चीन ने फिर कहा, तालिबान अफ़ग़ानिस्तान में 'सबको साथ लेकर' सरकार बनाए

तालिबान

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इमेज कैप्शन, तालिबान के प्रतिनिधि मुल्लाह अब्दुल ग़नी बरादर के साथ चीनी विदेश मंत्री,जुलाई में हुई थी मुलाकात
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चीन की सरकारी समाचार एजेंसी चाइना न्यूज़ सर्विस (सीएनएस) के मुताबिक़ चीन के विदेश मंत्रालय ने तालिबान से एक समावेशी सरकार बनाने और 'आतंकवादी संगठनों' से नाता तोड़ने के अपने अनुरोध को फिर से दोहराया है.

चीन ने अफ़ग़ानिस्तान में शांति स्थापित करने और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में मदद का भी प्रस्ताव रखा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग वेनबिन बात तब कही, जब उनसे पूछा गया कि क्या वो तालिबान के नेतृत्व में बनने वाली सरकार को मान्यता देंगे, जिसकी घोषणा तीन सितंबर को की जाएगी.

चीन के विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि चीन किसी भी फ़ैसले पर पहुँचने से पहले नई सरकार के बनने का इंतज़ार करेगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा, "चीन उम्मीद करता है कि अफ़ग़ानिस्तान के सभी पक्ष वहाँ के लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों के मुताबिक फ़ैसले करेंगे. एक खुला और सबको साथ लेकर चलने वाला राजनीतिक ढाँचा तैयार करेंगे, उदार और स्थिर आंतरिक और बाहरी नातियों का पालन करेंगे और सभी तरह के आतंकवादी संगठनों से रिश्ते तोड़ लेंगे और दूसरे देशों के साथ मित्रता के साथ रहेंगे, ख़ासतौर पर पड़ोसी देशों के साथ."

"चीन अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के प्रति दोस्ताना नीतियाँ जारी रखेगा, उनकी संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेगा, अफ़ग़ानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा, और अफ़ग़ानिस्तान में शीघ्र शांति और पुनर्निर्माण के लिए अपनी क्षमता के मुताबिक़ काम करता रहेगा."

चीन

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'चीन और अफ़ग़ानिस्तान मित्र देश'

वैंग ने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान एक मज़बूत देश है, जो इतिहास में कभी नहीं झुका है. चीन और अफ़ग़ानिस्तान मित्र देश हैं. चीन अफ़ग़ानिस्तान का नुक़सान नहीं करना चाहता, ना ही अफ़ग़ानिस्तान चीन का बुरा चाहता है. दोनों ही देश एक दूसरे की मदद करते हैं."

"अफ़ग़ानिस्तान के इतिहास का ये एक नया पन्ना है, जिसमें अवसर भी हैं और चुनौतियाँ भी, उम्मीदें हैं और मुश्किलें हैं. अफ़ग़ान जिन्होंने बहुत झेला है वो अपने देश में शांति और पुनर्निर्माण की एक नई शुरुआत कर रहे हैं."

इससे पहले चीन ने कहा था कि सभी देशों ख़ासकर अमेरिका को तालिबान से संपर्क करना चाहिए और सक्रिय होकर उसे राह दिखानी चाहिए.

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इस बारे में अमेरिकी एंटनी ब्लिंकन से फ़ोन पर बात की थी.

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति पूरी तरह बदल गई है और ऐसे में 'सभी पक्षों' का तालिबान से संपर्क करना और उसे 'सक्रिय रूप से राह दिखाना' आवश्यक हो गया है.

चीन-तालिबान

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चीन-अफ़ग़ानिस्तान के बीच हुई थी मुलाकात

जुलाई में अफ़ग़ानिस्तान में जारी भारी हिंसा के बीच अफ़ग़ान तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल चीन पहुँचा था.

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मुल्लाह अब्दुल ग़नी बरादर कर रहे थे. इस प्रतिनिधिमंडल से चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने उत्तरी चीन के तिआनजिन में मुलाक़ात की थी.

तालिबान प्रतिनिधिमंडल का चीन दौरा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी चीन के दौरे के ख़त्म होने के एक दिन बाद हुआ था.

तालिबान

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चीन के सरकारी प्रसारक सीजीटीएन के अनुसार चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने तालिबान प्रतिनिधिमंडल से कहा था कि उसे 'चीन विरोधी' आतंकवादी संगठन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट से संबंध तोड़ने होंगे.

चीनी विदेश मंत्रालय ने तालिबान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से कहा था, ''पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट एक आतंकवादी समूह है. इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी माना है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ज़िम्मेदारी है कि वो इस आतंकवादी संगठन से मिलकर लड़े. चीन उम्मीद करता है कि तालिबान इस संगठन से संबंध ख़त्म करेगा.''

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