कोरोना वायरस: पाकिस्तान में बढ़ते मामले, अस्पताल में जगह की कमी
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Author, उमर दराज़ नंगियाना
पदनाम, लाहौर से, बीबीसी उर्दू संवाददाता
कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या पाकिस्तान में दो सप्ताह पहले 9,000 के क़रीब थी और अब 30,000 को भी पार कर गई है.
एक अप्रैल से कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या में प्रतिदिन लगभग एक हज़ार लोगों की बढ़ोतरी हो रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि "अगर सुरक्षा के लिए कड़े क़दम नहीं उठाए गए तो जुलाई के मध्य तक पाकिस्तान में मरीज़ों की संख्या दो लाख से भी अधिक हो सकती है. इसके बाद ये मामले थोड़ा कम हो सकते हैं या फिर बढ़ सकते हैं, लेकिन पूरी तरह से ख़त्म नहीं होंगे."
डॉक्टरें और विशेषज्ञों को डर है कि ऐसा हुआ तो देश की स्वास्थ्य व्यवस्था इस बोझ को बर्दाश्त नहीं कर पाएगी क्योंकि पाकिस्तान में सभी सरकारी अस्पतालों को मिला कर भी इतनी संख्या में मरीज़ों को संभाल सकने की गुंज़ाइश नहीं है.
ये माना जा सकता है कि सभी संक्रमितों को अस्पताल जाने की ज़रूरत नहीं होगी लेकिन अगर इनमें से आधे या एक चौथाई मरीज़ भी अस्पताल तक पहुंच गए तो क्या उनके लिए वहां जगह होगी?
हाल ही में कराची मे काम करने वाले डॉक्टर फ़ुरक़ान-उल-हक़ की उनके घर पर ही मौत हो गई थी. वो कोरोना से संक्रमित थे और उन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिल पाया था.
उनकी पत्नी ने बीबीसी को बताया कि वो "अपने पति को ख़ुद स्ट्रेचर पर डाल कर अस्पताल ले कर गईं. उन्हें बताया गया कि अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं है."
कोरोना के बारे में पकिस्तान में डॉक्टरों ने जिन आशंकाओं के बारे में पहले से चेतावनी दी है, डॉक्टर फ़ुरक़ान-उल-हक़ के साथ घटी घटना से वो आशंकाएं सच होती नज़र आती हैं. जब घर पर क्वारंटीन में रहने वाले मरीज़ को अस्पताल की ज़रूरत पड़ेगी तो शायद उनके लिए वहां जगह नहीं होगी.
पाकिस्तान में मौजूद अस्पतालों और उनमें उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार आँकड़ों पर नज़र डाली जाए तो पता चलता है कि ये आशंकाएं सच पर आधारित हैं.
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पकिस्तान के अस्पतालों में कितने बेड हैं?
पकिस्तान के सांख्यिकी विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 2018 के अंत तक पाकिस्तान के अस्पतालों में कुल मिला कर 1,32,227 बेड मौजूद थे जो देश भर के 1,279 सरकारी अस्पतालों और 5,671 डिस्पेंसरियों में हैं.
आबादी की संख्या के हिसाब से पंजाब प्रांत के 388 अस्पतालों में बेड की कुल संख्या 60,191 है. इसके बाद सिंध प्रांत में अस्पतालों में 39,564 बेड, सूबा ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह में 22,154, बलूचिस्तान प्रांत में 7,747 और राजधानी इस्लमाबाद में 2,571 बेड उपलब्ध थे.
लेकिन सवाल ये भी है कि ये सभी बेड कोरोना के मरीज़ों के लिए संरक्षित नहीं किए जा सकते.
कोरोना मरीज़ों के लिए कितने बेड?
पाकिस्तान के आर्थिक सर्वे के अनुसार वित्त वर्ष 2017 के अंत तक देश में औसतन हर 1,580 लोगों पर अस्पताल का एक बेड उपलब्ध था.
यही वजह है कि देश का सबसे बड़ा प्रांत पंजाब शुरू में सभी अस्पतालों के भीतर कोरोना के मरीज़ों के लिए सिर्फ 1,122 ही सुरक्षित कर पाया.
मरीज़ों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस संख्या को बढ़ा कर तीन हज़ार से अधिक किया गया लेकिन वो भी कम पड़ गए. इसके बाद अस्थायी फ़ील्ड अस्पताल बनाए गए.
इसी तरह सिंध प्रांत में सरकार ने सभी ज़िलों में फ़ील्ड अस्पताल बनाने का एलान किया है. फ़ील्ड अस्पतालों में उपलब्ध बेड्स की संख्या को मिला कर इस समय पाकिस्तान में कोरोना के मरीज़ों के लिए उपलब्ध बेड्स की संख्या 19 हज़ार से कुछ अधिक है.
