ख़्वावे: चीन की वो कंपनी, जो दुनिया भर की आँखों में चुभने लगी है

    • Author, टिम बोलर
    • पदनाम, बिज़नेस रिपोर्टर, बीबीसी न्यूज़

ब्रिटेन के 5जी मोबाइल नेटवर्क से चीनी फ़ोन निर्माता कंपनी ख़्वावे को हटाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने कई घोषणाएँ की हैं.

इसके तहत ब्रिटेन के मोबाइल सेवा प्रदाताओं को इस साल के बाद ख़्वावे के नए 5जी उपकरण ख़रीदने पर पाबंदी होगी और साथ ही उन्हें अपने नेटवर्क से 2027 तक इसकी 5जी किट को हटाना होगा.

ब्रिटेन की सरकार ने पहले इस बात पर सहमति ज़ाहिर की थी कि चीनी कंपनी ख़्वावे की ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क में सीमित भूमिका रहेगी. लेकिन चीन को लेकर बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र अब सरकार ने अपना मन बदल लिया है.

ख़्वावे क्या है?

दक्षिणी चीन के शेंजन में एक पूर्व सैन्य अधिकारी रेन जंगफ़ेई ने 1987 में ख़्वावे की शुरुआत की थी.

इसने शुरुआत में मोबाइल फ़ोन नेटवर्क के लिए संचार उपकरण बनाने शुरू किए थे और बाद में यह विश्व में एक बड़ी कंपनी के तौर पर उभरी जिसमें 1,80,000 कर्मचारी काम करते हैं.

सैमसंग के बाद ख़्वावे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफ़ोन सप्लायर कंपनी है जिसका 18 फ़ीसदी बाज़ार पर क़ब्ज़ा है जो ऐपल और बाक़ी कंपनियों से आगे है.

ख़्वावे को लेकर कौन देश हैं चिंतित?

इस कंपनी को लेकर पूरी बहस इस पर टिकी है कि क्या पश्चिमी देश ख़्वावे पर भरोसा करते हैं या फिर हमारे मोबाइल फ़ोन भी इस कंपनी की गिरफ़्त में हैं?

अमरीका कहता है कि 5जी उपकरणों के ज़रिए चीन ख़्वावे का इस्तेमाल जासूसी के लिए कर सकता है. इसमें कंपनी के मालिक रेन की सैन्य पृष्ठभूमि का हवाला दिया जाता है.

रेन 1983 तक चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के नौ साल तक सदस्य रहे. वो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी हैं.

हालांकि, ख़्वावे का कहना है कि इसका कंपनी से अब कोई लेना-देना नहीं है. कंपनी कहती है, "रेन जंगफ़ेई जब युवा थे तब आपको कम्युनिस्ट पार्टी की किसी भी पद की ज़िम्मेदारी लेना आवश्यक था."

अमरीका अपने यहाँ कंपनियों को ख़्वावे के साथ व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा चुका है और चाहता है कि उससे जुड़ी सहयोगी कंपनियों को भी 5जी नेटवर्क से हटाया जाए. ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड ने भी अमरीका की तरह क़दम उठाए हैं.

ब्रिटेन के लिए ख़्वावे को प्रतिबंधित करना ब्रिटेन-अमरीका के बीच व्यापार बातचीत के लिए ज़रूरी है क्योंकि अमरीका ने चेतावनी दी थी कि इस तरह का फ़ैसला न लेने से भविष्य के सुरक्षा सहयोग पर ख़तरा हो सकता है.

लेकिन अब ब्रिटेन में ख़्वावे के उपकरणों को 5जी नेटवर्क में प्रतिबंधित कर देने से चीन के जवाबी हमले का ख़तरा बढ़ गया है जिसमें संभावित साइबर हमला भी शामिल है.

5जी: क्या हैं मुद्दे?

अधिकतर देश अपने यहाँ 4जी से अधिक उन्नत 5जी मोबाइल नेटवर्क खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं. इसकी वजह से आज जो डाउनलोड स्पीड है वो उसकी 10 गुना होगी यानी इससे हमारे काम करने, बातचीत करने और वीडियो देखने में बड़ा बदलाव आएगा.

सैद्धांतिक रूप से अगर बात करें तो इन नेटवर्क के केंद्रीय तकनीकों का नियंत्रण दे देने से भविष्य में कोई भी विवाद होने पर ख़्वावे को जासूसी करने या संचार बाधित करने की ताक़त दे देगा.

यह इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भविष्य में सेल्फ़ ड्राइविंग कार से लेकर फ़्रिज, बेबी मॉनिटर और फ़ायर अलार्म्स इंटरनेट से जुड़े होंगे.

