क्या इदलिब की जीत से सीरिया की जंग का अंत होगा?

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सीरिया की जंग अब अपने आख़िरी दौर में प्रवेश करती दिख रही है. सीरिया और उसका सहयोगी रूस विद्रोहियों के कब्ज़े वाले इदलिब शहर पर एक बड़े हमले की तैयारी में जुटे हैं.
इदलिब पर जीत कोई आम जीत नहीं होगी.
क्यों है इदलिब इतना ख़ास

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ये प्रांत सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे विद्रोहियों और जिहादी गुटों पर आख़िरी गढ़ है.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इदलिब में 29 लाख लोग रहते हैं जिनमें से क़रीब 10 लाख बच्चे हैं. इस शहर के अधिकतर बाशिंदे विद्रोहियों के कब्ज़े वाले अन्य इलाकों से भागकर आए हैं.
जैसे-जैसे सरकार विद्रोहियों के ठिकाने पर जीत हासिल करती गई, वहां के लोग भागकर इदलिब आ गए.
अगर इदलिब में विद्रोही हारे तो उनके पास सीरिया के भीतर बहुत कम इलाके बचेंगे.
इदलिब में हार उनका अंत साबित हो सकता है.
किसके नियंत्रण में है इदलिब?

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इस प्रांत पर किसी एक गुट का कब्ज़ा नहीं है. सभी गुटों को मिलाकर यहां करीब 30 हज़ार लड़ाके हैं.
इस वक्त शहर में प्रमुख ताक़त 'हयात तहरीर अल-शम' यानी एचटीएस है. इस जिहादी गुट के तार अल-क़ायदा से जुड़े हैं.
एचटीएस का प्रांत की राजधानी के अलावा तुर्की की सीमा पर स्थित बाब अल-हवा नाम की बॉर्डर क्रॉसिंग पर कब्ज़ा है. संयुक्त राष्ट्र इसे एक आतंकवादी संगठन मानता है. इस संगठन में करीब 10 हज़ार लड़ाके हैं. इनमें से कई विदेशों से यहां जमा हुए हैं.
शहर की दूसरी बड़ी ताक़त है नेशनल लिबरेशन फ़्रंट यानी एनएलएफ़. इस संगठन के सिर पर तुर्की का हाथ है. इसका गठन इसी साल एचटीएस के दबदबे को कम करने के लिए किया गया है.
इस संगठन में अहरार अल-शम और नूर अल-दीन अल-ज़िंकी ब्रिगेड जैसे कई कट्टर इस्लामी गुट शामिल हैं. फ़्री सीरियन आर्मी भी इसी संगठन के बैनर तले लड़ रही है.
सीरियाई सरकार इस वक़्त क्यों कर रही है हमले की तैयारी?
इदलिब की लड़ाई का पलड़ा अब राष्ट्रपति असद की ओर झुकता दिख रहा है. सीरिया के सहयोगी रूस के हवाई हमलों और ईरान समर्थित हज़ारों लड़ाकों की मदद से देश के बाक़ी हिस्सों में विद्रोहियों को उखाड़ फेंका गया है.

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30 अगस्त को सीरिया के विदेश मंत्री वालिद मुआलेम ने घोषणा की थी कि अब सरकार के निशाने पर इदलिब शहर है. उन्होंने कहा था कि सीरिया इदलिब को आज़ाद करवाने के लिए हर क़ुर्बानी देने को तैयार है.
तुर्की रूस के साथ बातचीत कर चाहता है कि सीरिया इदलिब पर आख़िरी हमला बोलने में जल्दबाज़ी न करे.

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पहले ही तुर्की में 30 लाख सीरियाई शरणार्थी हैं. उसे डर है कि उसकी सीमा के क़रीब एक और जंग के कारण एक बार फिर लाखों लोग तुर्की का रूख़ कर सकते हैं.
इदलिब के बाशिंदो का क्या होगा?
ज़बरदस्त सैन्य अभियान से इस प्रांत में भारी तबाही होगी. पहले से ही बेहाल ज़िंदगी जी रहे लाखों लोगों के हालात और बदतर हो जाएंगे. शहर में पहले से ही खाने-पीने के सामान से लेकर दवाओं की किल्लत है.

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संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने चेतावनी दी है कि इदलिब पर चढ़ाई से एक मानवीय संकट खड़ा हो सकता है. संस्था का अनुमान है कि युद्ध के कारण क़रीब आठ लाख लोग बेघर हो सकते हैं.
और ये लोग शहर छोड़कर कहां जाएंगे, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है क्योंकि तुर्की ने तो अपनी सीमाएं पहले से ही सील कर दी हैं.

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क्या इदलिब पर हमला टाला जा सकता है?
सीरिया में यूएन के विशेष दूत स्टाफ़ान डे मिस्तुरा ने रूस, ईरान और तुर्की से जंग में जल्दबाज़ी न करने की अपील की है.

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उन्होंने दो विकल्प दिए हैं. पहला सियासी बातचीत के लिए थोड़ा वक्त और दिया जाना चाहिए और दूसरा प्रांत में फंसे लोगों को एक सुरक्षित स्थान पर ले जाए जाने का बंदोबस्त किया जाना चाहिए.

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तुर्की चाहता है कि सीरिया और रूस ऑपरेशन स्थगित कर दें. शुक्रवार को तीनों देश मिल रहे हैं ताकि किसी नतीजे तक पहुंचा जा सके.
अमरीका विद्रोहियों का साथ देता आया है और उसने कहा है कि सीरिया की सरकार बर्बरता की हदों को पार कर रही है और इस पर आम लोगों की सुरक्षा करने का भरोसा नहीं किया जा सकता.


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