You’re viewing a text-only version of this website that uses less data. View the main version of the website including all images and videos.
सऊदी अरब के समर्थन में आया पाकिस्तान, अमेरिका ने उठाई थी उंगली- उर्दू प्रेस रिव्यू
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम, इमरान ख़ान का श्रीलंका दौरा, सीनेट चुनाव और सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या पर अमेरिकी रिपोर्ट से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में रहीं.
सबसे पहले बात सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या पर अमेरिकी रिपोर्ट की.
शुक्रवार को अमेरिका ने जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या से जुड़ी अपनी एक ख़ुफ़िया रिपोर्ट सार्वजनिक की, जिसमें दावा किया गया है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की मंज़ूरी से ख़ाशोज्जी की हत्या की गई थी.
सऊदी अरब ने इस रिपोर्ट को नकारात्मक और फ़र्ज़ी क़रार देते हुए उसे ख़ारिज कर दिया है.
अब पाकिस्तान भी सऊदी अरब के समर्थन में आ गया है.
अख़बार जंग के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि सऊदी सरकार ने इस मामले में इंसाफ़ के सभी तक़ाज़े पूरे किए हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफ़ीज़ चौधरी ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी ख़ुफ़िया रिपोर्ट को पूरी तरह देखा है. पाकिस्तानी प्रवक्ता का कहना था, सऊदी सरकार ने पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या में शामिल लोगों को सज़ा दिलवाने के लिए उचित क़दम उठाए, ज़िम्मेदार लोगों की जाँच करके उन्हें सज़ा दिलवाई. सऊदी हुकूमत ने इस मामले में इंसाफ़ के सभी तक़ाज़े पूरे किए हैं.
पाकिस्तानी प्रवक्ता ने आगे कहा, "पाकिस्तान इस मामले में पूरी तहर सऊदी अरब के साथ खड़ा है. पाकिस्तान सऊदी अरब में क़ानून के राज और उसके राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता का पूरी तरह सम्मान करता है."
भारत और पाकिस्तान कश्मीर समस्या पर सीधे बातचीत करें: अमेरिका
अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने एलओसी पर संघर्ष विराम का स्वागत किया है और जो बाइडन प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान पर ज़ोर दिया है कि इस मामले में सीधे बात की जाए.
अख़बार के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, "हम भारत और पाकिस्तान के संयुक्त बयान का स्वागत करते हैं कि दोनों देश तत्काल प्रभाव से एलओसी पर युद्धबंदी पर सख़्ती से अमल करेंगे. हम दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध के लिए जारी प्रयासों, एलओसी पर तनाव और हिंसक वारदातों को कम करने की कोशिशों का स्वागत करते हैं."
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि "युद्धबंदी दक्षिण एशिया में दूरगामी शांति की तरफ़ एक गंभीर प्रयास है. यहां स्थिरता सबसे हक़ में है. अमेरिका चाहता है कि दोनों देश इस क़दम को और आगे बढ़ाएं."
भारत और पाकिस्तान ने 24-25 फ़रवरी की दरम्यानी रात से लाइन ऑफ़ कंट्रोल (एलओसी या नियंत्रण रेखा) पर संघर्ष विराम की घोषणा की है. लेकिन उसके बावजूद दोनों देश बयानबाज़ी में कोई कमी नहीं कर रहे हैं.
भारतीय सेना ने कहा है कि एलओसी पर संघर्ष विराम के बावजूद कश्मीर घाटी में चरमपंथी कार्रवाइयों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन में कोई कमी नहीं होगी. उधर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इससे भारत प्रशासित कश्मीर के मामले में पाकिस्तान के नज़रिए में कोई फ़र्क़ नहीं आया है.
अख़बार जंग के अनुसार पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफ़ीज़ चौधरी ने शुक्रवार को कहा, "पाकिस्तान भारत के साथ अपनी तमाम समस्याओं का शांतिपूर्ण हल चाहता है. पाकिस्तान 2003 के युद्धविराम समझौते के पूरी तरह पालन पर हमेशा ज़ोर देता रहा है. अब इस नए समझौते से इस क्षेत्र में शांति बहाल होगी और यह दोनों देशों के हित में है."
पाकिस्तानी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि 2003 समझौते के बाद से भारत ने अब तक 13600 बार उनका उल्लंघन किया है और साल 2020 में भारत ने 3097 बार युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन किया है.
