सूडान में क्या चल रहा है जिसके कारण भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइज़री

सूडान में लड़ाई

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सूडान की राजधानी खार्तूम में शनिवार को सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच हुई गोलीबारी और विस्फोट के बाद हालात मुश्किल हो गए हैं.

सेना और अर्धसैनिक बल के बीच ये तनाव कई सालों से चल रहा है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक शहर के बीच स्थित सेना मुख्यालय के आसपास गोलियों की आवाज़ सुनी गई है.

गोलीबारी और झड़पों को देखते हुए सूडान में भारतीय दूतावास ने सूडान में रह रहे सभी भारतीयों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है.

दूतावास ने ट्वीट कर लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने, घर के अंदर रहने और तत्काल प्रभाव से घर से बाहर न निकलने के लिए कहा है.

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सूडान के अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फ़ोर्सेज़ (आरएसएफ़) ने कहा कि सेना के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद उन्होंने शनिवार को राष्ट्रपति भवन, सेना प्रमुख के आवास और खार्तूम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर कब्ज़ा कर लिया है.

इससे पहले आरएसएफ़ ने कहा था कि खार्तूम में स्थित उनके एक शिविर पर हमला किया गया है.

वहीं सेना का कहना है कि आरएसएफ़ के लड़ाके सैन्य मुख्यालय पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी एएफ़पी ने सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल नबील अब्दुल्ला के हवाले से कहा, "रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स के लड़ाकों ने खार्तूम और सूडान के आस-पास कई सैन्य शिविरों पर हमला किया है."

उन्होंने कहा, "लड़ाई जारी है और सेना देश की सुरक्षा के लिए अपना कर्तव्य का पालन कर रही है."

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सैन्य शिविर से धुएं की तस्वीरें

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने चश्मदीदों के हवाले से ये जानकारी दी है कि उत्तरी शहर मेरोवे में गोलीबारी हुई थी.

एजेंसी के मुताबिक अल अरबिया टीवी वहां मौजूद एक सैन्य शिविर से उठते हुए धुएं की तस्वीरें प्रसारित कर रहा है.

अक्टूबर 2021 में एक तख्तापलट के बाद से देश को सार्वभौम परिषद के ज़रिए सेना चला रही है.

आरएसएफ़, इस परिषद के उपाध्यक्ष जनरल मोहम्मद हमदान डगलो के अधीन आती है, वहीं सेना का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल बुरहान कर रहे हैं जो सार्वभौम परिषद के प्रमुख हैं.

इस हफ्ते तनाव बढ़ने पर गुरुवार को आरएसएफ़ ने मेरोवे में सैन्य अड्डे के पास अपनी सेना तैनात की.

सूडान में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स को सेना में मिलाने की योजना है, जिसे लेकर सालों से विवाद चल रहा है.

जनरल बुरहान का कहना है कि प्रस्तावित नागरिक सरकार में एकीकृत सेना का नेतृत्व कौन करेगा इस विवाद को सुलझाने के लिए वे अपने सेकेंड इन कमांड से बात करने को तैयार हैं.

पश्चिमी देशों और क्षेत्रीय नेताओं ने दोनों पक्षों से तनाव कम करने और बातचीत के टेबल पर लौटकर नागरिक शासन को बहाल करने के लिए कहा है. शुक्रवार को ऐसे संकेत मिले कि दोनों पक्षों के बीच की स्थिति सुलझ जाएगी.

अमेरिकी राजदूत ने किया ट्वीट

अमेरिकी राजदूत जॉन गॉडफ्रे ने ट्वीट कर कहा वरिष्ठ सैन्य नेताओं से तत्काल प्रभाव से लड़ाई बंद करने के लिए कहा है.

शहर की स्थिति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि गोलियों और लड़ाई की आवाजों से उनकी नींद खुली. इस वक्त मैं दूतावास की टीम के साथ वैसे ही जगह जगह शरण ले रहा हूं जैसा कि पूरे खार्तूम और दूसरी जगह सूडान के लोग कर रहे हैं."

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बढ़ते तनाव को लेकर रूस के दूतावास ने भी चिंता ज़ाहिर की है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रूसी दूतावास ने दोनों पक्षों से संघर्ष रोकने के लिए कहा है.

2021 में तख्तापलट से दो साल पहले सूडान पर राज कर रहे उमर अल-बशीर की सरकार को सत्ता से हटा दिया गया था और एक अंतरिम सरकार अस्तित्व में आई थी.

अंतरिम सरकार बनने के बाद से सेना और नागरिक सरकार में तकरार की स्थिति बनी थी, जिसके बाद 2021 में तख्तापलट हुआ.

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