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स्रोत: जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियां
आंकड़े कब अपडेट किए गए
5 जुलाई 2022, 1:29 pm IST
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कोरोना के मरीज़ों की संख्या में बढ़ोतरी का अनुपात क्या है?
15 फ़रवरी से 15 मार्च तक पाकिस्तान में सिर्फ़ 50 के आसपास कोरोना पॉजिटिव मरीज़ थे. अगले 15 दिनों में ये संख्या लगभग 2,000 और उससे अगले 15 दिनों में लगभग 6,000 तक पहुँच चुकी थी.
मरीज़ों की संख्या में बढ़ोतरी की ये दर दोगुनी से अधिक थी जो आने वाले दिनों में और बढ़ती रही.
बीते 10 दिनों में पाकिस्तान में प्रतिदिन एक हज़ार से ज़्यादा लोगों में कोरोना की पहचान हो रही है.
अगर इस अनुपात से मरीज़ों की संख्या का बढ़ना जारी रहा तो जून के मध्य तक पाकिस्तान में कोरोना के एक लाख से अधिक मरीज़ हो जाएंगे और इसे रोका न गया तो जुलाई के मध्य तक ये संख्या दोगुनी हो जाएगी, जिसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही चेतावनी दी है.
क्या बेड्स की संख्या पर्याप्त होगी?
कोरोना से ठीक होने वाले और वो मरीज़ जिनकी मौत हो चुकी है, उनकी संख्या को न गिना जाए तो पाकिस्तान में कोरोना मरीज़ों की संख्या इस समय क़रीब 20 हज़ार के आसपास है.
केंद्रीय स्वास्थय विभाग के अनुसार इनमें से लगभग पांच हज़ार लोग इस समय अस्पतालों में हैं जबकि बाकियों को क्वारंटीन सेंटरों में रखा गया है.
स्वस्थ होने वाले लोगों में एक बड़ी संख्या उन पर्यटकों की थी जो शुरू में ईरान से यहां आए थे. आने वाले दिनों में क्वारंटीन सेंटरों में रहने वालों से कितने ठीक होंगे और कितनों को अस्पताल भेजने की ज़रूरत पड़ेगी, इसका अभी कोई अंदाज़ा नहीं है.
लेकिन अगर 20,000 मरीज़ों में 5,000 को अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत पड़ती है तो इस अनुपात से जुलाई के मध्य तक दो लाख में से 50,000 कोरोना मरीज़ों को अस्पताल जाने की ज़रूरत होगी.
इस आकलन के अनुसार अगले दो महीने में पाकिस्तान को कोरोना मरीज़ों के लिए क़रीब 30,000 से ज़्यादा बेड्स की ज़रूरत होगी.
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क्या ये बोझ बर्दाश्त कर पाएंगे प्रांत?
पाकिस्तान के सबसे बड़े सूबे पंजाब में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक कोरोना मरीज़ों के लिए 7,753 बेड मौजूद हैं. इनमें 4,500 से अधिक बेड उन फ़ील्ड अस्पतालों में हैं जो ख़ास तौर पर महामारी से निपटने के लिए बनाए गए हैं.
डिपार्टमेंट ऑफ़ प्राइमरी एंड सेकेन्डरी हेल्थ के अनुसार शुरू में अस्पतालों में ही आइसोलेशन सेंटर या हाई डिपेन्डेंसी यूनिट के नाम से बनाई गई जगहों में बेड्स की संख्या 1,100 से कुछ अधिक थी. इसके बाद इस संख्या को बढ़ाया गया लेकिन सरकार को फ़ील्ड अस्पताल बनाने पड़े.
इस तरह केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों के अनुसार सिंध प्रांत में कोरोना मरीज़ों के लिए 4,688 बेड्स हैं. प्रांतीय स्वास्थय विभाग के अनुसार शुरू में आइसोलेशन सेंटर में बेड्स की संख्या 450 से कुछ अधिक थी जबकि क्वारंटीन सेंटरों को मिला कर बेड्स की कुल संख्या 8,000 के आसपास होगी.
कोरोना वायरस क्या है?लीड्स के कैटलिन सेसबसे ज्यादा पूछे जाने वाले
बीबीसी न्यूज़स्वास्थ्य टीम
कोरोना वायरस एक संक्रामक बीमारी है जिसका पता दिसंबर 2019 में चीन में चला. इसका संक्षिप्त नाम कोविड-19 है
सैकड़ों तरह के कोरोना वायरस होते हैं. इनमें से ज्यादातर सुअरों, ऊंटों, चमगादड़ों और बिल्लियों समेत अन्य जानवरों में पाए जाते हैं. लेकिन कोविड-19 जैसे कम ही वायरस हैं जो मनुष्यों को प्रभावित करते हैं
कुछ कोरोना वायरस मामूली से हल्की बीमारियां पैदा करते हैं. इनमें सामान्य जुकाम शामिल है. कोविड-19 उन वायरसों में शामिल है जिनकी वजह से निमोनिया जैसी ज्यादा गंभीर बीमारियां पैदा होती हैं.
