पायलट रहित यात्री विमान ने भरी उड़ान

मानव रहित विमान
इमेज कैप्शन, पायलट रहित यात्री विमान ने ब्रिटेन में उड़ान भरी

एक जेट एयरक्रॉफ़्ट साझा हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने वाला दुनिया का पहला पायलट रहित यात्री विमान बन गया है.

इसने यात्री विमान ने पिछले महीने ब्रिटेन में सफल उड़ान भरी. इस विमान में कोई पायलट नहीं था. लंकाशायर में प्रीस्टन के पास वार्टन रनवे से विमान ने साझा हवाई क्षेत्र में उड़ान भरते हुए 500 मील (लगभग 804 किलोमीटर) का सफर तय किया.

इसको जमीन पर स्थित कंट्रोल रुम से एक <link type="page"><caption> पायलट ने नियंत्रित</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/multimedia/2013/04/130413_bali_jet_crash_ns.shtml" platform="highweb"/></link> किया.पायलट को नेशनल एअर ट्रैफिक से निर्देश मिल रहे थे. इस तरह की उड़ानों को फ्लॉइंग टेस्टबेड के नाम से जाना जाता है.

इस परीक्षण यात्री विमान में 16 सीटें थीं. लेकिन एक भी यात्री नहीं था. इस विमान में तगड़े सेंसर लगे हुए थे ताकि स्थितियों पर नज़र रखी जा सके और किसी तरह की विपरीत परिस्थिति से निपटा जा सके.

नेशनल एअर ट्रैफ़िक सर्विस की अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) विशेषज्ञ एंड्रयू चैपमैन ने बीबीसी को बताया कि यात्री विमान ने लोगों की सुरक्षा के साथ समझौता किए बग़ैर उड़ान भरी है. यह <link type="page"><caption> पायलट रहित यात्री विमान </caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/multimedia/2013/05/130506_pilotless_planes_psa.shtml" platform="highweb"/></link>साझा हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए सुरक्षित है.

नियामक ढांचे की जरुरत

पायलट रहित विमान (यूएवी) की सफल उड़ान से लोग उत्साहित हैं. क्योंकि इससे भविष्य में ऐसे विमानों के नागरिक उपयोग पर विचार हो सकता है. लेकिन यूएवी को विभिन्न वर्गों की उड़ान में शामिल करने के लिए अभी बहुत सारी प्रक्रियाओं से गुज़रना है.

परीक्षण उड़ानों की श्रृंखला में यह नया प्रयास है. जिसको ऑटोनामस सिस्टम्स टेक्नॉलजी रिलेटेड एअरबोर्न रिवोल्यूशन एण्ड असेसमेंट की देखरेख में उड़ान से लैंडिंग तक की प्रक्रिया पूरी की गई.

इस परियोजना को ब्रिटेन की सरकार और व्यावसायिक संस्थानों से करीब 62 लाख पाउण्ड की वित्तीय सहायता मिली ताकि वे शोध कर सकें कि मानव रहित यात्री विमान को साझे हवाई क्षेत्र में कैसे सुविधाजनक ढंग से उड़ान भर सकते हैं?

ब्रिटेन के व्यवसाय और उर्जा मंत्री माइकल फॉलोन ने <link type="page"><caption> पायलट रहित विमानों की उड़ान </caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2013/05/130506_pilotless_plane_akd.shtml" platform="highweb"/></link>को भविष्य का रास्ता दिखाने वाला बताया.

ब्रिटिश एयरोस्पेस सिस्टम्स (बीएस) के एक प्रवक्ता ने बताया कि परीक्षण उड़ानों से नियामकों को मदद मिलेगी ताकि पायलट रहित यात्री विमानों को सामान्य विमानों के साथ उड़ान भरने से संबंधित नियम बनाए जा सकें. उन्होनें कहा कि "नियामक बनाने की प्रक्रिया अभी बहुत शुरुआती दौर में है."

सामाजिक प्रभाव

इस पायलट रहित यात्री विमान की सफल <link type="page"><caption> उड़ान का असर </caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/news/2011/09/110917_us_air_crash_ml.shtml" platform="highweb"/></link>काफी व्यापक होने की उम्मीद जताई जा रही है.ब्रिटेन इसके नागरिक उपयोग की पहल करने और नियामक निर्माण के कारण वैश्विक स्तर पर लाभदायक स्थिति में होगा.

इस परियोजना को नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) का भी सहयोग मिल रहा है. पिछले साल एक प्रेस वार्ता में परियोजना के निदेशक लैम्बर्ट ने कहा था कि मानव रहित विमानों का साझा हवाई क्षेत्र में उड़ान भरना तकनीकी चुनौती से अधिक मुश्किल है.

यह केवल तकनीक का मामला नहीं है, हम इसके सामाजिक प्रभावों पर भी सोच रहे हैं. इसके साथ-साथ जुड़े नैतिक और क़ानूनी पहलुओं पर भी ध्यान दे रहे हैं. अगर हमने इसको संभव बना लिया तो वह दिन दूर नहीं जब पायलट रहित यात्री विमान हवाई क्षेत्र में ऊंची उड़ान भरेंगे.

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