नाइजीरिया का 'टॉर्चर हाउस' जहां क़ैद में थे 500 पुरुष-लड़के

बंधक

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लोहे की जंज़ीरें, जिनका एक सिरा पैरों में लिपटा है और दूसरा हाथों में बंधा है. बंधे हाथों में किसी गाड़ी का टायर, जिसकी रबड़ उतर चुकी है और बचा रह गया है लोहे का ढांचा, जिसे नीचे रखा तो पैर नहीं उठेंगे और हाथ से ज़्यादा देर तक पकड़े रहना संभव नहीं.

दिल दहलाने वाली प्रताड़ना की ये तस्वीरें तब सामने आईं जब नाइजीरिया के कदूना शहर में पुलिस ने एक इमारत से लगभग 500 पुरुषों और लड़कों को छुड़ाया.

पुलिस का कहना है कि इस इमारत में बंधक बनाए गए पुरुषों और लड़कों का यौन शोषण और तरह-तरह से उत्पीड़न किया जाता था.

अधिकारियों के मुताबिक, समझा जाता था कि इस इमारत में मदरसा चलता था जहां से छुड़ाए गए बच्चों में पांच साल की उम्र वाले बच्चे भी शामिल हैं.

कदूना पुलिस प्रमुख अली जंग ने बीबीसी को बताया कि इस इमारत में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर छापा मारा गया.

उन्होंने इस इमारत को 'टॉर्चर हाउस' और ग़ुलामी का अड्डा बताया है.

बंधक

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छापे के बाद आठ संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें से अधिकतर शिक्षक हैं.

जिन बंधकों को छुड़ाया गया, उनमें से कुछ भुखमरी की कगार पर थे और कुछ के शरीर पर प्रताड़ना के निशान चीख-चीखकर गवाही दे रहे थे.

वर्षों से चल रहा था शोषण

कुछ बंधकों ने बताया कि वो यहां कई वर्षों से बंद हैं और उनका हर तरह से शोषण किया जा रहा था.

मदरसा

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कुछ बच्चों ने पुलिस को बताया कि उनके परिजन ही उन्हें यहां लेकर आए थे, उन्हें लगता था कि इस इमारत में कुरान की शिक्षा दी जाती है.

कदूना

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दो बच्चों ने बताया कि वो बुर्किना फासो के रहने वाले हैं और उनके माता-पिता ने उन्हें यहां भेजा था. पुलिस का मानना है कि बाक़ी बच्चे नाइजीरिया के ही रहने वाले हैं.

बंधक

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इस इलाके में इस्लामी स्कूल काफ़ी लोकप्रिय है लेकिन वहां तरह-तरह से प्रताड़ित करने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं.

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