पाकिस्तान: भारी बर्फ़बारी में 21 पर्यटकों की मौत कैसे हुई

مری میں برف باری

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    • Author, मुहम्मद ज़ुबैर ख़ान
    • पदनाम, बीबीसी उर्दू

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मरी में भारी बर्फ़बारी के चलते गाड़ियों में फंसने से कम से कम 21 पर्यटकों की मौत हो गई है. फ़िलहाल इलाक़े में बचाव अभियान जारी है.

पंजाब प्रांत की आपात सेवा 'रेस्क्यू 1122' के अनुसार, इस हादसे में मरने वालों की संख्या अब 21 हो गई है. इसमें एक ही परिवार के आठ सदस्य शामिल हैं.

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि मरी में फ़िलहाल बर्फ़बारी नहीं हो रही है. हालांकि कुछ घंटों बाद और कल भी बारिश और बर्फ़बारी होने का अनुमान लगाया गया है.

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मालूम हो कि मौसम विभाग ने पहले ही अनुमान लगाया था कि 5 जनवरी को मरी में भारी बर्फ़बारी हो सकती है.

पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख़ राशिद के अनुसार, कई गाड़ियां अभी भी मरी जाने वाली सड़क पर फंसी हुई हैं. बचाव अभियान के लिए अर्द्धसैनिक बल 'फ्रंटियर कोर' के अलावा रेंजर्स और सेना की मदद मांगी गई है.

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शेख़ राशिद ने बताया कि इस्लामाबाद और अन्य इलाक़ों से मरी जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया गया है. वहां केवल भोजन और राहत सामग्री ले जाने वाली गाड़ियों को ही जाने की अनुमति दी जा रही है.

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उन्होंने उम्मीद जताई है कि शनिवार शाम तक मरी और वहां जाने वाले रास्ते में फंसे लोगों और गाड़ियों को निकाल लिया जाएगा. उनके मुताबिक़, मरी जाने वाले रास्ते रविवार रात नौ बजे तक बंद रहेंगे.

पंजाब सरकार ने मरी में 'स्नो इमरज़ेंसी' का एलान कर दिया है. उस इलाक़े को आपदा प्रभावित क्षेत्र भी घोषित किया गया है.

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उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने मरी में लोगों के मरने पर दुख जताया है.

साथ ही उन्होंने इस आपदा की जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही कहा है कि ऐसे हादसे दोबारा न हो, इसे लेकर सख़्त रेगुलेशन लागू करने की कोशिश की जाएगी.

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उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट से जारी एक ट्वीट में कहा कि मरने वाले पर्यटकों की असमय हुई मौत से वे हैरान और दुखी हैं.

उन्होंने आगे लिखा कि असामान्य बर्फ़बारी और बिना मौसम की पड़ताल किए लोगों का हुजूम जुटने को लेकर प्रशासन बिल्कुल भी तैयार नहीं था.

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राहत और बचाव कार्यक्रम

संघीय सूचना मंत्री फ़वाद चौधरी ने ट्विटर पर बताया कि मरी एक्सप्रेसवे को साफ़ कर दिया गया है और सैकड़ों गाड़ियों को मुर्री से डायवर्ट कर दिया गया है.

उन्होंने आगे लिखा कि बरियान और गुलदाना इलाक़ों में ज़्यादा समस्याएं हैं. बिजली की आपूर्ति बहाल करने की कोशिश की जा रही है और हालात में सुधार हो रहा है.

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दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना की मीडिया संस्था 'इंटर सर्विसेज़ पब्लिक रिलेशंस' (आईएसपीआर) के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के इंजीनियरों ने झिका गली-घड़ियाल रोड को फिर से खोल दिया है, जबकि झिका गली-गल्डाना रोड को खोलने की कोशिश की जा रही है.

पाकिस्तानी सेना का कहना है कि फंसे हुए पर्यटकों के रहने और खाने के लिए अस्थायी तौर पर लिए आर्मी पब्लिक स्कूल, गुलदाना में इंतज़ाम किया गया है.

आईएसपीआर के मुताबिक़, 111 ब्रिगेड को 'भारा काहू' जाने वाले रास्ता खोलने के लिए भेजा गया है. यह ब्रिगेड वहां खाने की व्यवस्था भी कर रही है.

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मालूम हो कि देश के उत्तरी क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों में भारी बर्फ़बारी और बारिश के चलते शुक्रवार दोपहर ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के गल्यात क्षेत्र में पर्यटकों के जाने पर रोक लगाने का एलान किया गया था.

शुक्रवार शाम को पर्यटकों के मरी जाने पर भी रोक लगा दी गई है.

अपने वीडियो संदेश में गृह मंत्री शेख़ राशिद ने कहा, "रावलपिंडी और इस्लामाबाद के प्रशासन ने कल रात पूरी कोशिश की. यह प्रयास आज सुबह भी जारी था. लेकिन मरी, गल्यात और बरियान में इतने लोग आए कि इसमें हमें 12 घंटे लग गए. अभी तक रास्ता साफ़ नहीं हो सका. हमने मुर्री जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए हैं, लेकिन अभी भी वहां बड़ी संख्या में पर्यटक फंसे हुए हैं.''

उन्होंने कहा, ''इसलिए हमने सिविल आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की भी मदद लेने का फ़ैसला लिया है, ताकि वहां से लोगों को निकाल सकें.

