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भारत में आख़िर ये कैसा क़ानून है: हेमराज की पत्नी
- Author, अभिमन्यु कुमार साहा
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि हत्याकांड में तलवार दंपति को बरी कर दिया है. 'आख़िर आरुषि को किसने मारा?' ये सवाल पूछा जा रहा है.
भारतीय मीडिया में सामान्यतः आरुषि हत्याकांड कहकर संबोधित किए जा रहे इस मामले के दूसरे पीड़ित हेमराज को अमूमन उपेक्षित ही रखा गया है.
नोएडा से करीब 442 किलोमीटर दूर पश्चिम नेपाल के अर्घाखांची धारापानी में रहने वाला हेमराज का परिवार हाई कोर्ट के फैसले से बेहद दुखी है.
हेमराज की पत्नी ख़ुमकला का कहना है कि उनके साथ न्याय के नाम पर मज़ाक हो रहा है.
ख़ुमकला ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, "क्या गरीब लोगों को इंसाफ़ नहीं मिलता? जिनके पास पैसे होते हैं, इंसाफ़ उन्हें ही मिलता है क्या?"
उन्होंने आरोप लगाया, "घर में चार लोग थे, दो मारे जाते हैं और दो ज़िंदा रहते हैं तो फिर हत्यारा कौन है? तलवार दंपत्ति ने ही मेरे पति को मारा है."
पेशे से डॉक्टर राजेश तलवार की 14 साल की बेटी आरुषि तलवार और नौकर हेमराज की हत्या 15-16 मई 2008 की दरमियानी रात नोएडा स्थित उनके घर पर हुई थी.
आरुषि अपने कमरे में मृत पाई गई जबकि एक दिन बाद नौकर हेमराज का शव तलवार के पड़ोसी की छत से बरामद हुआ था.
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इसके आदेश पर फिर से मामले की जांच शुरू हुई और सीबीआई अदालत ने तलवार दंपत्ति को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई.
फैसले के ख़िलाफ़ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसमें गुरुवार को उन्हें बरी कर दिया गया.
'ये कैसा क़ानून?'
ख़ुमकला ने सीबीआई के फैसले रद्द किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा, "वे (तलवार दंपत्ति) लोग अब आजाद घूमेंगे. मैं चाहती हूं कि उन्हें फांसी दी जाए. हमें न्याय चाहिए."
"भारत का आखिर ये कैसा क़ानून है... आखिर भारत सरकार क्या कर रही है? हमारे पास पैसे नहीं हैं, इसलिए न्याय नहीं मिलेगा?"
"हमलोग अब तड़प-तड़प के मर जाएंगे. मेरे पति को तो मार दिया, हमारे पास अब कुछ नहीं बचा. हमलोग गरीब आदमी है, दो पैसा कमाने के लिए भारत गए थे."
हेमराज की पत्नी और उनकी मां अब बीमार रहती हैं. उनका 20 साल का बेटा पैसे की कमी के चलते पढ़ाई छोड़ चुका है.
वो कहती हैं, "सास बीमार रहती हैं, मैं भी बीमार रहने लगी हूं. दवाई खाकर गुजारा कर रहे हैं. बेटा दूसरे की मदद लेकर पढ़ाई कर रहा था अब उसने भी पढ़ाई छोड़ दी है और घर पर बैठा रहता है."
'तलवार गुस्सा करते थे'
हत्या के चार महीने पहले हेमराज नेपाल गए थे. उन्होंने जनवरी का महीना वहीं गुजारा था. ख़ुमकला बताती हैं कि इस दौरान हेमराज ने उनसे किसी तरह की कोई चर्चा नहीं की.
वो बताती हैं, "वो (हेमराज) बताते थे कि राजेश तलवार छोटी-छोटी बातों पर उनपर गुस्सा करते थे. आरुषि उन्हें अंकल कहकर बुलाती थी और वो उन्हें बेटी की तरह समझते थे."
उनका बेटा प्रजॉल 12वीं में पढ़ रहा है. उन्होंने बीबीसी को बताया कि पैसे की कमी के कारण उन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया है.
उन्होंने कहा, "आगे क्या पढ़ूंगा? स्कूल छोड़ दिया है मैंने. पढ़ने के लिए पैसा भी तो होना चाहिए. पैसे कहां से मिलेगें."
वो बताते हैं कि उनके पिता की हत्या के बाद उनकी मां ज़्यादातर वक्त उदास रहती हैं और अकेले बैठकर सोचते रहती हैं.
जब भी कोई खबर या फैसला इस मामले में आता है तो उनके जख़्म हरे हो जाते हैं.
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