ज्यादातर संक्रमित लोगों में बुखार, हाथों-पैरों में दर्द और कफ़ जैसे हल्के लक्षण दिखाई देते हैं. ये लोग बिना किसी खास इलाज के ठीक हो जाते हैं.
लेकिन, कुछ उम्रदराज़ लोगों और पहले से ह्दय रोग, डायबिटीज़ या कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ रहे लोगों में इससे गंभीर रूप से बीमार होने का ख़तरा रहता है.
एक बार आप कोरोना से उबर गए तो क्या आपको फिर से यह नहीं हो सकता?बाइसेस्टर से डेनिस मिशेलसबसे ज्यादा पूछे गए सवाल
बाीबीसी न्यूज़स्वास्थ्य टीम
जब लोग एक संक्रमण से उबर जाते हैं तो उनके शरीर में इस बात की समझ पैदा हो जाती है कि अगर उन्हें यह दोबारा हुआ तो इससे कैसे लड़ाई लड़नी है.
यह इम्युनिटी हमेशा नहीं रहती है या पूरी तरह से प्रभावी नहीं होती है. बाद में इसमें कमी आ सकती है.
ऐसा माना जा रहा है कि अगर आप एक बार कोरोना वायरस से रिकवर हो चुके हैं तो आपकी इम्युनिटी बढ़ जाएगी. हालांकि, यह नहीं पता कि यह इम्युनिटी कब तक चलेगी.
कोरोना वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड क्या है?जिलियन गिब्स
मिशेल रॉबर्ट्सबीबीसी हेल्थ ऑनलाइन एडिटर
वैज्ञानिकों का कहना है कि औसतन पांच दिनों में लक्षण दिखाई देने लगते हैं. लेकिन, कुछ लोगों में इससे पहले भी लक्षण दिख सकते हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि इसका इनक्यूबेशन पीरियड 14 दिन तक का हो सकता है. लेकिन कुछ शोधार्थियों का कहना है कि यह 24 दिन तक जा सकता है.
इनक्यूबेशन पीरियड को जानना और समझना बेहद जरूरी है. इससे डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों को वायरस को फैलने से रोकने के लिए कारगर तरीके लाने में मदद मिलती है.
क्या कोरोना वायरस फ़्लू से ज्यादा संक्रमणकारी है?सिडनी से मेरी फिट्ज़पैट्रिक
मिशेल रॉबर्ट्सबीबीसी हेल्थ ऑनलाइन एडिटर
दोनों वायरस बेहद संक्रामक हैं.
ऐसा माना जाता है कि कोरोना वायरस से पीड़ित एक शख्स औसतन दो या तीन और लोगों को संक्रमित करता है. जबकि फ़्लू वाला व्यक्ति एक और शख्स को इससे संक्रमित करता है.
फ़्लू और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कुछ आसान कदम उठाए जा सकते हैं.
बार-बार अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं
जब तक आपके हाथ साफ न हों अपने चेहरे को छूने से बचें
खांसते और छींकते समय टिश्यू का इस्तेमाल करें और उसे तुरंत सीधे डस्टबिन में डाल दें.
आप कितने दिनों से बीमार हैं?मेडस्टोन से नीता
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
हर पांच में से चार लोगों में कोविड-19 फ़्लू की तरह की एक मामूली बीमारी होती है.
इसके लक्षणों में बुख़ार और सूखी खांसी शामिल है. आप कुछ दिनों से बीमार होते हैं, लेकिन लक्षण दिखने के हफ्ते भर में आप ठीक हो सकते हैं.
अगर वायरस फ़ेफ़ड़ों में ठीक से बैठ गया तो यह सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया पैदा कर सकता है. हर सात में से एक शख्स को अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ सकती है.
अस्थमा वाले मरीजों के लिए कोरोना वायरस कितना ख़तरनाक है?फ़ल्किर्क से लेस्ले-एन
मिशेल रॉबर्ट्सबीबीसी हेल्थ ऑनलाइन एडिटर
अस्थमा यूके की सलाह है कि आप अपना रोज़ाना का इनहेलर लेते रहें. इससे कोरोना वायरस समेत किसी भी रेस्पिरेटरी वायरस के चलते होने वाले अस्थमा अटैक से आपको बचने में मदद मिलेगी.
