अमरीका में काम बंदी, डोनल्ड ट्रंप कितने ज़िम्मेदार

अमरीका में हुई काम बंदी

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    • Author, सलीम रिज़वी
    • पदनाम, बीबीसी संवाददाता, न्यूयॉर्क से

अमरीका में सरकार के काम बंदी या शटडाउन के पहले दिन शनिवार को लाखों सरकारी कर्मचारियों को फिलहाल काम पर ना आने को कहा गया है.

अमरीकी सीनेट में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच ग़ैरकानूनी अप्रवासियों के मुद्दे पर तनातनी के कारण सरकारी खर्चे के बिल को मंज़ूरी नहीं मिली जिससे सरकार का कामकाज काफ़ी हद तक बंद हो गया है.

और इस काम बंदी के जल्दी ख़त्म होने के भी आसार नहीं लग रहे हैं क्योंकि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट नेता अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं.

कई सरकारी विभाग बंद

अमरीका में काम बंदी या शटडाउन के बाद हालात यह हैं कि 7 लाख संघीय कर्मचारियों को फिलहाल काम पर नहीं आने के लिए कहा गया है. यह संख्या कुल सरकारी कर्मचारियों की 40 फीसदी बताई जाती है.

अमरीका में हुई काम बंदी

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सरकार की काम बंदी के कारण कई सरकारी विभागों को बंद कर दिया गया है. इनमें पासपोर्ट कार्यालय, सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल या स्वास्थ्य विभाग की अधिकतर सेवाएं और आयकर विभाग भी शामिल हैं. यहां तक कि सेना से जुड़े सिविलियन कर्मचारियों को भी काम पर फिलहाल ना आने को कहा गया है.

इस दौरान क्या कुछ खुला रहेगा

डाक सेवाएं जारी रहेंगी, संघीय अदालतें भी कुछ समय तक खुली रहेंगी. लेकिन अदालतों में भी कुछ कर्मचारियों को फिलहाल काम पर ना आने को कहा जा सकता है.

देश भर में 400 से अधिक राष्ट्रीय पार्क तो खुले रहेंगे, लेकिन वहां कूड़ा उठाने वाले कर्मचारी नहीं आएंगे.

राष्ट्रीय सुरक्षा और ज़रूरी सेवाओं से जुड़े सारे विभाग काम करते रहेंगे जिनमें सैन्य और सीमा सुरक्षा बल, पुलिस औऱ अग्निशमन सेवाएं, एयरपोर्ट पर सुरक्षा कर्मी और ऐयर ट्रैफ़िक कंट्रोल के साथ साथ देश भर में सरकारी डॉक्टर्स की सेवाएं भी जारी रहेंगी.

लेकिन इन सेवाओं पर आनेवाले कर्मचारियों को पगार तब ही मिलेगी जब काम बंदी खत्म हो जाएगी.

डोनल्ड ट्रंप

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अमरीकी सीनेट में तनातनी जारी

शुक्रवार की आधी रात तक की समय सीमा में अमरीकी सीनेट में सत्ता पक्ष की रिपब्लिकन पार्टी और विपक्ष की डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच ग़ैरकानूनी अप्रवासियों के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाने के कारण सरकारी खर्चे के बिल को मंज़ूरी नहीं मिली.

राष्ट्रपति ट्रंप ने इस शटडाउन के लिए विपक्ष की डेमोक्रेटिक पार्टी को ज़िम्मेदार ठहराया है. व्हाइट हाउस ने डेमोक्रेटिक पार्टी पर आरोप लगाया है कि "वो बेतुकी मांगों के ज़रिए देश के नागरिकों के लिए मुसीबतें खड़ी कर रही है."

डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटरों की मांग है कि बचपन में माता-पिता के साथ अमरीका आए क़रीब 8 लाख अप्रवासियों को यहां रहने और काम करने की छूट देना जारी रखे जाने संबंधी प्रावधान भी इस बिल में शामिल किए जाएं.

पिछले साल सितंबर में ट्रंप ने घोषणा की थी कि वो ऐसे अप्रवासियों को दी जाने वाली छूट के कार्यक्रम को ख़त्म कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के पास इसका विकल्प खोजने के लिए मार्च तक का समय है.

रिपब्लिकन सीनेटरों का यह कहना है कि इस मामले को सरकारी खर्चे के बिल में न जोड़ा जाए बल्कि इस पर सीनेट में अलग से बहस की जाए.

इसी सिलसिले में प्रतिनिधि सभा में एक बिल पारित किया जा चुका है जिसके तहत सरकार के खर्चे को 16 फ़रवरी तक मंज़ूरी दी गई है. लेकिन सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के अधिकतर सदस्यों ने इस बिल को मंज़ूर करने से इंकार कर दिया है.

