यूक्रेन-रूस युद्धः तेज़ी से आगे बढ़ रहा यूक्रेन, रूस ने अमेरिका को चेताया

रूसी सैनिकों के पीछे छोड़े गए इस टैंक पर यूक्रेन का झंडा लहरा रहा है
इमेज कैप्शन, रूसी सैनिकों के पीछे छोड़े गए इस टैंक पर यूक्रेन का झंडा लहरा रहा है

यूक्रेन की सेनाएं तीन इलाक़ों खेरसोन, ख़ारकीएफ़ और डोनेत्स्क में रूसी सेनाओं की तरफ़ बढ़ रही हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने एक बयान जारी कर कहा है कि यूक्रेन की सेनाएं तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं, ख़ासकर खेरसोन में.

ज़ेलेंस्की ने कहा है, "यूक्रेन की सेना अपने डिफेंस ऑपरेशन के तहत देश के दक्षिणी हिस्से में तेज़ी और मज़बूती से आगे बढ़ रही हैं. इस सप्ताह दर्जनों ठिकानों को रूस के फ़र्ज़ी जनमतसंग्रह के नियंत्रण से मुक्त कर लिया गया है. ये ख़ेरसोन, ख़ारकीएफ़, लुहांस्क और डोनेत्स्क क्षेत्रों में हैं."

जेलेंस्की ने अपने बयान में ख़ेरसोन क्षेत्र में रूस के नियंत्रण से मुक्त कराए गए दर्जनों क़स्बों और गांवों के नाम भी बताए हैं.

ज़ेलेंस्की ने कहा, "हमारे योद्धा रुक नहीं रहे हैं और ये बस समय की ही बात है जब हम क़ब्ज़ा करनेवालों को अपनी ज़मीन से खदेड़ देंगे."

यूक्रेन के तेज़ आक्रमण की वजह से नीपर नदी के पश्चिम में रूस की मौजूदगी अब ख़तरे में है.

मुक्त किए गए एक क़स्बे की ये तस्वीर बीबीसी ने ली है
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यूक्रेन का कहना है कि उसने उन क्षेत्रों में बड़ी बढ़त हासिल की है जिन्हें रूस ने अपने में मिलाने की घोषणा की थी.

नीप्रो नदी के पश्चिम में यूक्रेन अपनी मौजूदगी मज़बूत कर रहा है और युद्ध के मैदान से आ रही रिपोर्टों के मुताबिक़ उत्तर-पश्चिम में भी यूक्रेन की स्थिति मज़बूत हो रही है.

इसी बीच रूस की तरफ़ से यूक्रेन के सैन्यबलों पर हमले जारी हैं. यूक्रेन के अधिकारियों के मुताबिक़ राजधानी कीएफ़ के दक्षिण-पश्चिम में एक शहर पर विस्फोटक ड्रोन से हमले किए गए हैं. इसके अलावा ज़ैपोरीज़िया शहर समेत कई क़स्बों पर बमबारी हुई है.

यूक्रेन का कहना है कि उसने लुहांस्क क्षेत्र में भी बढ़त बनाई है जो अब से पहले पूरी तरह रूस के नियंत्रण में था.

टेलीग्राम पर क्षेत्रीय प्रमुख सरहे हेदाई ने कहा, "लुहांस्क क्षेत्र को क़ब्ज़ामुक्त करने की प्रक्रिया अधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है."

हालांकि बीबीसी यूक्रेन के इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सकी है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बीते सप्ताह ही यूक्रेन के चार इलाक़ों को जनमतसंग्रह के आधार पर रूस में शामिल किया था. हालांकि पश्चिमी देशों ने इस जनमतसंग्रह को फ़र्ज़ी और अवैध बताकर नकार दिया है.

रूस की अमेरिका को चेतावनी

यूक्रेन की सेना कई इलाक़ों में आगे बढ़ रही है

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इसी बीच अमेरिका ने यूक्रेन को और अधिक सैन्य मदद भेजने का भरोसा दिया है. बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि वो यूक्रेन को 62.5 करोड़ डॉलर की तुरंत सैन्य मदद भेज रहा है.

रूस ने इस अमेरिकी मदद पर तीख़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इससे रूस के लिए आपात ख़तरा पैदा हुआ और अमेरिका 'इस संघर्ष का हिस्सा बन रहा है.'

रूस ने कहा है कि यूक्रेन को सैन्य मदद भेजने के अमेरिका के फ़ैसले से अमेरिका और रूस के बीच सीधे सैन्य संघर्ष का ख़तरा बढ़ गया है.

अमेरिका में रूस के राजदूत एनाटोली एनटोनोफ़ ने चेतावनी देते हुए कहा है, "हम अमेरिका से उकसावे के ऐसे क़दम रोकने की अपील करते हैं जिनके बहुत गंभीर परीणाम हो सकते हैं."

हाल के कई सप्ताह में जंग के मैदान में यूक्रेन के हाथों कई झटके झेलने के बाद रूस ने कहा है कि वो अपनी पूरी क्षमता से अपनी सुरक्षा करेगा. रूस ने परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की संभावना को भी नहीं नकारा है.

रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोफ़ ने बीबीसी से कहा है कि रूस यूक्रेन से उन इलाक़ों को वापस छीन लेगा जहां से वो फिलहाल पीछे हट रहा है.

