पाकिस्तान: इमरान ख़ान ने कहा पुलिस कस्टडी में टॉर्चर करने की थी साज़िश

इमेज स्रोत, REUTERS/Mohsin Raza/File Photo
पाकिस्तान में तहरीक़े इंसाफ पार्टी के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची पुलिस के उन्हें पकड़ न पाने के बाद गुरुवार को उनके ख़िलाफ़ नई एफ़आईआर दर्ज की गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने गुरुवार को दावा किया है कि सरकार उन्हें "पुलिस कस्टडी में रखकर उन पर अत्याचार करना चाहती है और उनकी हत्या करना चाहती है."
इमरान ख़ान का ये बयान पंजाब पुलिस की उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश के एक दिन बाद आया है.
दो दिन तक भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए लाहौर स्थित इमरान ख़ान के घर पर पुलिस पहुंची थी, लेकिन उनके घर के बारह समर्थकों की भारी भीड़ के कारण वो इमरान ख़ान तक पहुंच नहीं सकी.
इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.
पोस्ट X समाप्त
एफ़आईआर में क्या है?
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने आज इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ एक और एफ़आईआर दर्ज की है. इस नए एफ़आईआर के अनुसार इमरान ख़ान पर पुलिस पर हमला करने के लिए लोगों को भड़काने का आरोप है.
एफ़आईआर के अनुसार जब पुलिस भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान ख़ान को गिरफ्तार करने पहुंची, तब इमरान ने ज़मान पार्क में मौजूद अपनी पार्टी के क़रीब 2,500 कार्यकर्ताओं को पुलिस पर हमला करने के लिए भड़काया.
एफ़आईआर में कहा गया है कि पार्टी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने वहां पुलिस की गाड़ियों में आग लगाई, पुलिस पेट्रोल बम फेंके. इसके बाद पुलिसकर्मियों और रेंजर्स पर हमला कर उन्हें ज़ख्मी किया.

