चीन: सेना का शक्ति प्रदर्शन, भव्य परेड और नारे लगाती जनता

पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना यानी चीन में कम्युनिस्ट शासन के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ज़ोर-शोर से जश्न मनाया जा रहा है.

इस मौके पर सेना की भव्य परेड निकाला जा रहा है, देशभक्ति के गीत गाए जा रहे हैं और सैन्यशक्ति का प्रदर्शन किया जा रहा है.

बीते 70 वर्षों में चीन एक ग़रीब देश से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है. उसने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी अहमियत और प्रभुत्व साबित करके दुनिया को चौंकाया भी है.

मगर इसके साथ ही मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों के लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की लगातार आलोचना भी होती रहती है. यहां लाखों लोग ऐसे भी हैं जो 70वीं सालगिरह की जश्न का हिस्सा नहीं हैं.

जश्न से दूरी बनाने वालों में वो लोग हैं जिन्हें अनुचित तरीके से जेल भेजा गया, इनमें वो वीगर मुसलमान हैं जिन्हें कथित रूप से 'ट्रेनिंग कैंपों' में रखा गया है.

जश्न से ख़ुद को अलग रखने वालों में वो लोग भी हैं जिनके परिजनों और दोस्तों ने चीन के कम्युनिस्ट शासन का विरोध करते हुए अपनी जानें गवां दी थी.

कम्युनिस्ट शासन की 70वीं सालगिरह का जश्न उसी तिएनेन्मन स्क्वेयर पर मनाया जा रहा है जहां साल 1989 में कम्युनिस्ट शासन का विरोध करते हुए बड़ी संख्या में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी मारे गए थे.

फ़िलहाल अभी चीन में उत्सव जैसा वातावरण है.

सेना की परेड के अलावा आम चीनियों की परेड भी जारी है. आम लोगों की परेड में एक छोटे बच्चे को गीत गाते हुए देखा गया.

वो कुछ इस तरह गा रहा था: मेरी मातृभूमि, आज तुम्हारा जन्मदिन है. आज सुबह मैंने पहाड़ के उस बार कबूतर उड़ाए ताकि वो तुम्हारे लिए जैतून के पत्ते ला सके. मेरी मातृभूमि, तुम्हें जन्मदिन मुबारक हो.''

माओ की विशाल तस्वीर उठाए हुए लोगों की भीड़ तिएनेन्मन चौक से गुज़री और नारे लगाए गए, "कम्युनिस्ट पार्टी के बिना चीन नहीं होगा."

स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता कराई गई जिसका विषय था: 'मैं अपने देश से प्यार करता हूं'

लड़कियां फूलों का टियारा (क्राउन) पहने डांस कर रही हैं और युवा लाल रिबन लिए नारे लगा रहे हैं, "चीन ज़िंदाबाद!" लोग साइकिल पर सवाल होकर रैलियां निकाल रहे हैं.

सेना बैलिस्टिक मिसाइल, टैंक और ड्रोन्स के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर रही है.

इन सबके बीच हॉन्गकॉन्ग में चीनविरोध प्रदर्शनों के तेज़ होने की आशंका है.

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