इमरान ख़ान की जान बचाने के लिए हमलावर से भिड़ गया ये शख़्स

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- इमरान ख़ान पर हमला करने वाले को रोकने के लिए कुछ लोग उसकी ओर भागे
- इनमें से एक कार्यकर्ता की गोली लगने से मौत
- इब्तेसाम हसन नाम के कार्यकर्ता ने हमलावर हाथ पकड़ा और उसे कंटेनर पर सीधा निशाना लगाने से रोका
- इमरान ख़ान की पहली पत्नी ने इब्तेसाम को बताया- हीरो
- पढ़िए इब्तेसाम हसन ने कैसे रोका हमलावर को

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पर गुरुवार को एक बंदूकधारी ने गोलियाँ चलाईं और उन्हें घायल कर दिया. इस गोलीबारी इमरान की पार्टी तहरीके इंसाफ़ के 14 कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं और एक कार्यकर्ता की मौत हो गई है.
इमरान ख़ान लाहौर के शौकत ख़ानम अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी टांग में लगी गोली निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया है.
आज इमरान ख़ान ने अपनी पार्टी की एक बैठक बुलाई है, जिसमें वो अपनी आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे.
इमरान ख़ान की तहरीके इंसाफ़ पार्टी लाहौर से इस्लामाबाद तक एक लॉन्ग मार्च कर रही है. पार्टी चाहती है कि पाकिस्तान में जल्द से जल्द आम चुनाव हों.
इसी मार्च के दौरान पंजाब प्रांत के गुजरांवाला में ख़ान के कंटेनर पर गुरुवार को एक बंदूकधारी ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं.
गोलियां चला रहे हमलावर की रोकने के लिए तहरीके इंसाफ़ के कई कार्यकर्ता उसकी ओर बढ़े. इन्हीं में से एक कार्यकर्ता की गोली लगने से मौत हो गई.
लेकिन एक इब्तेसाम हसन नाम के पीटीआई वर्कर हमलावर से भिड़ गया. इब्तेसाम ने उसे मज़बूती से पकड़ लिया, जिसके बाद हमलावर गोलियां नहीं चला सका.
घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए इब्तेसाम ने कहा कि वो इमरान ख़ान के कंटेनर से महज़ दस फ़ुट की दूरी पर था.
ऐसे रोका हमलावर को

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उन्होंने कहा, " हमलावर आया और उसने अभी मैगज़ीन लोड ही की थी और गोलियां चलाना शुरू कर दी थीं. मैं तेज़ी से उसकी ओर भागा और उससे भिड़ गया. उसके बाद उसकी गोलियां नीचे ज़मीन पर लगी हैं. मैंने उसका पिस्टल छीनना चाहा और छीनझपटी में पिस्टल नीचे गिर गया. फिर उसने भागना चाहा, मैंने उसे दोबारा पकड़ने की कोशिश की. इसके बाद पुलिस आई और उसे पकड़ कर ले गई."
इब्तेसाम ने घटना के बारे पाकिस्तान के एक टीवी चैनल को तफ़्सील से जानकारी दी.
उन्होंने बोल न्यूज़ को बताया, "मेरा मक़सद था कि ख़ान साहब की ओर निशाना न लगे. जब मेरी निगाह उसपर पड़ी तो मुझे वो संदिग्ध लगा. तुरंत ही उसने सलवार से पिस्तौल निकाली. जैसे ही उसने पिस्तौल निकाली, मैं तेज़ी से उसकी तरफ़ भागा."
"वो ख़ान साहब की तरफ़ सीधा निशाना नहीं लगा पाया था. इसी बीच जिस हाथ में उसने पिस्तौल पकड़ी थी मैंने उसे पकड़ लिया. उसके बाद भी गोलियां चली हैं लेकिन किसी पर निशाना लगा कर नहीं. मेरा मकसद था कि मेरी जान जाए तो जाए, लेकिन ख़ान साहब की जान बच जाए."
सोशल मीडिया पर तारीफ़
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पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर इब्तेसाम की दिलेरी की ख़ूब तारीफ़ हो रही है.
इमरान ख़ान की पहली पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ ने ट्वीटर पर इब्तेसाम की तस्वीर साझा करते हुए लिखा - हीरो.
तहरीके इंसाफ़ की सरकार में मंत्री रही ज़रताज गुल वज़ीर ने कहा- अब ये नौजवान नेशनल हीरो है. इसने ख़ान साहब पर निशाना नहीं लगने दिया.
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पाकिस्तान के एक बिज़नेसमैन मीर मोहम्मद अली ख़ान ने कहा कि शूटर की ओर झपट कर उसकी पिस्तौल पकड़ने वाला इब्तेसाम हीरो है.
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क्या हुआ था गुरुवार को
लाहौर से इस्लामाबाद के लिए शुरू हुआ इमरान ख़ान की पार्टी का मार्च पंजाब के गुजरांवाला में पहुंचा. हज़ारों लोग इस काफ़िले में शामिल थे.
इमरान ख़ान अपने कंटेनर में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ मौजूद थे.
तभी वहाँ एक शख़्स ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं. जब तक उस हमलावर पर काबू पाया, 14 लोग घायल हो गए थे और एक व्यक्ति की जान चली गई थी. साथ ही इमरान ख़ान को भी टांग में गोली लगी थी.
इमरान ख़ान को तुरंत लौहार के शौकत ख़ानम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ देर रात उनका ऑपरेशन हुआ और अब वो ख़तरे से बाहर बताए जा रहे हैं.
इस अस्पताल का निर्माण भी इमरान ख़ान ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान करवाया था.
इमरान ख़ान की पार्टी ने इस हमले के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और गृहमंत्री राना सनाउल्लाह को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि ये ख़ान की हत्या की कोशिश थी.
पाकिस्तान में सत्तारूढ़ गठबंधन और शहबाज़ शरीफ़ की पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज़) ने कहा है कि पंजाब में पीटीआई की हुकूमत है और पुलिस उन्हीं के मातहत है.
पीएम शरीफ़ ने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया है और सारे मामले की जाँच की घोषणा की है,
कॉपी - पवन सिंह अतुल
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