अगर आपको अपने अस्थमा के बढ़ने का डर है तो अपने साथ रिलीवर इनहेलर रखें. अगर आपका अस्थमा बिगड़ता है तो आपको कोरोना वायरस होने का ख़तरा है.
क्या ऐसे विकलांग लोग जिन्हें दूसरी कोई बीमारी नहीं है, उन्हें कोरोना वायरस होने का डर है?स्टॉकपोर्ट से अबीगेल आयरलैंड
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
ह्दय और फ़ेफ़ड़ों की बीमारी या डायबिटीज जैसी पहले से मौजूद बीमारियों से जूझ रहे लोग और उम्रदराज़ लोगों में कोरोना वायरस ज्यादा गंभीर हो सकता है.
ऐसे विकलांग लोग जो कि किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं और जिनको कोई रेस्पिरेटरी दिक्कत नहीं है, उनके कोरोना वायरस से कोई अतिरिक्त ख़तरा हो, इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं.
जिन्हें निमोनिया रह चुका है क्या उनमें कोरोना वायरस के हल्के लक्षण दिखाई देते हैं?कनाडा के मोंट्रियल से मार्जे
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
कम संख्या में कोविड-19 निमोनिया बन सकता है. ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा होता है जिन्हें पहले से फ़ेफ़ड़ों की बीमारी हो.
लेकिन, चूंकि यह एक नया वायरस है, किसी में भी इसकी इम्युनिटी नहीं है. चाहे उन्हें पहले निमोनिया हो या सार्स जैसा दूसरा कोरोना वायरस रह चुका हो.
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकारें इतने कड़े कदम क्यों उठा रही हैं जबकि फ़्लू इससे कहीं ज्यादा घातक जान पड़ता है?हार्लो से लोरैन स्मिथ
जेम्स गैलेगरस्वास्थ्य संवाददाता
शहरों को क्वारंटीन करना और लोगों को घरों पर ही रहने के लिए बोलना सख्त कदम लग सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो वायरस पूरी रफ्तार से फैल जाएगा.
फ़्लू की तरह इस नए वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है. इस वजह से उम्रदराज़ लोगों और पहले से बीमारियों के शिकार लोगों के लिए यह ज्यादा बड़ा ख़तरा हो सकता है.
क्या खुद को और दूसरों को वायरस से बचाने के लिए मुझे मास्क पहनना चाहिए?मैनचेस्टर से एन हार्डमैन
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
पूरी दुनिया में सरकारें मास्क पहनने की सलाह में लगातार संशोधन कर रही हैं. लेकिन, डब्ल्यूएचओ ऐसे लोगों को मास्क पहनने की सलाह दे रहा है जिन्हें कोरोना वायरस के लक्षण (लगातार तेज तापमान, कफ़ या छींकें आना) दिख रहे हैं या जो कोविड-19 के कनफ़र्म या संदिग्ध लोगों की देखभाल कर रहे हैं.
मास्क से आप खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचाते हैं, लेकिन ऐसा तभी होगा जब इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए और इन्हें अपने हाथ बार-बार धोने और घर के बाहर कम से कम निकलने जैसे अन्य उपायों के साथ इस्तेमाल किया जाए.
फ़ेस मास्क पहनने की सलाह को लेकर अलग-अलग चिंताएं हैं. कुछ देश यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनके यहां स्वास्थकर्मियों के लिए इनकी कमी न पड़ जाए, जबकि दूसरे देशों की चिंता यह है कि मास्क पहने से लोगों में अपने सुरक्षित होने की झूठी तसल्ली न पैदा हो जाए. अगर आप मास्क पहन रहे हैं तो आपके अपने चेहरे को छूने के आसार भी बढ़ जाते हैं.
यह सुनिश्चित कीजिए कि आप अपने इलाके में अनिवार्य नियमों से वाकिफ़ हों. जैसे कि कुछ जगहों पर अगर आप घर से बाहर जाे रहे हैं तो आपको मास्क पहनना जरूरी है. भारत, अर्जेंटीना, चीन, इटली और मोरक्को जैसे देशों के कई हिस्सों में यह अनिवार्य है.
अगर मैं ऐसे शख्स के साथ रह रहा हूं जो सेल्फ-आइसोलेशन में है तो मुझे क्या करना चाहिए?लंदन से ग्राहम राइट
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
अगर आप किसी ऐसे शख्स के साथ रह रहे हैं जो कि सेल्फ-आइसोलेशन में है तो आपको उससे न्यूनतम संपर्क रखना चाहिए और अगर मुमकिन हो तो एक कमरे में साथ न रहें.
सेल्फ-आइसोलेशन में रह रहे शख्स को एक हवादार कमरे में रहना चाहिए जिसमें एक खिड़की हो जिसे खोला जा सके. ऐसे शख्स को घर के दूसरे लोगों से दूर रहना चाहिए.
