चीन में 'अमीरों के दिखावे' पर फूटा लोगों का गुस्सा

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चीन में एक दिन के खाने के लिए क्या 650 युआन (क़रीब 7200 रूपये) पर्याप्त हैं?
दूसरों की राय चाहे जो हो लेकिन हार्पर बाज़ार चाइना की पूर्व संपादक सु मांग के मुताबिक ये रकम पर्याप्त नहीं है. उनका रिएलिटी टीवी शो में दिया गया एक बयान चीनी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
एक रिएलिटी शो जिसमें 15 सेलिब्रिटी को 21 दिनों के लिए साथ रहना था, उसमें मांग ने कहा, "हमें बेहतर भोजन की ज़रूरत है, मैं इतने कम स्तर वाला खाना नहीं खा सकती."
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखना शुरू किया कि उनके रोज़ के खाने का भत्ता 30 युआन से भी कम है.
हालांकि सु मांग ने बाद में कहा कि उनके बयान को लेकर "ग़लतफहमी" हुई है. उनके मुताबिक 650 युआन शो में मौजूद पूरी टीम के लिए था. हालांकि लोग उनसे सहमत नहीं दिखे.
चीनी माइक्रोब्लॉगिंग साइट वीबो पर एक यूज़र ने लिखा, "वो सफ़ाई देने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सच यही है कि सेलिब्रिटी सबसे ज़्यादा पैसे वाले हैं."
सेलिब्रिटी पर लोगों का ग़ुस्सा चीन में पहले भी फूट चुका है. ख्वावे के फाउंडर रेन जंगफ़े की बेटी एनाबेल याओ के एक बयान की इंटरनेट पर खूब चर्चा हुई थी. उन्होंने इशारा किया था कि उनके जीवन में बहुत कठिनाइयां हैं.

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एक 17 मिनट की वीडियो डॉक्यूमेंट्री में अपने संगीत करियर की शुरुआत की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा था, "मैंने कभी ख़ुद को किसी 'राजकुमारी' की तरह नहीं देखा. मैं अपने उम्र के दूसरे लोगों की तरह ही हूं. मुझे अच्छे स्कूल में दाखिला लेने के लिए मेहनत करनी पड़ी. खूब पढ़ाई करनी पड़ी.
23 साल की याओ ने इसी वीडियो में कहा था कि एक एंटरटेनमेंट कंपनी के लिए गाना उनके लिए "खुद को जन्मदिन पर स्पेशल तोहफा" देना है.
'योग्य नहीं'
सालों से चीन के ग्लैमरस अमीरों को दिखावा करने के लिए जाना जाता है, जो अपनी लग्जरी कारों और हैंडबैग्स को ऑनलाइन दिखाते हैं - अक्सर उनके प्रशंसकों को इससे ईर्ष्या होती है.
लेकिन अब किसी भी तरह का दिखाव करने वालों पर लोग आपत्ति दर्ज करने लगे हैं.
सु और याओ जैसे लोगों को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि कई लोग मानते हैं कि मशहूर हस्तियां और उनकी दूसरी पीढ़ी के अमीर बच्चे इतनी कमाई के योग्य नहीं हैं.
चीनी मीडिया कल्चर पर शोध करने वाले डीकिन विश्वविद्यालय के डॉ जियान जू कहते हैं, "सितारों और उनकी 'आसान' दिखने वाली नौकरियों से तुलना कर लोग शिकायत करते हैं कि वो कितनी मेहनत करते हैं और कितना कम कमाते हैं"
मेलबर्न के आरएमआईटी विश्वविद्यालय में मीडिया स्टडीज़ के प्रोफेसर डॉ. हाइकिंग यू कहते हैं, "सु मांग की भोजन के बारे में टिप्पणियों ने लोगों को नाराज कर दिया, ये उस बात को उजागर कर रहा है जिसे चीन छिपाने की कोशिश कर रहा है - कुछ लोगों के पास बहुत अधिक है, जबकि बाकियों के पास बहुत कम."

