बस के अंडरकैरिज में बैठकर मम्मी-पापा को ढूंढने निकले ये बच्चे

चीन

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    • Author, केरी ऐलन
    • पदनाम, बीबीसी मॉनिटरिंग

चीन में लोग उन दो बच्चों की तस्वीर देखकर हैरान रह गए जिन्होंने एक बस के नीचे सामान रखने की जगह (अंडरकैरिज) पर 80 किमी. तक छिप कर सफर किया.

ये दोनों लड़के दक्षिणी गुआंग्शी में एक गरीब गांव के रहने वाले हैं और वो अपने माता-पिता तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.

उनके माता-पिता पड़ोस के गुआंग्डोंग प्रांत में काम करते हैं.

23 नवंबर को इन बच्चों की टीचर ने इनके खोने की शिकायत दर्ज कराई थी. उसी दिन ये बच्चे एक बस स्टेशन पर बस के अंडरकैरिज में मिले.

इन बच्चों की तस्वीर और वीडियो में दिखाई दे रहा है कि वो दोनों मिट्टी में लथपथ हैं और बस के नीचे अंडरकैरिज में कसकर पकड़कर बैठे हुए हैं.

'माता-पिता की याद आ रही थी'

चीन

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इन बच्चों ने करीब तीन मील का सफर तय किया जिसमें बस कई बार ऊंचे-नीचे रास्तों से होकर गुजरी होगी. स्टाफ इस बात से हैरान था कि ये बच्चे बिल्कुल सही सलामत हैं.

बस के एक कर्मचारी ने बताया, ''इन बच्चों का शरीर बहुत दुबला-पतला है इसलिए वो अंडरकैरिज के अंदर आसानी आ गए.''

स्टाफ ने बताया कि लड़के ज्यादा बातचीत नहीं करना चाहते थे.

लेकिन, एक स्टाफ सदस्य ने सदर्न मॉर्निंग पोस्ट को बताया, ''हमें आखिर में समझ आ गया कि दोनों बच्चों को अपने माता-पिता की याद आ रही थी.''

''ये लड़के अपनी मर्जी से बस के नीचे छिपे थे और अपने मम्मी-पापा को ढूंढना चाहते थे.''

ख़बरों के मुताबिक उनके रिश्तेदारों को इस बात की सूचना दे दी गई थी और उसी शाम वो बच्चों को ले गए.

'हैरानी मेंलोग'

चीन, शी जिनपिंग

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इस घटना की तस्वीरें चीन में वायरल हो गईं और लोगों ने घटना पर हैरानी और दुख जताते हुए इन तस्वीरों को बड़ी संख्या में शेयर किया.

एक यूजर ने लिखा: ''चीन में कई ऐसे बच्चे हैं जो बहुत कम उम्र में अपने माता-पिता से अलग हो गए हैं. कौन इनका ध्यान रख रहा है और इनके लिए समाधान खोज रहा है.''

एक अन्य यूजर ने लिखा, यह ''समाज की विडंबना'' थी और तीसरे यूजर ने ''पीछे छूट चुके बच्चों पर ज्यादा ध्यान'' देने की बात कही.

ग्रामीण इलाकों में ऐसे कई बच्चे हैं जिनके माता-पिता काम करने के लिए शहर गए हैं. चीन में ऐसे हजारों-लाखों बच्चे हैं.

कई अपने दादा-दादी के साथ रहते हैं और कुछ मामलों में अकेले भी. इस मामले में ये दोनों लड़के बोर्डिंग स्कूल में रह रहे थे.

'चीन का सपना कड़वा हो गया'

चीन, शी जिनपिंग

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इस घटना के बाद लोग सोशल मीडिया पर 'चाइना ड्रीम' के आइडिया का मजाक उड़ाने लगे. यह अवधारणा कम्यूनिस्ट पार्टी ने दी है जिसे साल 2013 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रचारित किया था.

इस अवधारणा में कई व्यक्तिगत और राष्ट्रीय आदर्श तय किए गए हैं. जैसे इनमें से एक है कि साल 2020 तक राष्ट्रीय गरीबी खत्म हो जाएगी.

एक यूजर ने कहा: ''चीन का उदय प्रवासी मजदूरों पर निर्भर करता है जिनका मजूदरी में शोषण किया जाता है.''

एक और यूजर ने कहा कि इन दो 'बेवकूफ बच्चों' के लिए ''चीन का सपना कड़वा हो गया''.

उन्होंने आगे लिखा, ''क्या चाइन ड्रीम इन बच्चों के हित में नहीं है.''

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