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सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के नेता मिच मकॉनल ने डेमोक्रेटिक नेताओं पर आरोप लगाया कि वो अमरीकी सेना और आम लोगों के लिए मुशकिलें पैदा कर रहे हैं.

मिच मकॉनल ने कहा, "यह काम बंदी का पहला दिन है और हमारे बहुत से पूर्व सैनिकों के लिए मुश्किलें शुरू हो गई हैं क्योंकि जो बिल अधिकतर सीनेटरों ने मंज़ूर कर लिया, उसे डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ने बहस जारी करके मंज़ूर होने से रोक दिया."

लेकिन सीनेट में डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर का कहना है कि ट्रंप ने दो द्विदलीय समझौतों को ख़ारिज कर दिया और "कांग्रेस में अपनी पार्टी पर दबाव नहीं बनाया."

सीनेटर चक शूमर का कहना था, "यह सत्ता पक्ष और व्हाइट हाउस की ज़िम्मेदारी है कि वह सभी को साथ ले कर अहम मुद्दों पर आगे बढ़ें और सरकार का कामकाज चलाएं, लेकिन बहुत से लोगों का यह मानना है कि व्हाइट हाउस (यानी राष्ट्रपति) देश का नेतृत्व करने में नाकाम रहे हैं."

सीनेटर शूमर ने फिर भी मांग की है कि राष्ट्रपति ट्रंप रिपब्लिकन औऱ डेमोक्रेटिक नेताओं के साथ बैठक करें और इस मसले का हल निकालें.

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आरोप-प्रत्यारोप का दौर

इस सिलसिले में पहले कई बार दोंनों पार्टियों के सदस्यों ने राष्ट्रपति ट्रंप से मिलकर समझौता करने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली और अब इस मुद्दे पर दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं.

यह पहला मौका है कि सरकार के काम बंदी के दौरान रिपब्लिकन पार्टी को सीनेट और प्रतिनिधि सभा में बहुमत हासिल है और साथ ही राष्ट्रपति भी इसी पार्टी के ही हैं.

सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी को 51 सदस्यों के साथ बहुमत हासिल है. लेकिन सरकारी खर्चे के बिल पर बहस को खत्म करने के लिए 60 वोट की दरकार होती है.

अप्रवासियों के मुद्दे पर राजनीति अमरीका में कोई नई बात नहीं है. डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर इस मुद्दे पर अपने समर्थकों को रिझाने के लिए सरकारी खर्चे के बिल को रोक कर ट्रंप प्रशासन और रिपब्लिकन पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

डोनल्ड ट्रंप

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काम बंदी या शटडाउन ऐसे समय में लागू हुई है कि जब शनिवार 20 जनवरी को अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो गया है.

शटडाउन के कारण राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के मौके पर फ्लोरिडा में आयोजित की गई पार्टी में जाने का कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया.

इस शटडाउन के नतीजे में जहां एक तरफ अमरीकी सेना के दिवंगत फौजियों के घरवालों को सरकारी खज़ाने से आर्थिक मदद दी जानी तो बंद हो गई है, वहीं दूसरी तरफ़ सीनेट और प्रतिनिधि सभा के सदस्यों की पगार में कोई रुकावट नहीं की गई है. अमरीकी संविधान में प्रावधान है कि सासंदों को हर हाल में नख्वाह दी जाए.

फौजियों के घरवालों को सरकारी खज़ाने के बजाए इस बंदी के दौरान परोपकारी संस्थाओं द्वारा आर्थिक मदद दी जाएगी, जो बाद में सरकार से इस खर्चे की भरपाई ले सकती है.

अब तक अमरीका में 1976 के बाद से 18 बार काम बंदी या शटडाउन हो चुका है.

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पिछली बार साल 2013 में राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौर में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने स्वास्थ्य बिल के मुद्दे पर 16 दिनों तक काम बंदी या शटडाउन करवाया था.

इस बार फिलहाल तो काम बंदी के जल्दी खत्म होने के आसार नहीं लग रहे, क्योंकि दोनों पार्टियां अपने-अपने रुख पर अड़ी दिख रही हैं.

जबकि अधिकतर आम अमरीकी लोगों में इस बात को लेकर ग़ुस्सा है कि सांसद बजाए काम करने के काम बंदी के लिए वोट दे रहे हैं. ऐसे भी लोग हैं जो अप्रवासियों के मुद्दे पर ट्रंप सरकार पर दबाव बनाने के हक में हैं.

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