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ईरान ने परमाणु हथियारों पर कहा झूठः नेतन्याहू
इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इसराइल को मिले हज़ारों दस्तावेज़ों से इस बात का पता चलता है कि ईरान ने पूरी दुनिया से झूठ कहा है कि उसने कभी परमाणु हथियार बनाने की कोशिशें नहीं कीं.
नेतन्याहू ने इन दस्तावेज़ों को "गुप्त परमाणु फाइलें" कहा है. उनका कहना है कि इनसे पता चलता है कि ईरान ने दुनिया की नज़रों से छिप कर परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की थी.
साल 2015 में ईरान ने ख़ुद पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के बदले ऊर्जा के लिए बने अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने की बात को स्वीकार किया था. ईरान कहता रहा है उसका परमाणु कार्यक्रम देश में ईंधन की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है.
अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस स्थिति को "स्वीकार नहीं किया जा सकता" और ईरान के साथ परमाणु समझौते पर 12 मई से पहले वो अपना फ़ैसला बताएंगे. वो इस परमाणु समझौते को रद्द करने की धमकी देते रहे हैं.
ट्रंप ने कहा, "वो शांत नहीं बैठे हैं, वो मिसाइलें तैयार कर रहे हैं और बता रहें हैं कि ये सिर्फ दिखावे के लिए हैं. लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता."
इधर यूरोपीय देशों का कहना है वो ईरान के साथ परमाणु समझौते को बरकरार रखना चाहते हैं.
इससे पहले ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़रीफ़ ने नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वो "लोगों को बेवकूफ़ बना रहे हैं." एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, "उन्होंने अपना रोना फिर शुरु कर दिया है. आप कुछ ही लोगों को हमेशा बेवकूफ बना सकते हैं."
नेतन्याहू के पास क्या हैं सबूत?
तेल अवीव में इसराइल के रक्षा मंत्रालय में मौजूद नेतन्याहू ने बताया कि उनके पास तेहरान में एक गुप्त स्टोरेज से इसराइली ख़ुफ़िया विभाग को मिली डेटा की "कॉपियां" हैं.
उन्होंने कहा कि उनके पास 55 हज़ार पन्नों के सबूत हैं साथ ही 183 सीडी हैं जिनमें 55 हज़ार फाइलें हैं, ये तमाम फाइलें परमाणु हथियार कार्यक्रम 'प्रोजेक्ट अमाद' से संबंधित हैं.
नेतन्याहू ने आगे कहा कि इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य पांच मिसाइलों के लिए वॉरहैड बनाने और उनका परीक्षण करने का था, जिसमें प्रत्येक वॉरहैड में 10 किलोटन परमाणु विस्फोटक लगाने की योजना थी.
एक पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के ज़रिए अपनी बातें सामने रख रहे नेतन्याहू ने कहा कि ये फ़ाइलें (डोसियर) दर्शाती हैं कि ईरान ने परमाणु हथियार कार्यक्रम से जुड़े सामान को एकत्र कर के रखना शुरू कर दिया था, जैसे परमाणु हथियारों की डिज़ाइनिंग और परमाणु परीक्षण से जुड़ी जानकारी .
उन्होंने बताया कि ईरान ने परमाणु हथियारों के परीक्षण के लिए पांच अलग-अलग स्थानों का चुनाव भी कर लिया था.
नेतन्याहू ने कहा, "इन फाइलों में ये तमाम चीज़ें शामिल हैंः दस्तावेज, चार्ट, प्रेजेंटेशन, ब्लूप्रिंट, तस्वीरें, वीडियो और भी बहुत कुछ."
"इस तरह ये फ़ाइलें साबित करती हैं कि ईरान लगातार झूठ बोलता रहा है कि उसने कभी परमाणु हथियार कार्यक्रम की शुरुआत नहीं है."
नेतन्याहू ने बताया कि ये फ़ाइलें अमरीका के साथ भी साझा की गई हैं और इन्हें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) में भी जमा किया जाएगा.
साल 2007 में अमरीका के राष्ट्रीय ख़ुफ़िया विभाग ने बड़े विश्वास के साथ यह अनुमान लगाया था कि ईरान के पास साल 2003 तक परमाणु हथियार कार्यक्रम था लेकिन बाद में जब इस कार्यक्रम का पता चला तो ईरान ने इसे बंद कर दिया.
सोमवार को इसराइल के प्रधानमंत्री ने इस बात पर सवाल खड़े किए कि ये तमाम कथित फ़ाइलें जो ईरान में गुप्त तरीके से प्रोजेक्ट अमाद के होने के सबूत पेश करती हैं, इसके ज़रिए ईरान जब चाहेगा परमाणु हथियार तैयार कर लेगा.
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