जिस एंटीफ़ा को ट्रंप 'आतंकवादी' गुट कह रहे हैं, उसके बारे में 7 बातें

अन्तिफा समूह

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अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि फ़ासीवादी-विरोधी समूह एंटीफ़ा (एंटी फ़ासिस्ट) को 'आतंकवादी' संगठन घोषित किया जाएगा.

ट्रंप ने आरोप लगाया है कि अमरीकी नागरिक जॉर्ज फ़्लायड की मौत को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में एंटीफ़ा ने दंगे भड़काए हैं.

अमरीका में सोमवार को लगातार छठी रात एक गोरे पुलिस अधिकारी के हाथों हुई काले नागरिक जॉर्ज फ़्लायड की मौत को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं.

विरोध प्रदर्शनों के कारण कम से कम 40 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है, लेकिन इसके बाद भी लोग सड़कों पर उतर रहे हैं.

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न्यूयॉर्क, शिकागो, फिलाडेल्फिया और लॉस एंजेलेस में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई हैं.

प्रदर्शनकरियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े हैं. कई जगह लोगों ने पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है और दुकानों को लूट लिया है.

सोमवार को अमरीका के मिनेसोटा में 46 साल के निहत्थे काले नागरिक जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत हो गई थी.

उनकी मौत का एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक पुलिसकर्मी डेरेक चौविन आठ मिनट से अधिक वक्त तक उनकी गर्दन पर घुटना टेककर दबाते हुए देखे गए थे.

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राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि "इस हिंसा के लिए 'एंटीफ़ा के नेतृत्व वाले अराजक तत्व' और 'कट्टर वामपंथ के झुकाव वाले अराजक तत्व' ज़िम्मेदार हैं."

हालाँकि उन्होंने इसके बारे में और अधिक जानकारी नहीं दी है. उन्होंने ये भी नहीं बताया है कि वो कब और कैसे एंटीफ़ा को आतंकवादी संगठन घोषित करने वाले हैं.

एंटीफ़ा के बारे में वो 7 बातें जो आप नहीं जानते

धुर-दक्षिणपंथी समूह और फासीवादी-विरोधी समूह एंटीफ़ा के बीच जो लड़ाई इंटरनेट पर चल रही थी वो अब अमरीका की सड़कों तक पहुँचने लगी है.

लेकिन एंटीफ़ा में कौन लोग सदस्य हैं और ये समूह किस बात का प्रतिनिधित्व करता है? इस समूह के बारे में और जानकरी के लिए अनीसा सूबेदार और माइक वेन्डलिंग ने अमरीका के वेस्ट कोस्ट का दौरा किया.

1. कब से अस्तित्व में है एंटीफ़ा

ग्रुप से जुड़े कई लोगों का मानना है कि 1920 और 1930 के दशक में यूरोपीय फासीवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ मूवमेंट के साथ उनका समूह अस्तित्व में आया.

"एंटीफ़ा: द एंटी फ़ासिस्ट हैंडबुक" के लेखक मार्क ब्रे कहते हैं कि आधुनिक अमरीकी एंटीफ़ा मूवमेंट की शुरुआत 1980 के दशक से हुई थी. और इसकी शुरुआत हुई थी एंटी-रेसिस्ट एक्शन नाम के एक समूह से.

इस समूह के सदस्यों ने अमरीका की कुछ जगहों पर नव-नाज़ीवाद का विरोध किया. लेकिन 2000 के दशक की शुरुआत तक ये मूवमेंट लगभग ख़त्म हो गया. हाल के दिनों में डोनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने और रूढ़िवादियों के उभार के बाद से एक बार फिर ये मूवमेंट सिर उठा रहा है.

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2. एंटीफ़ा का उच्चारण कैसे होता है?

मार्क ब्रे के अनुसार इस एक शब्द को कई तरीके से कहा जाता है. अमरीका में अधिकतर लोग इसे एंटीफ़ा कहते हैं.

