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यूक्रेन युद्ध: क्या ख़त्म होते जा रहे हैं रूस के हथियार?
- Author, रियलिटी चेक टीम
- पदनाम, बीबीसी न्यूज़
रूस ने इस सप्ताह यूक्रेन पर धुआंधार हवाई हमले किए हैं, लेकिन कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के हथियारों की सप्लाई कम हो रही है, ख़ासकर सटीक निशाना भेदने वाली आधुनिक मिसाइलें.
रूस ने जब हाल ही में यूक्रेन पर मिसाइल हमले तेज़ किए तो यह सवाल भी उठने लगा कि आखिर किस तरह के हथियार वहां इस्तेमाल हो रहे हैं.
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रूस ने धरती से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल कर यूक्रेन में धरती पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाया, जो यह दिखाता है उसके पास उपयुक्त हथियारों की कमी है.
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटिजिक स्टडीज़ में मिलिट्री एक्सपर्ट डगलस बेरी ने कहा, ''हालिया हमलों में एक बात जो ध्यान में रखने वाली है वो है धरती पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली मिसाइलें.''
''धरती पर क्रूज़ मिसाइलों से हमले किए गए हैं जिनसे अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ गड़बड़ है. कम से कम कुछ इलाकों में हथियार बिल्कुल ख़त्म नहीं भी हुए तो बेहद कम होने की संभावना ज़रूर है.''
रूस ने युद्ध की शुरुआत में पूरे यूक्रेन में ज़मीनी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए कई सटीक-निर्देश वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया. लेकिन गर्मियों में रूस की ओर से हमले कम होते गए. इस पर कुछ विशेषज्ञों ने माना कि शायद रूस के पास मौजूद हथियारों का भंडार काफ़ी कम हो गया है.
ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी जीसीएचक्यू के प्रमुख जेरेमी फ्लेमिंग ने कहा, ''हम जानते हैं और ग्राउंड पर मौजूद रूसी कमांडर जानते हैं कि उनकी सप्लाई और हथियार लगातार कम हो रहे हैं.''
इस बात के क्या सबूत हैं?
रूस के पास कितनी मिसाइलें हैं, यह बहुत स्पष्ट नहीं है क्योंकि उनकी सुरक्षा बेहद गुप्त है. पश्चिमी खुफिया एजेंसियां किस आधार पर यह दावा कर रही हैं, हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते. लेकिन हालिया हमलों की जो तस्वीरें सामने आई हैं उनसे कुछ सुराग मिले हैं.
यूक्रेन में कुछ जगहों पर पड़े मलबे में रूस की एस-300 मिसाइलों के टुकड़े मिले हैं.
ये ऐसे हथियार हैं जिनका इस्तेमाल अमूमन हवा में लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए होता है, ज़मीन पर नहीं.
सोशल मीडिया पर मौजूद कई पोस्ट में यह दावा किया गया है कि एस-300 मिसाइलों का इस्तेमाल ज़मीनी लक्ष्यों को निशाना बनाकर किया गया है.
हमने ऑनलाइन सर्कुलेट हो रही तस्वीरों को करीब से देखकर समझने और वेरिफाई करने की कोशिश की. ऑनलाइन शेयर हो रही तस्वीरों को हमने मलबे में मौजूद एस-300 मिसाइलों के टुकड़ों से मिलाया और पाया कि उन पर मौजूद लेबलिंग एक जैसी है.
उनका आकार भी एकदम वैसा ही है.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि रूस इन हथियारों का इस्तेमाल इसलिए कर रहा है क्योंकि उसके पास अब सटीक निशाना लगाने वाली निर्देशित मिसाइलें कम हो गई हैं.
मैकेंज़ी इंटेलिजेंस सर्विस के लुइस जोनेस ने कहा, ''मुझे यकीन है उनका स्टॉक खत्म हो रहा है, उन्होंने नए हथियार बनाने की अपनी क्षमता को परखा होगा और महसूस किया होगा कि अगला सबसे अच्छा कदम एस-300 मिसाइल इस्तेमाल दूसरे मकसद से करना ही हो सकता है.''
