महाभियोग की सुनवाई में शामिल नहीं होंगे ट्रंप: व्हाइट हाउस

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व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप या उनके वकील महाभियोग की सुनवाई में शामिल नहीं होंगे.
व्हाइट हाउस ने कहा कि मामले में निष्पक्षता बनी रहे इसके लिए बुधवार को होने वाली सुनवाई में न तो ट्रंप रहेंगे और न ही उनके वकील.
महाभियोग मामले की सुनवाई हाउस ऑफ़ रीप्रेज़ेन्टेटिव्स की न्यायिक समिति कर रही है, जो इस मामले की सुनवाई का दूसरा स्तर है. समिति के सामने क़ानूनी मामलों के जानकार अपना पक्ष रख रहे हैं जिसके बाद इस मामले में मतदान कराया जाने वाला है.
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डोनल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए यूक्रेन पर अपने प्रतिद्वंदी और उनके बेटे के ख़िलाफ़ जांच शुरु करने के लिए दवाब बनाया है.
ट्रंप ख़ुद पर लगे आरोपों से लगातार इनकार करते रहे हैं.
बीते कई सप्ताह से ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग मामले में गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और सार्वजनिक सुनवाई हो रही है. इसके बाद अब इस प्रक्रिया का केंद्र ट्रंप का व्यवहार होगा जिसके बाद मतदान कराए जाएंगे. मतदान के बाद मामला सीनेट में पहुंचेगा जहां रिपब्लिकन पार्टी बहुमत में है.

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ट्रंप के ख़िलाफ़ क्या है आरोप?
महाभियोग मामले में ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के बीच फ़ोन पर हुई वार्ता की जांच हो रही है.
इस फ़ोन वार्ता में राष्ट्रपति ट्रंप ने कथित तौर पर यूक्रेनी ऊर्जा कंपनी बुरिज़्मा के लिए काम कर चुके जो बिडेन (अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के मुख्य उम्मीदवार) और उनके बेटे हंटर बिडेन के ख़िलाफ़ जांच शुरु करने के लिए कहा था.
इस विषय पर भी जांच चल रही है कि क्या ट्रंप ने यूक्रेन पर जांच करने का दबाव डालने के लिए यूक्रेन को दी जाने वाली अमरीकी सैन्य मदद रोकने की धमकी दी थी.
क्या कहना है व्हाइट हाउस का?
बीते बुधवार सदन के न्यायिक समिति के चेयरमेन और डेमोक्रेटिक नेता जेरॉल्ड नाडलेर ने ट्रंप से गुज़ारिश की थी कि वो "स्वयं या फिर अपने वकील के ज़रिए" इस प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं.
नाडलेर का कहना था कि अगर राष्ट्रपति ट्रंप इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं तो वो गवाहों से सवाल पूछ सकते हैं.
लेकिन समिति को लिखे एक ख़त में व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के वकील पैट सिप्लोन ने समिति पर "इस मामले में उचित प्रक्रिया और निष्पक्षता की कमी" का आरोप लगाया था और कहा कि उनके आमंत्रण से व्हाइट हाउस को तैयार होने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा और उन्हें गवाहों के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई है.
सिप्लोन का कहना है कि मिल रही ख़बरों के अनुसार इस मामले में अधिकतर गवाह "अकादमिक लोग हैं" और "कोई फैक्ट गवाह नहीं हैं".
जहां गवाह घटना के बारे में अपनी निजी जानकारी दे सकता है वहीं फैक्ट गवाह एक जानकार होता है जो जजों को उनकी राय बनाने में मदद करता है.
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सिप्लोन ने ये भी कहा कि समिति ने तीन वकीलों को पेश होने दिया था लेकिन रिपब्लिकन पार्टी को मात्र एक वकील पेश करने की अनुमति दी थी. उन्होंने नाडलेर के दावे का भी खंडन किया और कहा कि ये प्रक्रिया महाभियोग के एतिहासिक मामलों की तरह निष्पक्ष नहीं है क्योंकि 1998 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के मामले में निष्पक्ष सुनवाई कराई गई थी.
राष्ट्रपति ट्रंप के वकील ने कहा कि अगर समिति की मंशा है कि आगे होने वाली सुनवाई में ट्रंप ख़ुद शिरकत करें तो नाडलेर को ये सुनिश्चित करना होगा कि "उचित प्रक्रिया का पालन" हो और "निष्पक्ष तरीके से सुनवाई हो".
सिप्लोन ने अपनी चिट्ठी में यो तो नहीं बताया कि ट्रंप आगे होने वाली सुनवाई में शामिल होंगे या नहीं लेकिन कहा कि इस मामले में शुक्रवार तक वो कोई न कोई उत्तर ज़रूर देंगे.