यूरोप में इसे कई बार इसे एंटी-फार कहा जाता है. ब्रे मानते हैं कि इसका उच्चारण इतालवी शब्द एंटी-फासिस्मो से प्रेरित हो सकता है.

3. किसका विरोध करती है एंटीफ़ा

इस समूह के लोग या इस विचारधारा से जुड़े लोग नव-नाज़ीवाद, नव-फ़ासीवाद, व्हाइट सुप्रिमेसिस्ट (गोरे लोगों को श्रेष्ठ मानने वाली विचारधारा) और नस्लीय भेदभाव जैसे रूढ़िवादी धुर-दक्षिणपंथी विचारधारा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते हैं. हाल के दिनों में ये समूह धुर-दक्षिणपंथी विचारधारा का विरोध करता भी दिखा है.

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ओरेगॉन में ख़ुफ़िया तौर पर काम कर रहे एंटीफ़ा समूहों से बात करने पर उन्होंने बताया कि वो कई तरह के राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हैं लेकिन फ़ासीवाद का विरोध करने के मामले में ये समूह एकजुट हैं और सरकार-विरोधी विचारधारा रखते हैं.

इनका कहना है कि हाल में अमरीकी प्रशासन अधिनायकवाद की तरफ बढ़ी है और वो एक ऐसा मूवमेंट खड़ा करना चाहते हैं जो "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के ख़िलाफ़ हमें और मज़बूत करे."

समूह के एक सदस्य का कहना है , "ये केवल फेडेरल सरकार का विरोध करना भर नहीं हैं लेकिन ये उन क़दमों का विरोध करना भी है जो देश को फ़ासीवाद की तरफ ले जा सकते हैं. और इस तरह के क़दम स्थानीय स्तर पर भी अधिकारी उठा सकते हैं या स्थानीय धुर-दक्षिणपंथी मूवमेंट भी कर सकते हैं."

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4. ये सभी लो हमेशा काले कपड़े क्यों पहनते हैं?

पश्चिम जर्मनी के अराजकतावादियों से लेकर शीत युद्ध के दौर तक एंटीफ़ा की विचाराधारा में यक़ीन रखने वाले सभी विरोध प्रदर्शनों में काले कपड़े पहनते हैं.

पुलिस या विरोधी उन्हें न पहचानें इसके लिए कई बार ये लोग अपने चेहरे मास्क से ढँक कर रखते हैं या फिर हैलमेट पहनते हैं.

एक तरह से ये डराने वाला तरीक़ा भी है जिसे "ब्लैक ब्लॉक" कहा जाता है. इस तरीक़े से वो अनजानों का एक समूह बन कर एक साथ रह सकते हैं.

हालाँकि एंटीफ़ा समूह से ही कई और समूह भी निकले हैं. ओरेगॉन में "स्नैक ब्लॉक" नाम का एक समूह है जो विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था करता है.

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5. ये समूह क्या तरीक़ा अपनाता है?

एंटीफ़ा प्रदर्शनकारियों की कोशिश होती है कि वो रूढ़िवादी धुर-दक्षिणपंथी कार्यक्रमों और नेताओं के कार्यक्रमों में मुश्किलें पैदा करें.

इसके लिए वो कई तरह के तरीक़े अपनाते हैं- शोर मचाते हैं, गीत गातें हैं और दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मानव शृंखला बनाते हैं. कुछ लोग सोशल मीडिया पर धुर-दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े पोस्ट्स पर भी नज़र रखते हैं.

ये लोग इंटरनेट पर अपने विरोधियों की निजी जानकरी रिलीज़ कर देते हैं. ऐसे कर के ये लोग कई बार धुर-दक्षिणपंथी समर्थकों को नौकरियों से निकलवाने में भी कामयाब हुए हैं.

एंटीफ़ा समूह रैली और विरोध मार्च का भी आयोजन करते हैं. इसी समूह में शामिल कुछ हिंसक तत्व विरोध प्रदर्शनों के दौरान पेपर स्रे, चाकू, ईंट और चेन भी अपने साथ रखते हैं.

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6. कितने हिंसक हो सकते हैं इस समूह के लोग?

विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के इस्तेमाल के लिए तैयार रहने की एंटीफ़ा समूहों की सोच उन्हें दूसरे वामपंथी कार्यकर्ताओं से अलग करती है. हालाँकि एंटीफ़ा समूह के कई लोगों का कहना है कि वो हिंसा की निंदा करते हैं.

वो कहते हैं कि अगर कभी हिंसा होती भी है तो ये केवल आत्मरक्षा के लिए होनी चाहिए.

अपनी दलील को सही ठहराने के लिए वो ये तर्क देते हैं कि अगर जर्मन नाज़ी पार्टी के विरोधी 1930 के दशक में अधिक ताक़त का इस्तेमाल करते तो क्या वो द्वितीय विश्व युद्ध और होलोकॉस्ट को रोक सकते थे.

कई बार ऐसे वाकये सामने आए हैं, जब एंटीफ़ा समूह के लोगों ने सीधे तौर पर धुर-दक्षिणपंथियों का सामना किया है. कुछ मामलों में वो रैलियाँ रद्द कराने, टलवाने और बीच में ही आयोजन रोकने में कामयाब हुए हैं.

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7. क्या एंटीफ़ा समूह में महिलाएँ भी हैं ?

परंपरागत रूप से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन में अधिकतर पुरुष शामिल होते हैं लेकिन कैलिफोर्निया और दूसरी जगहों पर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान बड़ी संख्या में एंटीफ़ा से जुड़ी महिलाओं को गिरफ़्तार किया गया है.

इनका कहना है कि आप्रवासन, सस्ती सवास्थ्य सेवा, गर्भपात के अधिकारों और मतदान के अधिकारों से जुड़ी सरकार की नीतियों से महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं.

रिफ्यूज़ फासिज़्म नाम के एंटीफ़ा समूह से जुड़ी सनसारा टेलर कहती हैं कि महिलाएँ इसमें अधिक शामिल हो रही हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि "इन मुद्दों का असर उन पर होता है."

सवाल और जवाब

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आपके सवाल

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    कोरोना वायरस के अहम लक्षणः ज्यादा तेज बुखार, कफ़, सांस लेने में तकलीफ़

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    जब लोग एक संक्रमण से उबर जाते हैं तो उनके शरीर में इस बात की समझ पैदा हो जाती है कि अगर उन्हें यह दोबारा हुआ तो इससे कैसे लड़ाई लड़नी है.

    यह इम्युनिटी हमेशा नहीं रहती है या पूरी तरह से प्रभावी नहीं होती है. बाद में इसमें कमी आ सकती है.

    ऐसा माना जा रहा है कि अगर आप एक बार कोरोना वायरस से रिकवर हो चुके हैं तो आपकी इम्युनिटी बढ़ जाएगी. हालांकि, यह नहीं पता कि यह इम्युनिटी कब तक चलेगी.

    यह नया वायरस उन सात कोरोना वायरस में से एक है जो मनुष्यों को संक्रमित करते हैं.
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    फ़्लू और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कुछ आसान कदम उठाए जा सकते हैं.

    • बार-बार अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं
    • जब तक आपके हाथ साफ न हों अपने चेहरे को छूने से बचें
    • खांसते और छींकते समय टिश्यू का इस्तेमाल करें और उसे तुरंत सीधे डस्टबिन में डाल दें.
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    हर पांच में से चार लोगों में कोविड-19 फ़्लू की तरह की एक मामूली बीमारी होती है.

    इसके लक्षणों में बुख़ार और सूखी खांसी शामिल है. आप कुछ दिनों से बीमार होते हैं, लेकिन लक्षण दिखने के हफ्ते भर में आप ठीक हो सकते हैं.

    अगर वायरस फ़ेफ़ड़ों में ठीक से बैठ गया तो यह सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया पैदा कर सकता है. हर सात में से एक शख्स को अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ सकती है.

