'सविता की मौत एक 'चिकित्सकीय हादसा' थी'

आयरलैंड में मिसकैरेज यानी गर्भ गिरने से हुई भारतीय मूल की सविता हलप्पनवार की मौत के मामले में ज्यूरी ने अपना फैसला दे दिया है और इसे 'चिकित्सकीय हादसा' करार दिया है.
31 वर्षीय <link type="page"><caption> सविता हलप्पनवार</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2012/12/121218_ireland_abortion_sdp.shtml" platform="highweb"/></link> की पिछले साल अक्टूबर में गॉलवै के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में मौत हो गई थी.
उनके परिवार का कहना है कि अगर गर्भपात की अनुमति दी जाती तो सविता की जान बचाई जा सकती थी.
जांच के दौरान बताया गया कि मौत का कारण सेप्टिक शॉक और ई कोलाई था. जांच का फैसला एक राय से किया गया.
सिफारिशों का समर्थन
शव परीक्षक डॉ. किरान मैकलफलिन ने कहा कि <link type="page"><caption> जांच</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2012/11/121124_international_others_savita_halppanvar_watchdog_investigation_pa.shtml" platform="highweb"/></link> के फैसले का ये अर्थ नहीं है कि मौत के लिए अस्पताल में किसी व्यक्तिगत नाकामी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
ज्यूरी ने शव परीक्षक की नौ सिफारिशों का समर्थन किया.
इनमें पहली सिफारिश थी कि आयरिश मेडिकल काउंसिल नए दिशानिर्देश जारी करे ताकि डॉक्टर किसी मां की जान बचाने के लिए हस्तक्षेप कर सकें.

डॉ. मैकलफलिन के अनुसार दिशानिर्देश डॉक्टरों से बीच संदेह और डर को दूर करेंगे और इससे आम जनता में भरोसा आएगा.
अन्य सिफारिशों में कहा गया है कि खून के नमूनों का बराबर अनुकरण किया जाए ताकि गलतियां न हों. साथ ही अस्पताल के कर्मचारियों के लिए उचित चिकित्सकीय प्रबंधन प्रशिक्षण और दिशानिर्देशों की वकालत की गई है ताकि उनके बीच बेहतर संवाद हो.
पांचवीं सालगिरह
डॉ. मैकलफलिन ने सविता के पति प्रवीण हलप्पनवार के प्रति सहानुभूति जताई है.
उनके अनुसार प्रवीण ने अपनी पत्नी के आखिरी दिनों में उनके प्रति खूब वफादारी और प्रेम दिखाया.
जांच का परिणाम ठीक उस दिन आया है जब प्रवीण और सविता की शादी को पांच साल हो रहे हैं.
इस बीच गॉलवे रोसकॉमन हॉस्पिटल ग्रुप के मुख्य संचालन अधिकारी ने माना कि सविता को मुहैया कराई गई देखभाल के मानकों में चूकें थीं.
उन्होंने शव परीक्षक की सभी सिफारिशों पर अमल करने की बात कही.












