ज़ेलेंस्की ने बीबीसी से कहाः रूसी हमें मार सकते हैं, पर वो भी ज़िंदा नहीं बचेंगे

    • Author, क्लाइव मायरी और जोएल गंटर
    • पदनाम, बीबीसी संवाददाता, यूक्रेन के कीएव से

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय देशों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जो देश रूस से तेल खरीद रहे हैं, "वो दूसरों के ख़ून से सनी कमाई कर रहे हैं."

बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में ज़ेलेंस्की ने जर्मनी और हंगरी पर निशाना साधा और कहा कि उनके कारण रूस से तेल खरीद पर लगाए प्रतिबंध लागू करने को लेकर बाधा हो रही है. उन्होंने कहा कि इस निर्यात से रूस को इस साल 326 अरब डॉलर तक का फायदा हो सकता है.

हाल के दिनों में जर्मनी को लेकर यूक्रेनी नेताओं में नाराज़गी बढ़ी है. जर्मनी ने रूस के ख़िलाफ़ कुछ पाबंदियों का तो समर्थन किया है लेकिन तेल की खरीद को लेकर कड़े कदम उठाने का पूरी तरह समर्थन नहीं किया है.

यूक्रेन की राजधानी कीएव में मौजूद सिचुएशन रूम में गुरुवार को ज़ेलेंस्की ने कहा, "हमारे कुछ सहयोगी और दोस्त ये बात समझते हैं कि अब वक्त पहले जैसा नहीं रहा है, ये अब व्यवसाय या पैसे का मामला नहीं है. ये अब अस्तित्व बचाने का संघर्ष है."

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय देशों से अपील की कि वो यूक्रेन को और अधिक हथियार दें और कहा कि रूसी हमले का जवाब देने के लिए उन्हें जल्द और हथियार चाहिए.

उन्होंने कहा, "अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ यूरोपीय देश हमारी मदद की कोशिश कर रहे हैं और वो मदद कर भी रहे हैं. लेकिन हमें जल्द से जल्द और मदद चाहिए."

हाल के दिनों में यूक्रेन की राजधानी कीएव और देश के उत्तरी और केंद्रीय इलाक़ों को घेरने की कोशिश कर रही रूसी सेना ने अपने सैनिक यहां से पीछे हटा लिए हैं. माना जा रहा है कि रूसी सेना ने ताकत के बल पर पूरे यूक्रेन को अपने कब्ज़े में लेने की कोशिश को अब छोड़ दिया है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब इस सैन्य अभियान के ज़रिये अधिक से अधिक ज़मीन पर कब्ज़ा करना चाह रहे हैं. इसके बाद अब ये चिंता जताई जा रही है कि देश के पूर्व और दक्षिण की तरफ ये संघर्ष अब अधिक लंबा खिंच सकता है.

शांति के लिए बातचीत की संभावना और कम हुई

यूक्रेन का दक्षिणी शहर मारियुपोल रूसी सेना के लगातार हमलों के कारण बुरी तरह तबाह हो चुका है. इस शहर को रूसी राष्ट्रपति पुतिन रणनीतिक तौर पर अहम मानते रहे हैं.

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने बीबीसी से कहा कि उन्हें लगता है कि मारियुपोल में दसियों हज़ार लोगों की मौत हुई होगी.

उन्होंने कहा, "हमारे पास जानकारी है कि दसियों हज़ार लोग मारे गए हैं और उनके अलावा कई लोग लापाता भी हुए हैं. हमें पता है कि उनके दस्तावेज़ों को बदल दिया गया है, उन्हें रूसी पासपोर्ट दिए गए हैं और रूस में कहीं ले जाया गया है. कुछ लोगों को वहां राहत कैंपों में ले जाया गया है और कुछ को दूसरे शहरों में ले जाया गया है. किसी को नहीं पता कि उनके साथ क्या हो रहा है. कितने लोगों की अब तक मौत हुई है किसी को नहीं पता."

ज़ेलेंस्की ने कहा कि मारियुपोल और राजधानी कीएव के बाहरी इलाक़ों बूचा और बोरदोयंका में रूसी सैनिकों ने जिस तरह के ज़़ुल्म ढाए हैं, उससे रूस के साथ शांति के लिए बातचीत की संभावना और कम हो गई है.

सप्ताह भर पहले बूचा को यूक्रेन ने रूसी सैनिकों के कब्ज़े से छुड़ा लिया था. यूक्रेनी सैनिकों के अनुसार शहर में सैकड़ों लोगों की लाशें मिली हैं, इनमें आम नागरिक भी शामिल हैं. इन लोगों के हाथ पीछे बांध दिए गए थे और इन्हें सिर पर गोली मारी गई थी. साथ ही यहां से बड़ी संख्या में यौन हिंसा की भी ख़बरें मिली थीं.

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा, "शांति के लिए बातचीत बंद करने की प्रक्रिया की संभावना बूचा से शुरू होती है. ये मेरे या किसी और के बारे में नहीं है बल्कि ये रूस के बारे में है. उनके पास हमारे साथ बातचीत करने के कई मौक़े नहीं होंगे."

उन्होंने कहा, बीते सप्ताह जब वो बूचा दौरे पर गए थे "तब वो कई भावनाओं से गुज़रे." दिन ख़त्म होते-होते वो "रूसी सेना के ख़िलाफ़ नफरत से भर गए थे."

ज़ेलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन और रूसी सेना ऊपर से नीचे तक "युद्ध अपराधियों से भरी हुई है."

इस साल फरवरी में यूक्रेन पर रूसी हमला शुरू होने के बाद के दौर में देश के नेतृत्व का ज़ेलेंस्की बचाव करते भी दिखे. इस दौरान उनकी सरकार ने नागरिकों से संयम बनाए रखने की रहने की अपील की थी.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हथियारों को ज़रूरी सामान के लिए समझौतों पर लगातार काम कर रही है. साथ ही वो इस बात की तरफ भी ध्यान लगा रही है कि युद्ध के माहौल में लोगों में डर न फैले क्योंकि इसके कारण बैंकों पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है और अर्थव्यवस्था के अस्थिर होने का ख़तरा है.

उन्होंने कहा, "रूस यही चाहता था, लेकिन हमने ऐसा होने नहीं दिया. हमें उम्मीद नहीं थी कि रूस हम पर बड़े पैमाने पर हमला करेगा."

रूस कीएव की तरफ से ध्यान हटाकर अब यूक्रेन के पूर्व और दक्षिण की तरफ हमले तेज़ कर रहा है, और यूक्रेन एक बार फिर रूस से अपने इलाक़े बचाने की जंग लड़ रहा है. इससे पहले 2014 में यूक्रेन का हिस्सा रहे क्राइमिया पर रूस से कब्ज़ा कर लिया था.

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेनी सेना के लिए पूर्व में "स्थिति बेहद मुश्किल है, लेकिन ये वो इलाक़ा है जहां उनकी सबसे शक्तिशाली सैन्य टुकड़ियां मौजूद हैं."

उन्होंने कहा, "वो हमें तबाह कर सकते हैं लेकिन हम भी इसका उत्तर देंगे, वो हमें मार सकते हैं लेकिन वो खुद भी मारे जाएंगे. मुझे ये नहीं समझ आ रहा कि वो यहां क्यों और क्या करने आए हैं."

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