ट्रंप ने महिला सांसद के ख़िलाफ़ लगे 'नस्लवादी' नारे से काटी कन्नी

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अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पिछले कुछ समय से विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी की चार महिला सांसदों से उलझ गए हैं.
आप्रवासी पृष्ठभूमि से आने वाली इन सांसदों ने ट्रंप की आप्रवासन नीतियों पर सवाल उठाए थे जिसके बाद ट्रंप ने उनसे कह डाला कि उन्हें अगर इतनी ही तकलीफ़ है तो वो अमरीका छोड़ वहीं चली जाएँ जहाँ से वो आई हैं.
अब एक नई घटना में ट्रंप की एक रैली में उनके समर्थक एक महिला सांसद के ख़िलाफ़ नारे लगाने लगे कि उन्हें बाहर कर दिया जाए.
मामले ने तूल पकड़ा जिसके बाद ट्रंप को कहना पड़ा है कि उनका इन नारों से कोई लेना-देना नहीं है.
इल्हान ओमर, राशिदा तालिब, अलेक्सांद्रिया ओकासियो कोर्तेज़ और आयाना प्रेस्ले - ये चार महिलाएँ पिछले साल नवंबर में अमरीका में सांसद चुनी गईं और सबने अपनी जीत से एक नया इतिहास बनाया.
ये सभी अमरीकी, मगर आप्रवासी अमरीकी हैं और चारों ही अश्वेत हैं.
उन्होंने ट्रंप सरकार की आप्रवासी नीति की आलोचना की. नतीजा गत रविवार डोनल्ड ट्रंप ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए कि ये लोग अमरीका से नफ़रत करते हैं और उन्हें अपराध में घिरे उन जगहों पर लौट जाना चाहिए जहाँ से वो आई हैं.

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'सेन्ड हर बैक' पर बवाल
अभी इसे लेकर बवाल मचा ही था कि बुधवार को नॉर्थ कैरोलाइना राज्य में ट्रंप की एक चुनावी रैली में उनके समर्थक - सेन्ड हर बैक - के नारे लगाने लगे. उस वक्त ट्रंप सांसद इल्हान ओमर पर बरस रहे थे जो सोमालियाई मूल की अमरीकी नागरिक हैं.
इसे लेकर विवाद हुआ, कई सांसदों ने भी सवाल उठाए, और व्हाइट हाउस में जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आपने समर्थकों को रोका क्यों नहीं, तो ट्रंप ने अपने आपको अपने समर्थकों के लगाए नारों से अलग कर लिया.
ट्रंप ने कहा,"मैं इससे ख़ुश नहीं था, मगर मैंने ये नहीं कहा, उन्होंने कहा जिससे मैं सहमत नहीं हूँ."
मगर उन्होंने ये स्पष्ट नहीं किया कि वो किस बात से सहमत नहीं थे.
सांसद इल्हान ओमर ने कहा कि ट्रंप ने रैली में जो कुछ कहा वो फ़ासीवादी विचारधारा है.
उन्होंने कहा," राष्ट्रपति ने जो भी कहा उसे दिल पर लेने की ज़रुरत नहीं, हम वैसे ही अमरीका वासी हैं जैसे दूसरे. ये हमारा देश है और हम यहीं के लोग हैं. ट्रंप मंच से अपनी फ़ासीवादी सोच को फैला रहे हैं, अमरीकी नागरिकों से बाहर जाने को कह रहे हैं, बस इसलिए क्योंकि वो उनकी नकारात्मक नीतियों का समर्थन नहीं करते. हम लोगों से कहना चाहते हैं, कि अमरीका में असहमत होना ही देशभक्ति है."

चुनावी रणनीति
जानकारों का कहना है कि 'सेन्ड हर बैक' के लगे नारे 2016 के चुनाव अभियान की याद दिलाते हैं जब ट्रंप के समर्थकों ने उनकी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को जेल भेजने के लिए 'लॉक हर अप' के नारे लगाने शुरु किए थे.
बीबीसी के अमरीका संवाददाता एंथनी जर्चर का कहना है कि ट्रंप एक चालाक राजनेता हैं जो अवसरों को भाँप लेते हैं.
संवाददाता के अनुसार वो ऐसी बातें कर डेमोक्रेटिक समर्थकों में फूट डालने और ऐसे लोगों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं जिनके बढ़-चढ़कर मत डालने से उन्हें चुनाव में आसानी होगी.
एंथनी कहते हैं कि हालाँकि इसमें जोखिम भी है. अगर इससे उनके समर्थक एकजुट हो सकते हैं, तो उनके विरोधियों के साथ भी ऐसा ही हो सकता है.
बहरहाल इस सबसे लग यही रहा है कि अमरीका एक विभाजनकारी और गंदे चुनाव अभियान की ओर बढ़ रहा है.
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