मज़बूत सीनेट के लिए सीधा चुनाव ज़रूरी है: केंद्रीय मंत्री फ़व्वाद चौधरी
पाकिस्तान के केंद्रीय साइंस एंड टेक्नोलोजी मंत्री फ़व्वाद चौधरी ने कहा है कि एक मज़बूत ऊपरी सदन के लिए ज़रूरी है कि उसका चुनाव सीधा हो.
उन्होंने कहा कि हालांकि इस बार अगर ओपन बैलट से ऊपरी सदन का चुनाव हो जाए तो वो भी एक बड़ी सफलता होगी.
पाकिस्तानी संसद की ऊपरी सदन यानी सीनेट के लिए तीन मार्च को चुनाव होने वाले हैं. पंजाब प्रांत से सभी उम्मीदवार निर्विरोध रूप से चुन लिए गए हैं. लेकिन असल मसला इस बात को लेकर हो गया है कि तीन मार्च को चुनाव ओपन बैलट से हो या फिर ख़ुफ़िया बैलट का इस्तेमाल किया जाए.
सरकार ने एक अध्यादेश लाकर ओपन बैलट से चुनाव कराने का फ़ैसला किया था लेकिन विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध किया है और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया.
अख़बार दुनिया के अनुसार गुरुवार को अदालत में सुनवाई पूरी हो गई और अदालत ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. उम्मीद है कि चुनाव से ठीक दो दिन पहले यानी एक मार्च को सुप्रीम कोर्ट इस बारे में अपना फ़ैसला सुनाएगी.
उपचुनाव: चुनाव आयोग के फ़ैसले को लाहौह हाईकोर्ट में चुनौती देगी इमरान सरकार
संसदीय क्षेत्र एनए 75 के लिए हुए उपचुनाव को रद्द करने के चुनाव आयोग के फ़ैसले को इमरान ख़ान की सरकार ने लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती देने का फ़ैसला किया है.
अख़बार दुनिया के अनुसार प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इसके लिए क़ानूनी कार्रवाई करने की इजाज़त दे दी है.
विपक्ष ने चुनाव के दौरान धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से इसे रद्द करने की माँग की थी. चुनाव आयोग ने विपक्ष की माँग तो स्वीकार कर ली है लेकिन अब सरकार आयोग के इस फ़ैसले को चुनौती दे रही है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़ गुट) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने कहा कि सरकार का फ़ैसला इस बात को साबित करता है कि वोट की चोरी हुई थी.
उन्होंने ट्विट करते हुए कहा, "चुनाव आयोग के फ़ैसले को चुनौती देना साबित करता है कि तुमने चोरी की, वोट चोरी में शामिल अफ़सरों को बचाना साबित करता है कि चोरी आपके कहने पर की गई, दोबार चुनाव से बचने की कोशिश साबित करता है कि आप जानते हैं कि जनता ज़मानत ज़ब्त करवा देगी."
कोरोना से मरने वाले मुसलमानों को दफ़न करने की इजाज़त देने के लिए इमरान ख़ान ने श्रीलंका का शुक्रिया अदा किया
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार श्रीलंका में कोरोना से मरने वाले मुसलमानों को जलाने के बजाए उनके दफ़न की इजाज़त देने के लिए इमरान ख़ान ने श्रीलंका की सरकार का शुक्रिया अदा किया है.
अख़बार के अनुसार श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने 10 फ़रवरी को कोरोना से मरने वाले मुसलमानों को जलाने के बजाए दफ़न की इजाज़त देने की घोषणा की थी. उस पर इमरान ख़ान ने उनकी सराहना की थी लेकिन बाद में श्रीलंकाई सरकार अपने फ़ैसले से मुकर गई थी.
श्रीलंकाई सरकार ने कहा कि उस नीति में कोई बदलाव नहीं होगा और कोरोना से मरने वाले मुसलमानों को जलाने की नीति जारी रहेगी. अख़बार के अनुसार इमरान ख़ान ने अपने दो दिवसीय (23-24 फ़रवरी) श्रीलंका यात्रा के दौरान इस बारे में बात की थी.
श्रीलंका सरकार का कहना था कि शवों को दफ़नाने से कोरोना फैलने की आशंका है इसलिए शवों को दफ़नाने की बजाए उनको जलाना ज़्यादा बेहतर है. हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. श्रीलंका के मुसलमान इसका विरोध कर रहे थे.
अब इमरान की यात्रा ख़त्म होने के दो दिन बाद श्रीलंका की सरकार ने नोटिफ़िकेशन जारी कर कहा है कि कोरोना से मरने वाले मुसलमानों के शवों को जलाने के आदेश में संशोधन किया गया है.
इमरान ख़ान ने श्रीलंका की सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत किया और शुक्रिया भी अदा किया.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)