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मेरी स्वास्थ्य स्थितियां

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    अस्थमा यूके की सलाह है कि आप अपना रोज़ाना का इनहेलर लेते रहें. इससे कोरोना वायरस समेत किसी भी रेस्पिरेटरी वायरस के चलते होने वाले अस्थमा अटैक से आपको बचने में मदद मिलेगी.

    अगर आपको अपने अस्थमा के बढ़ने का डर है तो अपने साथ रिलीवर इनहेलर रखें. अगर आपका अस्थमा बिगड़ता है तो आपको कोरोना वायरस होने का ख़तरा है.

  • क्या ऐसे विकलांग लोग जिन्हें दूसरी कोई बीमारी नहीं है, उन्हें कोरोना वायरस होने का डर है? स्टॉकपोर्ट से अबीगेल आयरलैंड

    ह्दय और फ़ेफ़ड़ों की बीमारी या डायबिटीज जैसी पहले से मौजूद बीमारियों से जूझ रहे लोग और उम्रदराज़ लोगों में कोरोना वायरस ज्यादा गंभीर हो सकता है.

    ऐसे विकलांग लोग जो कि किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं और जिनको कोई रेस्पिरेटरी दिक्कत नहीं है, उनके कोरोना वायरस से कोई अतिरिक्त ख़तरा हो, इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं.

  • जिन्हें निमोनिया रह चुका है क्या उनमें कोरोना वायरस के हल्के लक्षण दिखाई देते हैं? कनाडा के मोंट्रियल से मार्जे

    कम संख्या में कोविड-19 निमोनिया बन सकता है. ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा होता है जिन्हें पहले से फ़ेफ़ड़ों की बीमारी हो.

    लेकिन, चूंकि यह एक नया वायरस है, किसी में भी इसकी इम्युनिटी नहीं है. चाहे उन्हें पहले निमोनिया हो या सार्स जैसा दूसरा कोरोना वायरस रह चुका हो.

    कोरोना वायरस की वजह से वायरल निमोनिया हो सकता है जिसके लिए अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ सकती है.
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अपने आप को और दूसरों को बचाना

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  • कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकारें इतने कड़े कदम क्यों उठा रही हैं जबकि फ़्लू इससे कहीं ज्यादा घातक जान पड़ता है? हार्लो से लोरैन स्मिथ

    शहरों को क्वारंटीन करना और लोगों को घरों पर ही रहने के लिए बोलना सख्त कदम लग सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो वायरस पूरी रफ्तार से फैल जाएगा.

    क्वारंटीन उपायों को लागू कराते पुलिस अफ़सर

    फ़्लू की तरह इस नए वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है. इस वजह से उम्रदराज़ लोगों और पहले से बीमारियों के शिकार लोगों के लिए यह ज्यादा बड़ा ख़तरा हो सकता है.

  • क्या खुद को और दूसरों को वायरस से बचाने के लिए मुझे मास्क पहनना चाहिए? मैनचेस्टर से एन हार्डमैन

    पूरी दुनिया में सरकारें मास्क पहनने की सलाह में लगातार संशोधन कर रही हैं. लेकिन, डब्ल्यूएचओ ऐसे लोगों को मास्क पहनने की सलाह दे रहा है जिन्हें कोरोना वायरस के लक्षण (लगातार तेज तापमान, कफ़ या छींकें आना) दिख रहे हैं या जो कोविड-19 के कनफ़र्म या संदिग्ध लोगों की देखभाल कर रहे हैं.

    मास्क से आप खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचाते हैं, लेकिन ऐसा तभी होगा जब इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए और इन्हें अपने हाथ बार-बार धोने और घर के बाहर कम से कम निकलने जैसे अन्य उपायों के साथ इस्तेमाल किया जाए.

    फ़ेस मास्क पहनने की सलाह को लेकर अलग-अलग चिंताएं हैं. कुछ देश यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनके यहां स्वास्थकर्मियों के लिए इनकी कमी न पड़ जाए, जबकि दूसरे देशों की चिंता यह है कि मास्क पहने से लोगों में अपने सुरक्षित होने की झूठी तसल्ली न पैदा हो जाए. अगर आप मास्क पहन रहे हैं तो आपके अपने चेहरे को छूने के आसार भी बढ़ जाते हैं.