इनको लेकर ये भी चिंताएँ हैं कि सरकार समर्थित हैकर्स इन उपकरणों का इस्तेमाल करके पिछले दरवाज़े से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नेटवर्क में सेंधमारी कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर यह विरोधी के पावर स्टेशन तक को बंद कर सकते हैं.

ख़्वावे के उपकरणों के नेटवर्क में इस्तेमाल से प्रतिबंधित कर देने से ब्रिटेन की 5जी तकनीक को ज़मीन पर उतार पाने पर अच्छा-ख़ासा असर पड़ेगा.

संस्कृति मंत्री ऑलिवर डाउडन कह चुके हैं कि इसके कारण 5जी में दो से तीन साल की देरी होगी और 2 अरब पाउंड का भार बढ़ेगा.

क्या ख़्वावे हमारी जासूसी कर रहा है?

अमरीका चीन के 2017 के नेशनल इंटेलिजेंस लॉ का हवाला देता है, जिसके तहत किसी भी संगठन को 'राष्ट्र के ख़ुफ़िया काम में समर्थन और सहयोग देना आवश्यक है', इसका मतलब है कि चीन ख़्वावे को किसी काम के लिए आदेश दे सकता है.

वहीं, ख़्वावे का कहना है कि उससे कभी भी जासूसी के लिए नहीं कहा गया है और वो 'स्पष्ट रूप से इसको न करने के लिए ही कहेगा.'

कंपनी का आगे कहना है, "जब साइबर-सुरक्षा और उपभोक्ता की निजी सुरक्षा का मसला आएगा तो हम कभी भी इससे समझौता नहीं करेंगे और न ही कभी भी किसी देश, संगठन और व्यक्ति को नुक़सान पहुँचाएँगे."

कंपनी की निगरानी के लिए ब्रिटेन ने नेशनल साइबर सिक्यॉरिटी सेंटर (एनसीएससी) के तहत एक ख़्वावे साइबर सिक्यॉरिटी एवेलुएशन सेंटर बनाया है.

मार्च 2019 में इसने चीनी सरकार की किसी विद्वेषपूर्ण हरकत के सबूत नहीं पाए थे हालांकि इसने ख़्वावे के सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग और साइबर-सुरक्षा क्षमता में गंभीर कमियां पाई थीं.

14 जुलाई को प्रतिबंध की घोषणा करते हुए डाउडन ने कहा था कि एनसीएससी ने ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क में ख़्वावे की उपस्थिति पर 'अपने सुरक्षा मूल्यांकन को काफ़ी बदल दिया है.' उन्होंने कहा कि कंपनी के ख़िलाफ़ अमरीका के कड़े क़दम के बाद यह फ़ैसला किया जा रहा है लेकिन उन्होंने इस पर और कोई जानकारी नहीं दी.

5जी के लिए ख़्वावे के अलावा कोई विकल्प है?

अमरीका के ख़रीदार निश्चित रूप से अमरीकी कंपनियों से ही किट ख़रीदने के पक्षधर होंगे जिनमें सिस्को, जूनिपर नेटवर्क्स और क्वेलकॉम जैसी कंपनियाँ शामिल हैं.

यूरोप में स्वीडन की एरिक्सन और फ़िनलैंड की नोकिया 5जी निर्माता हैं.

नोकिया कंपनी ने एक बयान जारी किया था जिसमें उसने कहा था कि उसके पास ब्रिटेन के नेटवर्क में ख़्वावे के उपकरण को बदलने की क्षमता और विशेषज्ञता है जो वो पूरी रफ़्तार से कर सकती है.

हालांकि, सरकार ने कहा है कि वो इस मामले में 'कई कंपनियों' को देखेगी और एक टेलिकॉम सिक्यॉरिटी बिल लेकर आएगी.

ख़्वावे मोबाइल फ़ोन का क्या होगा?

इस कार्रवाई से ख़्वावे की अपने स्मार्टफ़ोन बेचने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

अगर आप ख़्वावे का फ़ोन इस्तेमाल करते हैं तो यह इसकी संभावना कम है कि कंपनी आपका डेटा चीनी सरकार को दे रही हो लेकिन यह संभव है. इसी तरह से तकनीकी रूप से गूगल पिक्सल फ़ोन का डेटा अमरीकी सरकार को दिया जा सकता है.

पिछले साल मार्च में गूगल ने ख़्वावे को एंड्रॉयड देना बंद कर दिया था. ऐपल के आईफ़ोन को छोड़कर एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर दुनिया के अधिकतर मोबाइल फ़ोन काम करते हैं.

अगर आपका ख़्वावे फ़ोन प्रतिबंध से पुराना है तो आपको एंड्रॉयड अपडेट मिलते रहेंगे लेकिन अगर आपका नया फ़ोन है तो ऐसा नहीं होगा. हालांकि, ख़्वावे इसको लेकर काम कर रहा है.

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