चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को पार्टी अधिवेशन से बाहर ले जाने का नया फ़ुटेज आया सामने, क्या पता चला?

हू जिंताओ

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चीन के पूर्व नेता हू जिंताओं के साथ पिछले हफ़्ते बीजिंग में कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन से निकाले जाने से जुड़े कुछ नए फ़ुटेज सामने आए हैं.

इनमें डिटेल में देखा जा सकता है कि पोलित ब्यूरो से बाहर होने वाले सदस्य ली जंशु जिंताओं से एक फ़ाइल लेते हैं और कुछ बातें करते हैं. वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक दूसरे व्यक्ति को विस्तार से कुछ बताते हैं, वो व्यक्ति बाद में हू को जाने के लिए कहता है.

इस अचानक हुई हरकत ने कई अटकलों को जन्म दिया. कई लोगों का कहना था कि जिनपिंग ऐसा कर ये दिखाना चाहते थे कि हू का दौर अब ख़त्म हो चुका है. हालांकि कुछ और लोगों का मानना है कि मुमकिन है कि ऐसा हू की ख़राब सेहत के कारण किया गया हो.

सरकार न्यूज़ एजेंसी शिन्हुआ ने बाद में एक ट्वीट कर बताया कि जिंताओं को बाहर ले जाया गया क्योंकि वो अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे. हालांकि ये जानकारी चीन के अंदर नहीं दी गई. ट्विटर का इस्तेमाल चीन में प्रतिबंधित है.

ये वाकया जिनपिंग और उनके करीबियों के तीसरे कार्यकाल की घोषणा से एक दिन पहले का है. इसकी टाइमिंग और चीन की अपारदर्शिता के कारण दुनियाभर में इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं.

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राजनीतिक ड्रामा?

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कई लोगों का कहना है कि ये जानबूझ कर किया गया एक राजनीतिक ड्रामा था. हू 2003 से 2013 तक राष्ट्रपति थे, उनके नेतृत्व में चीन बाहरी दुनिया के लिए खुलता नज़र आ रहा था. लेकिन जिनपिंग का दौर बिल्कुल अलग है. नई फ़ुटेज सिंगापुर के चैनल न्यूज़ एशिया ने जारी किया है.

इससे जिंताओ के बीमार होने की बात गलत साबित नहीं होती, लेकिन ये नज़र आता है कि उसके सामने रखे गए दस्तावेज़ों का इस वाकये के साथ संबंध था.

फुटेज में ली जंशु जिंताओ की मदद के लिए खड़े होते दिख रहे हैं, लेकिन इसके बाद उन्हें वान्ग हूनिंग उन्हें सीट पर वापस खींचते हैं. इसके बाद जिंताओ जिनपिंग को कुछ कहते हैं, जिस पर वो ध्यान नहीं देते और जिंताओ को बाहर ले जाया जाता है. आसपास बैठे लोग इस ओर देखते भी नहीं हैं

कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार संडे टाइम्स के पूर्व संपादक डेंग यूवेन कहते हैं कि ऐसा नहीं हो सकता कि पार्टी ने कोई ऐसा दस्तावेज़ वहां रखा हो, जिसे जिंताओ को पढ़ने की इजाज़त नहीं है. ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में ये मुमकिन नहीं है क्योंकि सभी कैमरे की नज़र में होते हैं.

वो कहते हैं, "ये अजीब बात थी. इसे कोई समझ नहीं सकता जब इस बात से जुड़े सबूत न मिलें की फ़ाइल में क्या था और वहां पर क्या बातें हुईं."

ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के वेन-सी सुंग कहती हैं कि नई फ़ुटेज से सबकुछ साफ़ नहीं समझ आ रहा.

वो कहती हैं, "चीन में सबकुछ सही तरीके से होता है, ख़ासतौर पर एक ऐसे हाई प्रोफ़ाइल इवेंट में, और वो भी जिनपिंग के शासन में जहां सबकुछ कंट्रोल के बारे में है."

हू जिंताओ

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अफ़वाह या सच?

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"इससिए जिंताओ का कथित तौर पर आपे से बाहर होना और उनका अचानक जाना अजीब है, इसलिए अफ़वाहे भी निकल कर आ रही हैं. लेकिन अफ़वाहे या अटकलों को सही भी नहीं मान लेना चाहिए."

लेकिन डेंग का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें जिंताओ के पूर्व सेकेंड इन कमांड वेन जिआबाओ शामिल हैं, वो सभी जब जिंताओ को उनके पीछे से बाहर ले जाया जा रहा था, तो सामने देख रहे थे, ये कुछ इशारा तो करता है.

वो कहते हैं, "वहां जो हो रहा था, उसका गहरा असर वहां बैठे अधिकारियों पर हो रहा होगा."

"हालांकि जिनपिंग की ताकत पर इसका कोई असर नहीं होगा, ये अधिकारियों पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव डालेगा."

अगर पिछले दिनों जो हुआ वो प्लान नहीं किया हुआ था और सिर्फ जिंताओ की तबीयत के कारण ऐसा किया गया, तब भी अगले दिन जिनपिंग की पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग केमिटी की लाइन अप ने जता दिया कि पूर्व राष्ट्रपति अब बाहर जा चुके हैं - हू जिंताओ की नीतियां अब वापस नहीं लौटेंगी.

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