    यह सुनिश्चित कीजिए कि आप अपने इलाके में अनिवार्य नियमों से वाकिफ़ हों. जैसे कि कुछ जगहों पर अगर आप घर से बाहर जाे रहे हैं तो आपको मास्क पहनना जरूरी है. भारत, अर्जेंटीना, चीन, इटली और मोरक्को जैसे देशों के कई हिस्सों में यह अनिवार्य है.

  • अगर मैं ऐसे शख्स के साथ रह रहा हूं जो सेल्फ-आइसोलेशन में है तो मुझे क्या करना चाहिए? लंदन से ग्राहम राइट

    अगर आप किसी ऐसे शख्स के साथ रह रहे हैं जो कि सेल्फ-आइसोलेशन में है तो आपको उससे न्यूनतम संपर्क रखना चाहिए और अगर मुमकिन हो तो एक कमरे में साथ न रहें.

    सेल्फ-आइसोलेशन में रह रहे शख्स को एक हवादार कमरे में रहना चाहिए जिसमें एक खिड़की हो जिसे खोला जा सके. ऐसे शख्स को घर के दूसरे लोगों से दूर रहना चाहिए.

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मैं और मेरा परिवार

आपके सवाल

  • मैं पांच महीने की गर्भवती महिला हूं. अगर मैं संक्रमित हो जाती हूं तो मेरे बच्चे पर इसका क्या असर होगा? बीबीसी वेबसाइट के एक पाठक का सवाल

    गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 के असर को समझने के लिए वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन अभी बारे में बेहद सीमित जानकारी मौजूद है.

    यह नहीं पता कि वायरस से संक्रमित कोई गर्भवती महिला प्रेग्नेंसी या डिलीवरी के दौरान इसे अपने भ्रूण या बच्चे को पास कर सकती है. लेकिन अभी तक यह वायरस एमनियोटिक फ्लूइड या ब्रेस्टमिल्क में नहीं पाया गया है.

    गर्भवती महिलाओंं के बारे में अभी ऐसा कोई सुबूत नहीं है कि वे आम लोगों के मुकाबले गंभीर रूप से बीमार होने के ज्यादा जोखिम में हैं. हालांकि, अपने शरीर और इम्यून सिस्टम में बदलाव होने के चलते गर्भवती महिलाएं कुछ रेस्पिरेटरी इंफेक्शंस से बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं.

  • मैं अपने पांच महीने के बच्चे को ब्रेस्टफीड कराती हूं. अगर मैं कोरोना से संक्रमित हो जाती हूं तो मुझे क्या करना चाहिए? मीव मैकगोल्डरिक

    अपने ब्रेस्ट मिल्क के जरिए माएं अपने बच्चों को संक्रमण से बचाव मुहैया करा सकती हैं.

    अगर आपका शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज़ पैदा कर रहा है तो इन्हें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पास किया जा सकता है.

    ब्रेस्टफीड कराने वाली माओं को भी जोखिम से बचने के लिए दूसरों की तरह से ही सलाह का पालन करना चाहिए. अपने चेहरे को छींकते या खांसते वक्त ढक लें. इस्तेमाल किए गए टिश्यू को फेंक दें और हाथों को बार-बार धोएं. अपनी आंखों, नाक या चेहरे को बिना धोए हाथों से न छुएं.

  • बच्चों के लिए क्या जोखिम है? लंदन से लुइस

    चीन और दूसरे देशों के आंकड़ों के मुताबिक, आमतौर पर बच्चे कोरोना वायरस से अपेक्षाकृत अप्रभावित दिखे हैं.

    ऐसा शायद इस वजह है क्योंकि वे संक्रमण से लड़ने की ताकत रखते हैं या उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते हैं या उनमें सर्दी जैसे मामूली लक्षण दिखते हैं.

    हालांकि, पहले से अस्थमा जैसी फ़ेफ़ड़ों की बीमारी से जूझ रहे बच्चों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए.

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