फ़ोन कॉल पर बीबीसी से बात करते हुए पेस्कोफ़ ने कहा है कि ये इलाक़े हमेशा रूस के ही रहेंगे और इन्हें वापस हासिल कर लिया जाएगा.

यूक्रेन के सैनिकों ने ब्रिटेन में प्रशिक्षण हासिल किया है

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'यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा ब्रिटेन'

ब्रिटेन ने यूक्रेन के लिए अपनी मदद जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है.

पहले ब्रितानी विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने कहा कि ब्रितानी सरकार यूक्रेन की मदद के अपने प्रयासों को दोगुना करेगी.

अब ब्रितानी प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस ने कहा है कि ब्रिटने अपने दोस्त यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा, भले ही ये संघर्ष कितना ही लंबा क्यों ना हो.

एक प्रेस वार्ता में ट्रस ने कहा, "यूक्रेन जीत सकता है, यूक्रेन को जीतना ही होगा और यूक्रेन ही जीतेगा."

ज़ैपोरीज़िया पावर प्लांट

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रूस की निगरानी में चलेगा ज़ैपोरीज़िया पावर प्लांट

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने कहा है कि ज़ैपोरीज़िया परमाणु संयंत्र अब रूस के नियंत्रण में चलेगा.

इसी सप्ताह रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ज़ैपोरीज़िया समेत यूक्रेन के चार इलाक़ों को रूस में शामिल करने की घोषणा की थी.

अब परमाणु संयंत्र को लेकर ये बयान इसी घोषणा के बाद आया है.

ज़ैपोरीज़िया परमाणु संयंत्र यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु बिजली केंद्र हैं जो युद्ध शुरू होने के कुछ सप्ताह बाद से ही रूस के नियंत्रण में है और इस पर कई बार हमले हो चुके हैं.

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु मामलों पर नज़र रखने वाली संस्था ने इस संयंत्र की सुरक्षा को लेकर चिंताएं ज़ाहिर की हैं और इसके इर्द-गिर्द के इलाक़े को असैन्य क्षेत्र घोषित करने की मांग की है.

इस प्लांट की स्थिति पर चर्चा करने के लिए आईएईए के प्रमुख राफ़ेल ग्रॉसी मास्को जाने वाले हैं.

प्रशिक्षण लेते रूस के नए सैनिक

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रूस के नए सैनिक ले रहे हैं प्रशिक्षण

हाल ही में जारी तस्वीरों में रूस के नए सैनिक प्रशिक्षण हासिल करते हुए दिख रहे हैं.

राष्ट्रपति पुतिन ने तीन लाख नए सैनिकों की भर्ती का एलान किया था जिसके बाद से दो लाख से अधिक सैनिक रूस की सेना में शामिल हो चुके हैं.

ये नए सैनिक रोस्तोफ़-ऑन-डोन शहर के पास प्रशिक्षण केंद्र में निशाना लगाने का अभ्यास करते दिख रहे हैं.

पुतिन के नए सैनिकों की भर्ती के ऐलान के बाद रूस में बड़े पैमाने पर युद्ध के ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी हुए थे जिनमें शामिल हज़ारों लोगों को हिरासत में लिया गया है.

सेना में भर्ती होने से बचने के कारण किसी व्यक्ति पर पहला मुक़दमा दर्ज होने की भी पुष्टि हुई है.

मानवाधिकार अधिवक्ता पेवेल चीकोफ़ ने बताया है कि पेंज़ा शहर के एक 32 वर्षीय युवक पर दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर न करने के लिए आपराधिक मुक़दमा दर्ज किया गया है. इस आरोप में दो साल तक की सज़ा हो सकती है.

लाइमैन शहर में ज़िंदगी के वापस पटरी पर लौटने के कुछ संकेत दिखाई दिए
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क़ब्ज़ा मुक्त इलाक़ों में कैसी है ज़िंदगी?

बीबीसी संवाददाता ओरला गुएरिन यूक्रेन के मुक्त किए गए इलाक़ों में पहुंची हैं और उन्होंने स्थानीय लोगों से बात की है.

ओरला गुएरिन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ''क़ब्ज़ामुक्त शहर में हर तरफ़ मलबा और बर्बादी के निशान ही दिखाई दे रहे हैं. गिने-चुने नागरिक ही बाहर सड़कों पर दिखाई देते हैं. जगह-जगह सड़कों पर रूस के सैनिकों के शव पड़े दिखाई देते हैं.''

ओरला लिखती हैं, "पांच रूसी सैनिकों के शव एक दूसरे के पास पड़े थे. कुछ अब सड़ने लगे थे. ये कभी किसी के पति या बेटे रहे होंगे. इन्होंने पूरी पोशाक पहनी हुई थी. पैरों में जूते थे, ऐसा लग रहा था कि वो भागने की कोशिश कर रहे होंगे और उन्हें एक साथ ही मार दिया गया."

जो चुनिंदा नागरिक बीबीसी से मिले वो कई महीनों की बमबारी झेलने के बाद सदमे में थे. उन्हें अभी नहीं पता है कि उनका बुरा दौर समाप्त हो गया है या नहीं.

अपनी रिपोर्ट में ओरला ने लिखा है, "रूसी यहां से चले गए हैं लेकिन ऐसी बर्बादी हुई है जिसे कभी ठीक नहीं किया जा सकेगा, बड़ी तादाद में लोग मारे गए हैं जो फिर से ज़िंदा नहीं होंगे."

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