मैं पांच महीने की गर्भवती महिला हूं. अगर मैं संक्रमित हो जाती हूं तो मेरे बच्चे पर इसका क्या असर होगा?बीबीसी वेबसाइट के एक पाठक का सवाल
जेम्स गैलेगरस्वास्थ्य संवाददाता
गर्भवती महिलाओं पर कोविड-19 के असर को समझने के लिए वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन अभी बारे में बेहद सीमित जानकारी मौजूद है.
यह नहीं पता कि वायरस से संक्रमित कोई गर्भवती महिला प्रेग्नेंसी या डिलीवरी के दौरान इसे अपने भ्रूण या बच्चे को पास कर सकती है. लेकिन अभी तक यह वायरस एमनियोटिक फ्लूइड या ब्रेस्टमिल्क में नहीं पाया गया है.
गर्भवती महिलाओंं के बारे में अभी ऐसा कोई सुबूत नहीं है कि वे आम लोगों के मुकाबले गंभीर रूप से बीमार होने के ज्यादा जोखिम में हैं. हालांकि, अपने शरीर और इम्यून सिस्टम में बदलाव होने के चलते गर्भवती महिलाएं कुछ रेस्पिरेटरी इंफेक्शंस से बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं.
मैं अपने पांच महीने के बच्चे को ब्रेस्टफीड कराती हूं. अगर मैं कोरोना से संक्रमित हो जाती हूं तो मुझे क्या करना चाहिए?मीव मैकगोल्डरिक
जेम्स गैलेगरस्वास्थ्य संवाददाता
अपने ब्रेस्ट मिल्क के जरिए माएं अपने बच्चों को संक्रमण से बचाव मुहैया करा सकती हैं.
अगर आपका शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज़ पैदा कर रहा है तो इन्हें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पास किया जा सकता है.
ब्रेस्टफीड कराने वाली माओं को भी जोखिम से बचने के लिए दूसरों की तरह से ही सलाह का पालन करना चाहिए. अपने चेहरे को छींकते या खांसते वक्त ढक लें. इस्तेमाल किए गए टिश्यू को फेंक दें और हाथों को बार-बार धोएं. अपनी आंखों, नाक या चेहरे को बिना धोए हाथों से न छुएं.
बच्चों के लिए क्या जोखिम है?लंदन से लुइस
बीबीसी न्यूज़हेल्थ टीम
चीन और दूसरे देशों के आंकड़ों के मुताबिक, आमतौर पर बच्चे कोरोना वायरस से अपेक्षाकृत अप्रभावित दिखे हैं.
ऐसा शायद इस वजह है क्योंकि वे संक्रमण से लड़ने की ताकत रखते हैं या उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते हैं या उनमें सर्दी जैसे मामूली लक्षण दिखते हैं.
हालांकि, पहले से अस्थमा जैसी फ़ेफ़ड़ों की बीमारी से जूझ रहे बच्चों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए.
End of मैं और मेरा परिवार
पंजाब और सिंध प्रांत में इस समय मरीज़ों की संख्या सबसे अधिक है. दोनों प्रांतों में ये आँकड़ा 10,000 के पार है.
ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह में प्रांतीय स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बेड्स की संख्या 3,046 थी जिसको बढ़ा कर अब 4,093 किया गया है, जबकि बलूचिस्तान में शुरू में बेड्स की संख्या 927 थी जिसे बढ़ा कर 2,136 किया गया है.
ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह और बलूचिस्तान में मरीज़ों की संख्या 4,000 और 2,000 से अधिक हो चुकी है.
और कितनी बेड्स संख्या बढ़ा सकता हैपाकिस्तान?
पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बज़दार की तरफ से हाल ही में एक संदेश में बताया गया था कि कोरोना के लिए प्रातं के विभिन्न शहरों में फ़ील्ड अस्पताल बनाए गए हैं जिनमें बेड्स की संख्या 4,500 है और ज़रूरत पड़ने पर इसे 10,000 तक बढ़ाया जा सकता है.
सबसे बड़ा एक हज़ार से अधिक बेड्स का अस्पताल लाहौर के एक्सपो सेंटर में बनाया गया है जो इस समय आधे से अधिक भर चुका है.
इसी तरह सिंध प्रांत के शहर कराची में 1,200 बेड्स का एक फ़ील्ड अस्पताल एक्सपो सेंटर में पाकिस्तानी फ़ौज की मदद से तैयार किया गया है जबकि सिंध सरकार ने प्रांत के विभिन्न ज़िलों में 10,000 बेड्स वाले फ़ील्ड अस्पताल बनाने का ऐलान किया है.