रूस ज़मीन से हवा में लक्ष्य भेदने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल इस तरह से कर रहा है उसके पीछे एक वजह यह भी हो सकती है कि वो यूक्रेन पर रूसी वायुसेना के सामने कई मजबूरियां और बाधाएं हैं. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से अब तक रूसी वायुसेना यूक्रेन पर खुलकर हवाई हमले करने में नाकाम रही है.
क्या ये मिसाइलें यूक्रेन की हैं?
रूस और यूक्रेन दोनों के पास एस-300 मिसाइलें हैं और दोनों देश एक-दूसरे को हालिया हमलों से हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
यूक्रेनी सेना रूसी मिसाइलों को मार गिराने के लिए इनका इस्तेमाल करती है और रूस का आरोप है कि इनके धरती पर गिरने से आम नागरिकों को नुकसान पहुंच रहा है, न कि उसके हमलों से.
रूसी संसद में अधिकारी इवगेनी पोपोव ने बीबीसी को बताया कि यूक्रेन में जो भी नुकसान आम नागरिकों के इलाके में जैसे बच्चों के प्लेग्राउंड में हो रहा है, वो ''यूक्रेन के एंटी मिसाइल सिस्टम की वजह से हो रहा है.''
हथियारों के विशेषज्ञों का कहना है कि मलबे में पड़ी मिसाइलों से यह नहीं पता लगाया जा सकता कि उन्हें कहां से छोड़ा गया है.
रॉयल यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूट में रक्षा विशेषज्ञ सिद्धार्थ कौशल ने कहा, ''धमाके के बाद एस-300 जैसी समान मिसाइल के वारहेड लगभग एक जैसा मलबा बनाते हैं या एक जैसा नुकसान पहुंचाते हैं, ऐसे में इसका सटीक जवाब देना अनिश्चित है.''
सेंटर फॉर स्ट्रैटिजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ में फ़ेलो इयान विलियम्स कहते हैं कि हालिया हमलों में उन्होंने ऐसा कोई सबूत नहीं दिखा जिसमें यूक्रेन के एंटी मिसाइल सिस्टम ने उसे नुकसान पहुंचाया हो.
वो कहते हैं, जो तस्वीरें अभी सामने आई हैं उनके आधार पर कुछ स्पष्ट रूप से कहना संभव नहीं है. दूसरा यह भी हो सकता है कि यूक्रेन ने अपने डिफ़ेंस सिस्टम सिटी सेंटर में ही लगा रखे थे.
इयान ने कहा, ''अमूमन आप एंटी मिसाइल सिस्टम इलाकों में लगाते हैं. ऐसे में कोई भी यूक्रेनी इंटरसेप्टर शहरी इलाके में गिरने की संभावना नहीं है''
रूस ने और कौन से हथियार इस्तेमाल किए?
रूस ने मिसाइल हमलों के साथ युद्ध शुरू किया. पेंटागन का अनुमान है कि युद्ध के शुरुआती 11 दिनों में रूस ने करीब 600 मिसाइलें यूक्रेन पर दागी थीं.
रूस ने धरती, समुद्र और हवा से भी हमले जारी रखे. रूस ने बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों से भी हमले किए. ये मिसाइलें जहाजों और सबमरीन से दागी गईं.
बीबीसी ने जून में क्रेमेंचक शॉपिंग सेंटर में हुए हमले का विश्लेषण किया जिसमें 20 लोग मारे गए थे. इस हमले में KH-22 या इसके आधुनिक संस्करण KH-32 का इस्तेमाल किया गया था.
ये पुरानी मिसाइलें आमतौर पर दूसरे लक्ष्यों को निशाना बनाने की बजाय जहाजों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन की गई हैं. इससे भी यह अंदेशा हुआ कि शायद रूस के पास मिसाइलों और हथियारों का स्टॉक खत्म हो रही हैय
रिपोर्टिंग: जोश चीथम, क्रिस पार्ट्रिज, थॉमस स्पेंसर, जेक हॉर्टॉन और डेनियल पलुम्बो
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