इमेज स्रोत, RAHAT DAR/EPA-EFE/REX/Shutterstock
बीते दो दिनों से लाहौर में ज़मान पार्क के नज़दीक बने इमरान ख़ान के घर के बाहर बड़ी संख्या में उनकी तहरीक़े इंसाफ़ पार्टी (पीटीआई) के समर्थक मौजूद थे.
पुलिस और रेंजर्स ने समर्थकों को हटाने की कोशिश में आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन ग़ुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पत्थर और ईंट फेंके. इस घटना में क़रीब 60 लोग घायल हुए.
इमरान ख़ान ने क्या कहा?
गुरुवार को ज़मान पार्क में अपने घर पर वरिष्ठ पत्रकारों से बात करते हुए इमरान ख़ान ने साफ़तौर पर किसी का नाम नहीं लिया लेकिन पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के नेतृत्व वाली सरकार और फौज की तरफ इशारा किया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इमरान ख़ान ने कहा, "हमारे पास ख़बर थी कि वो मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं ताकि वो पहले मुझे टॉर्चर कर सकें और फिर बाद में मेरी हत्या कर दें."
दो दिन तक इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक़े इंसाफ़ के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को रोकने में कामयाब रहे और घंटों तक चले इस संघर्ष के बाद भी पुलिस ख़ान को गिरफ्तार नहीं कर सकी.
इसके बाद लाहौर कोर्ट ने शुक्रवार तक इमरान ख़ान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. बुधवार को पुलिस को इमरान ख़ान के घर के बाहर से वापिस बुलाया गया.
तहरीक़े इंसाफ़ प्रमुख इमरान ख़ान ने संवाददाताओं से वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ़ की हत्या की ज़िक्र किया.
साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म स्वाती और शहबाज़ गिल का ज़िक्र किया और कहा कि पुलिस कस्टडी में ख़ुफ़िया तंत्र के लोग उन पर अत्याचार कर रहे हैं.
उन्होंने दावा किया, "मेरे मामले में भी उन्होंने ऐसी ही कुछ योजना बनाई थी."
उन्होंने कहा कि पुलिस और रेन्जर्स का अभियान इसलिए छेड़ा गया ताकि उन्हें गिरफ्तार कर उन्हें टॉर्चर किया जा सके.
उन्होंने कहा, "इस सच्चाई की जानकारी मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी है. इसलिए उन्होंने इस योजना को नाकाम करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी."
इमरान ख़ान ने इस दौरान ये भी कहा कि रेंजर्स और पुलिस उन्हें पकड़ने के उनके क़रीब आ चुके थे.
उन्होंने दावा किया, "पुलिस अभियान के दौरान कुछ रेंजर्स और पुलिस अधिकारी मेरे घर के भीतर घुस आए थे और वो मुझे गिरफ्तार भी करने वाले थे. लेकिन फिर अल्लाह ने उनके दिल में मेरे लिए प्यार जगाया और वो मुझे गिरफ्तार किए बिना ही यहां से लौट गए."
इमरान ख़ान ने एक बार फिर सरकार पर आरोप लगाया है कि वो 90 दिनों के भीतर पंजाब और ख़ैबरपख़्तूनख़्वाह प्रांत में चुनाव नहीं करवाना चाहती और अगर ऐसा नहीं हुआ तो संविधान बचाने के लिए आंदोलन करेंगे.
इसी साल जनवरी में इन दोनों प्रातों की असेंबलियों को भंग कर दिया गया था.
पाकिस्तान चुनाव आयोग ने कहा है कि पंजाब में 30 अप्रैल और ख़ैबरपख़्तूनख़्वाह में 28 अप्रैल को चुनाव कराए जाएंगे.
इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ 83 एफ़आईआर
70 साल के इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की अदालत में भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे हैं. उन पर पीएम पद पर रहते हुए देश को मिले तोहफ़े बेचने का आरोप है.
हालांकि इमरान ख़ान का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.
उनके ख़िलाफ़ पूरे देश के कुल 83 एफ़आईआर दर्ज हैं. उन पर लोगों को भड़काने, महिला जज का अपमान करने और सरकारी कामकाज में दखल देने, हत्या के लिए उकसाने, आतंकवाद, गद्दारी और ईशनिंदा के आरोप हैं.
28 फरवरी को इस्लामाबाद की ज़िला और सेशन कोर्ट ने इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ तोशाख़ाना केस में ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी किया था.
उन्हें 13 मार्च को अदालत में पेश किया जाना था लेकिन इमरान ख़ान ने कोर्ट में अपने वकील के ज़रिए एक हलफ़नामा जारी किया जिसमें कहा गया है कि वह 18 मार्च को कोर्ट में पेश होंगे.

इमेज स्रोत, REUTERS/THAIER AL-SUDANI
नवंबर में एक रैली में उन पर हमला हुआ था जिसमें उनके पैर में चोट आई थी.
उन्होंने शहबाज़ शरीफ़ सरकार पर उन पर हमला करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मौजूदा सरकार का क़ानून से कोई नाता नहीं है, सत्ता में बने रहने के लिए वो अपने मददग़ारों के साथ मिलकर उनकी हत्या करना चाहती है.
हालांकि शहबाज़ शरीफ़ ने इन आरोपों से इनकार किया था.
सत्ता से बाहर होने के बाद से वो लगातार मांग करते रहे हैं कि साल के आख़िर में होने वाले चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं. इस मांग को लेकर उनकी पार्टी लगातार विरोध प्रदर्शन कर मौजूदा शहबाज़ शरीफ़ सरकार पर दबाव बनाए हुए है.
वो बार-बार पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज़ शरीफ़ की तरफ़ इशारा कर कहते रहे हैं कि शरीफ़ के इशारों पर उनके ख़िलाफ़ साज़िश की जा रही है.
उनका आरोप है कि रूस, चीन और अफ़ग़ानिस्तान से जुड़ी उनकी विदेश नीति के कारण अमेरिका के नेतृत्व में उनके ख़िलाफ़ साजिश की जा रही है.
बीते साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद के बाद इमरान ख़ान सत्ता से बाहर हो गए थे जिसके बाद से वो देश में जल्द से जल्द चुनाव करवाने की मांग कर रहे हैं.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

