इसी तरह ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह और बलूचिस्तान में भी प्रांतीय प्रशासन ने फ़ील्ड अस्पताल बनाने का ऐलान किया है.
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इस महामारी से लड़ने के लिए फ़ील्ड अस्पताल पर्याप्त हैं?
पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बने ज़्यादातर फ़ील्ड अस्पतालों में अभी तक कोविड-19 के मामूली से लेकर कम गंभीर लक्षणों वाले मरीज़ों को रखा जा रहा है. अभी गंभीर मरीज़ों को अस्पतालों में बने आईसीयू में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
लेकिन आने वाले दिनों में स्थिति बदल सकती है.
मामूली लक्षणों वाले मरीज़ों की उपयुक्त देखभाल के लिए हर 30 बेड्स पर लगभग 84 डॉक्टरों की ज़रूरत होती है जो छह-छह घंटों की शिफ़्ट में काम करते हैं. इसका मतलब ये कि फ़ील्ड अस्पतालों के लिए अधिक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ़ चाहिए जिनकी भर्ती करने की ज़रूरत होगी.
लाहौर के एक्सपो सेंटर में अस्पताल के लिए अभी डॉक्टरों की भर्ती की गई थी. लेकिन इसी फ़ील्ड अस्पताल में मौजूद मरीज़ों ने हाल ही में लगातार दो दिन अस्पताल से गंदगी न उठाने और सुविधाओं की कमी के मुद्दे को लेकर प्रशासन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था.
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*प्रति 1 लाख आबादी पर हुई मौतें
अमरीका
10,12,833
308.6
8,70,30,788
ब्राजील
6,72,033
318.4
3,25,35,923
भारत
5,25,242
38.4
4,35,31,650
रसियन फेडरेशन
3,73,595
258.8
1,81,73,480
मैक्सिको
3,25,793
255.4
60,93,835
पेरू
2,13,579
657.0
36,40,061
ब्रिटेन
1,77,890
266.2
2,22,32,377
इटली
1,68,604
279.6
1,88,05,756
इंडोनेशिया
1,56,758
57.9
60,95,351
फ्रांस
1,46,406
218.3
3,05,84,880
ईरान
1,41,404
170.5
72,40,564
जर्मनी
1,41,397
170.1
2,85,42,484
कोलंबिया
1,40,070
278.3
61,75,181
अर्जेंटीना
1,29,109
287.3
93,94,326
पोलैंड
1,16,435
306.6
60,16,526
यूक्रेन
1,12,459
253.4
50,40,518
स्पेन
1,08,111
229.6
1,28,18,184
दक्षिण अफ्रीका
1,01,812
173.9
39,95,291
तुर्की
99,057
118.7
1,51,80,444
रोमानिया
65,755
339.7
29,27,187
फिलीपिंस
60,602
56.1
37,09,386
चिली
58,617
309.3
40,30,267
हंगरी
46,647
477.5
19,28,125
वियतनाम
43,088
44.7
1,07,49,324
कनाडा
42,001
111.7
39,58,155
चेक गणराज्य
40,324
377.9
39,36,870
बुल्गारिया
37,260
534.1
11,74,216
मलेशिया
35,784
112.0
45,75,809
इक्वेडोर
35,745
205.7
9,13,798
बेल्जियम
31,952
278.2
42,65,296
जापान
31,328
24.8
94,05,007
थाईलैंड
30,736
44.1
45,34,017
पाकिस्तान
30,403
14.0
15,39,275
ग्रीस
30,327
283.0
37,29,199
बांग्लादेश
29,174
17.9
19,80,974
ट्यूनीशिया
28,691
245.3
10,52,180
इराक
25,247
64.2
23,59,755
मिस्र
24,723
24.6
5,15,645
दक्षिण कोरिया
24,576
47.5
1,84,13,997
पुर्तगाल
24,149
235.2
51,71,236
नीदरलैंड्स
22,383
129.1
82,03,898
बोलिविया
21,958
190.7
9,31,955
स्लोवाकिया
20,147
369.4
25,51,116
ऑस्ट्रिया
20,068
226.1
44,99,570
बर्मा
19,434
36.0
6,13,659
स्वीडन
19,124
185.9
25,19,199
कजाखस्तान
19,018
102.7
13,96,584
पराग्वे
18,994
269.6
6,60,841
