रूसी जनरल का दावा, रूस यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से को नियंत्रण में लेगा

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- Author, मैट मर्फ़ी
- पदनाम, बीबीसी न्यूज़
रूस के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा है कि रूस यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के साथ-साथ दक्षिणी हिस्से पर पूरी तरह नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहा है.
रूस के सरकारी मीडिया ने मेजरल जनरल रुस्तम मिनेकायेव के हवाले से लिखा है कि अगर इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाता है तो साल 2014 में क़ब्ज़े में लिए गए क्राइमिया को ज़मीनी रास्ते से जोड़ा जा सकेगा.
उन्होंने ये भी कहा है कि इससे रूस को मोलडोवा के रूस समर्थित अलगाववादियों के असर वाले इलाके ट्रांसनिस्त्रिया तक पहुंच हासिल होगी.
ट्रांसनिस्त्रिया एक छोटा सा इलाका है जिसकी सीमा यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से से लगती है.
अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि जनरल मिनेकायेफ़ के इस बयान को पुतिन सरकार की ओर से आधिकारिक मंजूरी दी गयी थी या नहीं.

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सरकारी मीडिया में मिली जगह
लेकिन इन बयानों को रूस के सरकारी मीडिया जैसे इंटरफ़ैक्स और तास न्यूज़ एजेंसी ने प्रमुखता से जगह दी है.
रूसी रक्षा अधिकारियों ने बीबीसी संवाददाता स्टीव रोज़ेनबर्ग को बताया है कि वे जनरल मिनकायेफ़ के बयानों की समीक्षा कर रहे हैं.
लेकिन अगर ये साबित होता है कि इन बयानों को सरकारी मंजूरी हासिल थी तो इससे पुतिन सरकार की आने वाले दिनों के लिए संभावित योजनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी.
इसी बीच यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि रूस आने वाले दिनों में पूर्वी यूक्रेन और दक्षिण यूक्रेन के तटीय इलाके में अपने हमले बढ़ा सकता है, और आने वाले दो हफ़्ते इस युद्ध में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.
मोलडोवा के विदेश मंत्रालय ने इन बयानों को काफ़ी चिंताजनक बताते हुए रूसी राजदूत को समन भेजा है.
क्या है मोलडोवा का मामला?
मोलडोवा के अलगाववाद प्रभावित क्षेत्र ट्रांसनिस्त्रिया की सीमा यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से से लगती है. यहां पर ज़्यादातर लोग रूसी भाषा बोलते हैं.
सोवियत संघ के विघटन के बाद इस क्षेत्र ने एक खूनी संघर्ष के बाद स्वतंत्रता हासिल की थी.
लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मान्यता प्राप्त नहीं है और ये अभी भी आधिकारिक रूप से मोलडोवा का हिस्सा है.
एक शांति समझौते के तहत इस क्षेत्र में साल 1995 से 1500 रूसी सैनिकों की एक टुकड़ी तैनात है.
रूस के सेंट्रल मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के डिप्टी कमांडर जनरल मिनकायेफ़ ने शुक्रवार को एक सैन्य कार्यक्रम में बोलते हुए ये बयान दिया.
उन्होंने कहा, "यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र पर नियंत्रण ट्रांसनिस्त्रिया तक पहुंचने का एक तरीका है जहां रूसी भाषा बोलने वाले लोगों की प्रताड़ना की बातें तथ्य हैं."
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले सबूत दिए बग़ैर रूसी भाषा बोलने वालों के प्रति कथित भेदभाव होने का दावा किया था.

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ज़ेलेंस्की ने किया पलटवार
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने जनरल मिनकायेफ़ के बयानों की निंदा करते हुए इन्हें रूसी "साम्राज्यवाद" बताया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने अपने नियमित संबोधन में इन बयानों पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने दावा किया कि, "यूक्रेन पर रूसी हमला एक शुरुआत भर था, इसके बाद वे अन्य देशों पर भी क़ब्ज़ा करना चाहते हैं."
इससे पहले उन्होंने कहा था कि रूस अपने क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में स्वतंत्रता के लिए दिखावटी जनमत संग्रह कराने की योजना बना रहा था जिसका मकसद रूस समर्थित पृथक राज्यों को अस्तित्व में लाना है.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर वे आपसे कुछ सवालों के जवाब देने के लिए कहें तो आप अपने पासपोर्ट से जुड़ी जानकारी किसी अन्य स्थान पर छोड़कर आएं क्योंकि आपको पता होना चाहिए कि ये आपकी मदद करने के लिए नहीं है."
"अगर रूस से आपकी ज़मीन पर तथाकथित जनमत संग्रह कराने का आदेश आता है तो ये उसे ग़लत साबित करने जैसा होगा. सच्चाई यही है. सचेत रहिए."
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि खेरसोन और ज़पोरज़िया के आसपास क़ब्ज़ाए गए क्षेत्रों में आने वाले दिनों में जनमत संग्रह कराने की योजना बनाई गई थी.
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