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इससे पहले रावलपिंडी के डिप्टी कमिश्नर के ट्विटर एकाउंट पर ख़बर आई कि मरी में अब भी एक हज़ार गाड़ियां फंसी हुई हैं, जबकि 23 हज़ार गाड़ियों से ​लोगों को निकाल लिया गया है.

डीएसपी मरी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि वहां अब तक चार फ़ीट बर्फ़ गिर चुकी है और इससे सड़क पर दर्ज़नों पेड़ गिर गए हैं.

प्रशासन कह रहा है कि उसकी मशीनरी एक सीमा में ही काम कर सकती है और हज़ारों पेड़ गिरने से उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

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मरी और गल्यात में पर्यटकों को जाने से रोकने के लिए उन इलाक़ों में पुलिस चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं. मरी से गल्यात जाने की कोशिश कर रहे पर्यटकों को रोका जा रहा है. दूसरे इलाक़ों से आने वाले वाहनों को भी वहां जाने नहीं दिया जा रहा है.

अधिकारियों के मुताबिक़, मरी और गल्यात से पर्यटकों को आसानी से सुरक्षित निकालने के लिए ये फ़ैसला लिया गया है.

प्रोविंसियल डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गल्यात में पर्यटकों को कोई नुक़सान नहीं हुआ है.

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मालूम हो कि गल्यात में भारी बर्फ़बारी के कारण शुक्रवार को कम से कम दो जगहों पर जमीन खिसक गई. वहीं बिजली के तीन खंभों के गिरने से सड़क की हालत भी बेहद ख़तरनाक हो गई है.

मरी में अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे ट्रैफ़िक पुलिस और प्रशासन के साथ सहयोग करें. गाड़ियों को ग़लत तरीक़े से पार्क न करें और सड़क पर वाहन पार्क कर सेल्फ़ी न लें.

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मरी में एक सरकारी अधिकारी ने बीबीसी संवाददाता हुमैरा कंवल को बताया कि मरी में कल रात भयंकर बर्फ़बारी होने से वर्तमान में वहां की संचार स्थिति बेहद ख़राब है.

प्रशासन के अनुसार, चार दिनों में मरी और गल्यात में कम से कम 1 लाख गाड़ियां पहुंची हैं.

गल्यात डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रवक्ता अहसान हमीद के अनुसार, बर्फ़बारी के चलते गल्यात में अधिक पर्यटकों को जाने नहीं दिया जा रहा है. इसलिए रविवार तक गल्यात में पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी.

उधर, स्वात में बर्फ़बारी देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की ख़बर है.

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'एक दिन में तीन फ़ीट बर्फ़'

गल्यात डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रवक्ता अहसान हमीद ने बताया कि गल्यात में केवल एक दिन में तीन फ़ीट बर्फ़बारी हुई. इससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

उन्होंने कहा कि बर्फ़बारी इतनी भयानक थी कि न केवल सड़क साफ़ करने में परेशानी हुई, बल्कि खंभों के गिरने से बिजली की आपूर्ति भी ठप्प हो गई. अधिकारियों के अनुसार, बिजली आपूर्ति बहाल करने में अभी एक दिन और लग सकता है.

अहसान हमीद के मुताबिक़, गल्यात में पहले दोपहर में और फ़िर शाम के बाद बर्फ़बारी हुई, जिससे मरी से एबटाबाद जाने वाला रास्ता पूरी तरह से जाम हो गया.

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मरी पुलिस के मुताबिक़ शुक्रवार को वहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे. पुलिस ने बताया, ''मौसम की स्थिति अभी ठीक नहीं है. भारी बर्फ़बारी के चलते सड़क साफ़ नहीं हो पा रही है. उस पर अभी दो फ़ीट बर्फ़ गिर चुकी है.''

पुलिस के अनुसार, रास्तों पर काफ़ी फिसलन है और सड़क पर खड़ी कई गाड़ियों को निकालने में मदद दी जा रही है.

मरी प्रशासन के अनुसार, वहां के सभी होटल और गेस्ट हाउस पर्यटकों से भरे हुए हैं. इसलिए ऐसी स्थिति में जब मौसम ख़राब है और ठहरने की भी जगह नहीं है, तो पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे मरी बिल्कुल भी न जाएं.

अहसान हमीद ने भी बताया, गल्यात के होटल और गेस्ट हाउस में जगह नहीं है. सभी होटल और गेस्टहाउस भरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि उन पर्यटकों को विशेष मदद दी जा रही है, जिन्हें इस समय जगह नहीं मिल पाई या जो सड़क पर फंसे हुए हैं.

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बंद गाड़ी को स्टार्ट करने में मदद कर रही पुलिस

अपने दोस्तों के साथ रावलपिंडी जाने की कोशिश कर रहे आगा नसीर ने कहा कि चार दोस्त मरी एक्सप्रेस-वे पर कई घंटों तक फंसे रहने के बाद रात क़रीब नौ बजे रावलपिंडी लौटे.

उनका कहना है कि यदि इतनी भारी बर्फ़बारी होनी थी और इतने सारे पर्यटक मरी जाने वाले थे, तो पहले जनता को बताना चाहिए था.

स्वात के पत्रकार शहाबुद्दीन के मुताबिक़, शुक्रवार को स्वात के अलग-अलग हिस्सों में बर्फ़ गिरी और स्वात में बड़ी संख्या में पर्यटक उमड़ पड़े.

उन्होंने कहा कि होटल और गेस्ट हाउस के अलावा पर्यटन स्थलों पर भी पर्यटकों की भीड़ रहती है.

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