विश्व युद्ध: जब बमबारी के बीच फंसी एक बच्ची

- Author, क्रिस जैक्सन
- पदनाम, प्रस्तोता, इनसाइड आउट
उम्मीद जताई जा रही थी कि क्रिसमस से पहले युद्ध ख़त्म हो जाएगा. हालांकि क्रिस्मस आने में दस दिन से भी कम समय बचा था और जर्मनी की सेना ने उत्तर पूर्वी इंग्लैंड के कस्बे हार्टलेपूल पर बमबारी शुरू कर दी.
हार्टलेपूल के लोगों की नींद इस बमबारी के साथ खुली. लोगों में आतंक था और चारो तरफ़ घबराहट फैली हुई थी. शहर के लोग अपने बच्चों को लेकर दूर-दराज़ के ग्रामीण इलाक़ों में भाग गए. जर्मन सेना ने पूरे इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर लिया.
वायलेट म्यूर्स उस समय सात साल की थीं. बमबारी के बीच उनकी मां ने उन्हें अपनी ओर खींचते हुए कहा कि ''वो कहीं नहीं जाएंगी. अगर जर्मन मुझे मारने के लिए आ रहे हैं तो मैं अपनी धरती पर ही मरूंगी.''
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आपबीती
वायलेट के पिता उस समय घर से काफ़ी दूर नौसेना में थे. कयामत की तरह दिखने वाले उस दिन से पहले वायलेट की मां को लगता था कि वेस्ट हार्टलेपूल में परिवार के मुक़ाबले उसके पिता अधिक ख़तरनाक स्थिति में हैं.
मुझे पिछले साल वायलेट का इंटरव्यू लेने का मौक़ा मिला. उस समय तक उनकी उम्र 106 साल हो चुकी थी, लेकिन उन्हें अपने बचपन का वो दिल दहला देने वाला दिन एकदम ठीक तरह से याद था.

इमेज स्रोत, Hartlepool borough council
वो आकाश से आती चमकदार रोशनी को देखकर अचंभित थीं, जब जर्मन जहाज जेप्पेलिन हार्टलेपूल के एक रिसार्ट पर उतरा था.
चूंकि उस समय वायलेट काफ़ी छोटी थीं, इसलिए उन्हें लगता है कि इस बमबारी के कई दृश्य उन्हें नहीं देखने दिए गए होंगे.
अचानक हुए इस हमले में 100 से अधिक लोग मारे गए और 450 से अधिक घायल हुए. इनमें से ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे.
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खाना-खजाना
इस बात की कल्पना करना भी मुश्किल है कि उन भयानक क्षणों का एक बच्चे के मन पर कैसा असर हुआ होगा.
हालांकि इस भीषण नरसंहार के बीच कुछ हल्के-फुल्के क्षण भी थे. वायलेट अपने पति के साथ हुई घटना का ज़िक्र हंसते हुए करती हैं.
जिस सुबह बमबारी शुरू हुई, उन्हें मांस लाने के लिए बूचड़ख़ाने भेजा गया था. इसबीच जर्मन सेना ने हमला कर दिया.
जब तक वायलेट के पति, जो उस समय काफ़ी छोटे थे, अपने घर वापस लौटे, उनका परिवार उन्हें छोड़कर भाग चुका था.
वायलेट ने उनसे पूछा कि उन्होंने क्या किया? इस पर उन्हें जवाब मिला, "मेरे पास बढ़िया खाना था."
उस हालत के लिए यह वाक्यांश सही लगता है- "मेकिंग ग्रेवी अंडर गनफायर" यानी गोलीबारी के बीच शोरबा तैयार करना.
अफ़सोस की बात है कि वायलेट पिछले साल मर गईं. लेकिन हमारी कोशिश होगी कि उनकी कहानी जीवित रहे.
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