने तब से लेकर अभी तक के यूनिफ़ॉर्म इकट्ठे किए हैं जिनसे हवाई यात्रा और फ़ैशन में आए बदलावों को समझा जा सकता है.
उनका मानना है कि पोशाक ने फ्लाइट अटेंडेंट के पेशे को ग्लैमरस बनाने में मदद की है.

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उन्होंने कहा, "अगर आप 1950, 60 और 70 के दशक की ओर लौटें तो उस समय यूनिफ़ॉर्म बहुत अहम थे– उस समय विमान यात्रा करना बड़ी बात थी और अगर आप एयर होस्टेस बनने की इच्छा रखते हैं तो आपको मिस यूनिवर्स, मिस वर्ल्ड, वंडर वुमन एक ही साथ यह सब कुछ होना पड़ता था."
वो कहते हैं, "आपको सुंदर, परिष्कृत, नफ़ीस और स्मार्ट होना पड़ता था. यूनिफ़ॉर्म टेलर-मेड और अच्छी क्वालिटी के होते थे. महंगा होने के कारण बहुत कम लोग ही विमान यात्रा कर पाते थे और इस तरह यह दुनिया बहुत ही एक्सक्लूसिव हुआ करती थी."
उत्तेजक तरीके
मनोवैज्ञानिक फ़िलिप डॉडसन ने द टेलिग्राफ़ को बताया कि अनेक लोग फ्लाइट अटेंडेंट्स की ओर आकर्षित होते थे. वे कहते हैं, "मुझे कहना पड़ेगा कि उन्हें अनेकों बार झुकना पड़ता था और इसीलिए कई लोगों की कल्पना उड़ान भरने लगती थी.''

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मस्किएट का कहना है कि अब इस पेशे से ग्लैमर गायब हो गया है. वो कहते हैं, "आज कोई भी विमान से यात्रा कर सकता है, विमान के चालक दल का सदस्य बनने के लिए मिस वर्ल्ड होना ज़रूरी नहीं है और यूनिफ़ॉर्म्स भी अब बदल गई हैं. आज वे ज्यादा पेशेवर और उबाऊ हो गई हैं."
अपनी पसंद नापसंद के बारे में वे खुलकर बताते हैं, "जब इज़ीजेट ने उड़ान शुरू की, तो वे काले रंग का 501 जींस और पोलो शर्ट पहनती थीं. अमरीका की एसडब्ल्यू एयरलाइन का क्रू शॉर्ट्स और पोलो शर्ट पहनता था जो मुझे कतई पसंद नहीं था. लाउडा एयर का चालक दल अंतरिक्ष यात्री की पोशाक की तरह जंपर और चाँदी जैसे चमकीले जूते पहनता था जो बिल्कुल बेढब था."

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मस्किएट अपने संग्रह में आने वाली हर नई चीज़ की फ़ोटो लेते हैं और इस फोटो को अपनी वेबसाइट पर डाल देते हैं, उनकी सभी मनपसंद चीज़ें इसी दशक की हैं.
वो कहते हैं, "मैं 70 के दशक के शुरू के यूनिफ़ॉर्म्स को पसंद करता हूँ क्योंकि मुझे वह स्टाइल पसंद है - मोटा सिंथेटिक फैब्रिक, मन मोहने वाले प्रिंट्स, छोटे स्कर्ट्स और चटख रंग. तब एयरलाइंस ने यह समझना शुरू कर दिया था कि शरीर का आकर्षण बिकता है."
<bold>अंग्रेज़ी में <link type="page"><caption> मूल लेख यहाँ पढ़ें</caption><url href="http://www.bbc.com/culture/story/20141118-the-golden-age-of-the-air-hostess" platform="highweb"/></link> जो <link type="page"><caption> बीबीसी कल्चर</caption><url href="http://www.bbc.com/culture" platform="highweb"/></link> पर उपलब्ध है. </bold>
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