You’re viewing a text-only version of this website that uses less data. View the main version of the website including all images and videos.
पाकिस्तानः तालिबान के 'गॉडफ़ादर' की रावलपिंडी में हत्या
पाकिस्तान में जमियत उलेमा-ए-इस्लाम की अपनी शाखा के प्रमुख मौलाना समी उल हक़ की रावलपिंडी में उनके घर में हत्या कर दी गई है.
मौलाना समी उल हक़ को पाकिस्तान में तालिबान का जनक भी कहा जाता है. वो एक प्रभावशाली धर्मगुरु थे जिनसे हज़ारों तालिबान लड़ाकों ने तालीम हासिल की.
रावलपिंडी पुलिस ने बीबीसी उर्दू संवाददाता शहज़ाद मलिक को बताया है कि समी उल हक़ पर हमला उनके रावलपिंडी स्थित आवास पर हुआ.
वो रावलपिंडी के बहरिया टाउन में सफ़ारी वन विलाज़ इलाक़े में रहते थे.
मौलाना समी उल हक़ के पोते अब्दुल हक़ ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वो रावलपिंडी में अपने मकान में अकेले थे जब अज्ञात हमलावर ने छुरे से हमला करके उनकी हत्या कर दी.
उन्होंने बताया कि हमले के वक़्त मौलाना अकेले थे. उनके सुरक्षाकर्मी और ड्राइवर घर से बाहर गए हुए थे. जब वो लौटे तो मौलाना समी-उल-हक़ उन्हें ख़ून में लथपथ मिले.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अज्ञात हमलावर शुक्रवार शाम को उनके घर में घुसा और उन पर हमला किया.
तालिबान के रूहानी नेता
मौलान समी उल हक़ की उम्र 80 साल से ज़्यादा थी और वो 1988 से दारुल उलूम हक़्क़ानिया के अध्यक्ष थे. इस मदरसे से हज़ारों तालिबान लड़ाकों ने इस्लामी शिक्षा हासिल की है.
1990 के दशक़ में उनके मदरसे को अफ़ग़ान जेहाद की नरसरी कहा जाता था. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक मौलाना समी उल हक़ तालिबान के रूहानी नेता थे.
मौलाना समी उल हक़ ने मुल्ला उमर को अपना बेहतरीन छात्र क़रार दिया था और उन्हें एक फ़रिश्ते जैसा इंसान कहा था.
वो जमियत उलेमा ए इस्लाम के एक धड़े के नेता थे और दो बार पाकिस्तान की संसद के सदस्य भी रह चुके थे.
इसी साल हुए चुनावों के दौरान उन्होंने सत्ताधारी तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी का समर्थन किया था.
बेहद प्रभावशाली धर्मगुरु मौलाना समी उल हक़ की हत्या एक बेहद संवेदनशील समय में हुई है.
ईसाई युवती आसिया बीबी को ईशनिंदा के आरोप में बरी किए जाने के बाद पाकिस्तान में धार्मिक समूह प्रदर्शन कर रहे हैं.
मौलाना के परिजनों के मुताबिक वो भी प्रदर्शन में हिस्सा लेना चाहते थे लेकिन पुलिस के रास्ते बंद करने की वजह से घर वापस लौट आए थे.
मौलाना समी उल हक़ का जन्म साल 1936 में अकोरा खट्टाक के एक धार्मिक परिवार में हुआ था.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)