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चीन में लोगों की आय के बीच अंतर
देश की औसत वार्षिक आय 32,189 युआन (3,56,000 रूपये) या प्रति माह लगभग 2,682 युआन है. राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, बीजिंग में दुनिया के किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक अरबपति रहते हैं.
वेल्थ ट्रैकर हुरुन रिपोर्ट के अनुसार, चीन के अमीरों ने 2020 में रिकॉर्ड 1.5 ट्रिलियन डॉलर कमाए, जो कि यूके के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग आधा है.
विशेषज्ञों का कहना है कि आय असमानता की समस्या वाले अधिकांश देशों के लिए यह आम बात है, लेकिन चीन एक अजीब स्थिति में है.
लंबे समय से लोग इस सोच के साथ जी रहे थे कि "सब समान रूप से समृद्ध" होंगे. पूर्व सर्वोच्च नेता देंग शियाओपिंग का यही मानना था, भले ही कुछ लोग या कुछ प्रांत पहले समृद्ध हो जाएं.
डॉ जू कहते हैं, "लेकिन देश के व्यापार के लिए खुलने के 40 से अधिक वर्षों के बाद अमीर लोग केवल अमीर हो रहे हैं, दूसरों को बहुत पीछे छोड़ रहे हैं और ऐसे लोग निराश और कमज़ोर महसूस कर रहे हैं."

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कभी-कभी गुस्सा बढ़ जाता है क्योंकि लोग "मशहूर हस्तियों से समाज के लिए अधिक योगदान करने की उम्मीद करते हैं, क्योकि वो मशहूर हैं और उनकी बातों का असर होता है."
उदाहरण के लिए, पिछले महीने, जब यह पता चला कि अभिनेत्री ज़ेन शुआंग को एक टीवी में रोल के लिए प्रति दिन लगभग 2 मिलियन युआन का भुगतान किया गया था, तो आक्रोश फैल गया. इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए उन्हें कुल 160 मिलियन युआन मिले.
लोगों में ग़ुस्सा
एक यूज़र ने वीबो पर लिखा "160 मिलियन बहुत बड़ी रकम है. इतने पैसे कमाने के लिए 6,000 युआन प्रति माह कमाने वाले सामान्य कर्मचारियों को 2,222 वर्षों तक लगातार काम करना पड़ेगा."
शुआंग पहले से ही विवादों में घिरी हुई थीं. इस साल की शुरुआत में वह सरोगेसी, जो कि चीन में अवैध है, को लेकर एक विवाद में फंस गई थी. उनपर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सरोगेट से पैदा हुए दो बच्चों को उन्होंने विदेश में छोड़ दिया था.
सिर्फ पैसे कमाने से कोई अच्छा रोल मॉडल नहीं माना जाता है.
यही कारण है कि, 2018 में, मशहूर अदाकार फैन बिंगबिंग को जब चोरी के लिए घर में नजरबंद किया गया था, तो लोगों ने सहानुभूति नहीं जताई जबकि वो देश की सबसे लोकप्रिय सितारों में से एक थी
एंक्सियस वेल्थ: मनी एंड मोरेलिटी अमंग चाइनाज न्यू रिच के लेखक डॉ जॉन ओसबर्ग ने बीबीसी को बताया, "जैसे-जैसे चीन का मध्यम वर्ग विकसित हुआ है, शिक्षित शहरी लोग धन के दिखावे करने वालों को "समझ की कमी, यहां तक कि 'निम्न वर्ग' से आने वालों की तरह देखने लगे."
उन्होंने कहा ये किसी की सामाजिक स्थिति के बारे में "असुरक्षा" का भी संकेत है.
लेकिन विलासिता के लिए देश की भूख जल्द ख़त्म नहीं होने वाली.
मार्केट रिसर्च फर्म यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, चीन ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में पर्सनल लक्जरी बाजार में जापान को पीछे छोड़ दिया है. साल के अंत तक बिक्री बढ़कर महामारी के पहले की स्थिति में पहुंच सकती है.
तो, कुंजी अमीरों के हाथों में है - वो सफलता का संकेत दें लेकिन लो-प्रोफाइल तरीके से.
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