ग्वाटेमाला
18,616
112.1
9,21,146
जॉर्जिया
16,841
452.7
16,60,429
श्रीलंका
16,522
75.8
6,64,181
सर्बिया
16,132
232.3
20,33,180
मोरक्को
16,120
44.2
12,26,246
क्रोएशिया
16,082
395.4
11,51,523
बोस्निया और हर्जेगोविना
15,807
478.9
3,79,041
चीन
14,633
1.0
21,44,566
जॉर्डन
14,068
139.3
17,00,526
स्विट्जरलैंड
13,833
161.3
37,59,730
नेपाल
11,952
41.8
9,79,835
मोल्डोवा
11,567
435.2
5,20,321
इसराइल
10,984
121.3
43,91,275
होंडूरास
10,906
111.9
4,27,718
लेबनान
10,469
152.7
11,16,798
ऑस्ट्रेलिया
10,085
39.8
82,91,399
अजरबैजान
9,717
96.9
7,93,388
एफवाईआर मेसिडोनिया
9,327
447.7
3,14,501
सऊदी अरब
9,211
26.9
7,97,374
लिथुआनिया
9,175
329.2
11,62,184
अर्मीनिया
8,629
291.7
4,23,417
क्यूबा
8,529
75.3
11,06,167
कोस्टा रिका
8,525
168.9
9,04,934
पनामा
8,373
197.2
9,25,254
अफ़ग़ानिस्तान
7,725
20.3
1,82,793
इथियोपिया
7,542
6.7
4,89,502
आयरलैंड
7,499
151.8
16,00,614
उरुग्वे
7,331
211.8
9,57,629
चाइनीज ताइपे
7,025
29.5
38,93,643
बेलारूस
6,978
73.7
9,82,867
अल्जीरिया
6,875
16.0
2,66,173
स्लोवेनिया
6,655
318.7
10,41,426
डेनमार्क
6,487
111.5
31,77,491
लीबिया
6,430
94.9
5,02,189
लातविया
5,860
306.4
8,37,182
वेनेजुएला
5,735
20.1
5,27,074
फलस्तीन
5,662
120.8
6,62,490
कीनिया
5,656
10.8
3,34,551
जिम्बाब्वे
5,558
38.0
2,55,726
सूडान
4,952
11.6
62,696
फिनलैंड
4,875
88.3
11,45,610
ओमान
4,628
93.0
3,90,244
डोमिनिकन रिपब्लिक
4,383
40.8
6,11,581
अल सल्वाडोर
4,150
64.3
1,69,646
नामीबिया
4,065
163.0
1,69,247
त्रिनिडाड एंड टोबैगो
4,013
287.7
1,67,495
जाम्बिया
4,007
22.4
3,26,259
यूगांडा
3,621
8.2
1,67,979
अल्बानिया
3,502
122.7
2,82,690
नॉर्वे
3,337
62.4
14,48,679
सीरिया
3,150
18.5
55,934
नाइजीरिया
3,144
1.6
2,57,637
जमैका
3,144
106.6
1,43,347
कोसोवो
3,140
175.0
2,29,841
कंबोडिया
3,056
18.5
1,36,296
किर्गिजस्तान
2,991
46.3
2,01,101
बोत्सवाना
2,750
119.4
3,22,769
मॉन्टेनिग्रो
2,729
438.6
2,41,190
मलावी
2,646
14.2
86,600
एस्टोनिया
2,591
195.3
5,80,114
कुवैत
2,555
60.7
6,44,451
संयुक्त अरब अमीरात
2,319
23.7
9,52,960
मोजाम्बिक
2,212
7.3
2,28,226
मंगोलिया
2,179
67.6
9,28,981
यमन
2,149
7.4
11,832
सेनेगल
1,968
12.1
86,382
कमारू
1,931
7.5
1,20,068
अंगोला
1,900
6.0
1,01,320
उजबेकिस्तान
1,637
4.9
2,41,196
न्यूजीलैंड
1,534
31.2
13,74,535
बहरीन
1,495
91.1
6,31,562
रवांडा
1,460
11.6
1,31,270
घाना
1,452
4.8
1,66,546
सिंगापुर
1,419
24.9
14,73,180
स्वाजीलैंड
1,416
123.3
73,148
मेडागास्कर
1,401
5.2
65,787
डीआर कांगो
1,375
1.6
91,393
सूरीनाम
1,369
235.5
80,864
सोमालिया
1,361
8.8
26,803
गुयाना
1,256
160.5
67,657
लक्जेमबर्ग
1,094
176.5
2,65,323
साइप्रस
1,075
89.7
5,15,596
मॉरीशस
1,004
79.3
2,31,036
मौरिटानिया
984
21.7
60,368
मार्टिनिक
965
257.0
1,95,912
ग्वाडेलोप
955
238.7
1,68,714
फिजी
866
97.3
65,889
तंजानिया
841
1.4
35,768
हेटी
837
7.4
31,677
बहामा
820
210.5
36,101
रियूनियन आइलैंड
812
91.3
4,22,769
आइवरी कोस्ट
805
3.1
83,679
लाओ पीपुल्स डेम रिपब्लिक
757
10.6
2,10,313
माल्टा
748
148.8
