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अमरीका के रेगिस्तान में गर्मी और प्यास से भारतीय बच्ची की मौत
भारत की एक छह साल की बच्ची की अमरीका के एरिज़ोना प्रांत के रेगिस्तान में गर्मी की वजह से मौत हो गई है. ये बच्ची अगले महीने ही अपना सातवां जन्मदिन मनाती.
इस प्रवासी बच्ची की मां उसे अन्य लोगों के पास छोड़कर पानी की तलाश में गई थी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमरीकी की बोर्डर पेट्रोल पुलिस और मेडिकल जांच करने वाले स्वास्थ्य कर्मी ने बच्ची की मौत की पुष्टि की है.
अमरीका की बोर्डर पेट्रोल पुलिस ने गुरुप्रीत कौर नाम की इस बच्ची को लूकेविले के पश्चिम में बुधवार को पाया था. यहां तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था.
बच्ची अवैध रूप से अमरीका में दाख़िल हुए भारतीय प्रवासियों के दल में शामिल थी.
एरिज़ान के गर्म रेगिस्तान में इस साल प्रवासी बच्चे की ये दूसरी मौत है.
दक्षिम अमरीकी देशों के प्रवासी अमरीका-मैक्सिको सीमा से अमरीका में दाख़िल होते हैं और शरण लेने की कोशिश करते हैं.
प्रवासन अधिकारियों के मुताबिक मैक्सिको के रास्ते अमरीका में दाख़िल होने वाले भारतीयों की संख्या भी बढ़ रही है.
बच्ची और उसकी मां पांच भारतीय प्रवासियों के दल में शामिल थीं. इन्हें मानव तस्करी करने वाले गैंग ने मंगलवार सुबह दस बजे लूकेविले से 27 किलोमीटर दूर रेगिस्तान में छोड़ा था.
लूकेविले अमरीका मैक्सिको सीमा के पास स्थित एक क़स्बा है जो टकसन से क़रीब 80 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम में स्थित है.
कुछ दूर चलने के बाद लड़की की मां और एक अन्य महिला पानी की खोज में निकली. वो अपनी बच्ची को एक अन्य महिला और अन्य बच्ची के साथ छोड़कर गईं थी.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों महिलाएं ने बोर्डर पेट्रोल पुलिस को बताया कि वो दो बच्चियों और एक महिला से अलग हो गई हैं.
पुलिस ने इन दोनों महिलाओं को हिरासत में ले लिया और इलाक़े में खोजी अभियान चलाया. कुछ ही घंटे बाद उन्हें बच्ची का शव मिल गया.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने बच्ची की मौत की वजह हाइपरथर्मिया यानी शरीर का तापमान बढ़ना बताई है.
यूएस बोर्डर पेट्रोल एजेंट जीसस वासाविलबासो ने रॉयटर्स से कहा, "पानी की खोज में निकलने के बाद उन्होंने फिर उन्हें नहीं देखा."
बच्ची की मां और दूसरी महिला 22 घंटे तक रेगिस्तान में भटकती रहीं.
इनके क़दमों के निशानों का पीछा कर रहे बोर्डर पुलिस एजेंट इन तक पहुंच गए.
दूसरी बच्ची और उसकी मां वापस मैक्सिको में दाख़िल हो गईं थीं. बाद में उन्हें अमरीकी सीमा में लाया गया जहां उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया.
इस साल एरिज़ोना के रेगिस्तान में अब तक 58 प्रवासियों की मौत हो गई है.
बीते साल कुल 127 प्रवासी यहां गर्मी की वजह से मारे गए थे.
अमरीका पहुंचने के लिए प्रवासी कई तरह के ख़तरे उठाते हैं.
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