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लीसा पेज ने ट्रंप के खिलाफ़ तोड़ी चुप्पी
इधर महाभियोग मामले के अलावा एक और मामले में ट्रंप विवादों में घिरते नज़र आ रहे हैं.
एफ़बीआई की पूर्व वक़ील रही लीज़ा पेज ने अमरीकी राष्ट्रपति के विवादास्पद बयान पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. लीसा पेज ने साल 2016 में डोनल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन के मामले की जांच की थी.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपनी एक रैली में लीसा के खिलाफ़ एक आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उनका मज़ाक उड़ाया था जिसके बाद लीसा ने एक इंटरव्यू में अपनी बात रखी है.
उन्होंने डेली बीस्ट को दिए अपने एक साक्षात्कार में कहा कि ट्रंप की टिप्पणी किसी बीमार दिमाग़ की उपज है.
उन्होंने क़रीब दो साल पहले अपने पूर्व प्रेमी और एफ़बीआई एज़ेंट पीटर स्टरज़ोक को भेजे 'एंटी-ट्रंप मैसेज' का भी ज़िक्र किया और कहा कि यह कहीं से भी नियमों का उल्लंघन नहीं था.
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कहा क्या लीज़ा पेज ने?
रविवार को लीज़ा पेज ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक लिंक शेयर करते हुए लिखा,"अब बस...और चुप्पी नहीं"
इस इंटरव्यू में पेज ने कहा है "मैं काफी सालों तक चुप रही और ये सोच रही थी कि यह सब कुछ धुंधला पड़ जाएगा लेकिन यह और ख़राब ही होता चला गया."
वो आगे कहती हैं, "ये कुछ ऐसा है जैसे किसी ने मेरे पेट में घूंसा मार दिया हो. मेरा दिल डूब जाता है जब मैं ये पाती हूं कि उन्होंने एक बार फिर मेरे बारे में टिप्पणी की है."
"वो भरी दुनिया में मेरे नाम लेकर बात कर रहे हैं. वो मेरी प्रतिष्ठा और मेरे करियर पर धब्बा लगा रहे हैं. यह वाकई कुत्सित मानसिकता का परिचायक है."

क्या था उनके टेक्स्ट मैसेज में?
स्टरज़ोक और लीसा दोनों ही साल 2016 में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलरी क्लिंटन की जांच में शामिल थे और इस बात की पड़ताल कर रहे थे कि विदेश मंत्री रहने के दौरान आख़िर उन्होंने कितनी बार अपने निजी ईमेल सर्वर का इस्तेमाल किया.
इसके बाद ये दोनों उस टीम का भी हिस्सा थे जो यह जांच कर रही थी कि क्या 2016 के चुनावों में रूस ने ट्रंप को मदद पहुंचाने की कोशिश की थी.
लेकिन जैसे ही ये मैसेज सामने आए, उन्हें जांच टीम से हटा दिया गया.
इन मैसेज में पेज ने ट्रंप को एक 'घृणित आदमी' कहा गया था और 'बेवकूफ़' भी लिखा था. साथ ही हिलरी ने के जीतने की कामना की थी.
डिपार्टमेंट ऑफ़ जस्टिस की जांच के दौरान मैसेज का ये मामला सामने आए था.
इस मामले के सामने आने के बाद से ट्रंप लगातार 'एफ़बीआई लवर्स' की आलोचना करते रहे हैं.
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