1,05,407
माली
737
3.7
31,176
लेसोथो
699
32.9
33,938
बेलिज
680
174.2
64,371
कतर
679
24.0
3,85,163
पापुआ न्यू गिनी
662
7.5
44,728
फ्रेंच पोलिनेशिया
649
232.4
73,386
बारबाडोस
477
166.2
84,919
गिनी
443
3.5
37,123
केप वर्डे
405
73.6
61,105
फ़्रेंच गयाना
401
137.9
86,911
बुर्किना फासो
387
1.9
21,044
कांगो
385
7.2
24,128
सेंट लूसिया
383
209.5
27,094
गाम्बिया
365
15.5
12,002
न्यू कैलेडोनिया
313
108.8
64,337
नीजेर
310
1.3
9,031
मालदीव
306
57.6
1,82,720
गैबन
305
14.0
47,939
लाइबेरिया
294
6.0
7,497
नीदरलैंड्स एंटिल्स
278
176.5
44,545
टोगो
275
3.4
37,482
निकारागुआ
242
3.7
14,690
ग्रेनाडा
232
207.1
18,376
ब्रुनई दारुसलाम
225
51.9
1,67,669
अरुबा
222
208.8
41,000
चैड
193
1.2
7,426
जिबूटी
189
19.4
15,690
मेयोट
187
70.3
37,958
इक्वेटोरियल गिनी
183
13.5
16,114
आइसलैंड
179
49.5
1,95,259
चैनल आयलैंड
179
103.9
80,990
गिनी-बिसाऊ
171
8.9
8,369
सेलेल्स
167
171.1
44,847
बेनिन
163
1.4
27,216
कोमोरोस
160
18.8
8,161
अंडौरा
153
198.3
44,177
सोलोमन आइलैंड
153
22.8
21,544
एंटिगा एंड बरबूडा
141
145.2
8,665
बरमूडा
140
219.0
16,162
दक्षिण सूडान
138
1.2
17,722
टिमूर-लेस्टे
133
10.3
22,959
ताजकिस्तान
125
1.3
17,786
सियरा लियोन
125
1.6
7,704
सैन मरीनो
115
339.6
18,236
सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनाडिन्स
114
103.1
9,058
सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक
113
2.4
14,649
आइल ऑफ़ मैन
108
127.7
36,463
जिब्राल्टर
104
308.6
19,633
इरिट्रिया
103
2.9
9,805
नीदरलैंड्स एंटिल्स
87
213.6
10,601
लिचटेन्सटाइन
85
223.6
17,935
साओ टोम एंड प्रिंसिप
74
34.4
6,064
डोमोनिका
68
94.7
14,852
Saint Martin (French part)
63
165.8
10,952
ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स
63
209.8
6,941
मोनैको
59
151.4
13,100
सेंट किट्स एंड नेविस
43
81.4
6,157
बुरुंडी
38
0.3
42,731
बोनेयर, सेंट इयूस्टेटियस एंड साबा
37
142.4
10,405
टर्क एंड कैकस आइलैंड्स
36
94.3
6,219
केमैन आइलैंड्स
29
44.7
27,594
समोआ
29
14.7
14,995
फरोर आइलैंड्स
28
57.5
34,658
भूटान
21
2.8
59,824
ग्रीनलैंड
21
37.3
11,971
वनुआतू
14
4.7
11,389
किरिबाटी
13
11.1
3,236
डायमंड प्रिंसेज़ क्रूज़ शिप
13
712
टोंगा
12
11.5
12,301
एंग्विला
9
60.5
3,476
मॉन्टसेराट
8
160.3
1,020
वालिस एंड फ़्यूट्यूना द्वीप
7
61.2
454
पलाऊ
6
33.3
5,237
सेंट बारथेल्मी
6
60.9
4,697
एमएस ज़ानदाम क्रूज़ शिप
2
9
कुक आइलैंड्स
1
5.7
5,774
सेंट पियर एंड मिक़लों
1
17.2
2,779
फॉकलैंड
0
0.0
1,815
माइक्रोनेशिया
0
0.0
38
वैटिकन
0
0.0
29
मार्शल आइलैंड्स
0
0.0
18
अंटार्कटिका
0
11
सेंट हेलेना
0
0.0
4
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यह सूचना नियमित अपडेट की जाती है लेकिन हो सकता है प्रत्येक देश का नवीनतम आंकड़ा न दिखे.
** नए मरीज़ों के लिए पिछला डेटा तीन दिन का रोलिंग औसत है. मामलों की संख्या में तेज़ी से आ रहे बदलाव के कारण इस तारीख़ के लिए औसत निकालना संभव नहीं है.
स्रोत: जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियां
जब आखिरी बार आंकड़े अपडेट किए गए: 5 जुलाई 2022, 1:29 pm IST