रोहिंग्या: दक्षिण एशिया में म्यांमार के साथ सिर्फ़ भारत?

    • Author, बीबीसी मॉनिटरिंग
    • पदनाम, बीबीसी हिंदी के लिए

रखाइन में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ़ हो रही हिंसा पर म्यांमार को कई देशों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि रोहिंग्या लड़ाकों द्वारा 25 अगस्त को किए गए हमले के बाद म्यामांर की सेना की कार्रवाई से विस्थापित 1 लाख 23 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ली है.

रखाइन मे अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों और बहुसंख्यक बौद्ध आबादी के बीच मतभेदों की वजह से पहले भी कई हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं. म्यांमार रोहिंग्या मुसलमानों को नागरिता देने से इनकार करता है क्योंकि उन्हें बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी माना जाता है.

सेना के ख़िलाफ़ और रोहिग्या मुसलमानों पर हो रही हिंसा को लेकर कुछ न बोलने के लिए म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची आलोचनाओं के घेरे में है.

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बांग्लादेश में शरणार्थियों के आने के खिलाफ़ प्रदर्शऩ

बांग्लादेश ने रोंहिग्या शरणार्थियों के आने के पर कड़ी आपत्ति जताई है. मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि सुरक्षा बलों ने 2000 से अधिक रिफ्यूज़ी वापस म्यांमार भेजे हैं.

स्थानीय मीडिया लगातार म्यांमार के प्रशासन की आलोचना कर रहा है. मीडिया में इसे रोहिंग्या मुसलमानों पर 'अत्याचार' करार दिया गया है.

इंडोनेशिया के विदेश मंत्री बांग्लादेश में

इंडोनेशिया के विदेश मंत्री रेत्नो मरसुदी रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर बांग्लादेश से बातचीत करने के लिए ढाका पहुंचे है. वह शरणार्थियों की मानवता के आधार पर मदद करने को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं.

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इससे पहले विदेश मंत्री को म्यामांर भेजा था ताकि वहां की सरकार को रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा को रोकने के लिए कहा जाए.

इंडोनेशिया के सामाजिक कार्यकर्ताओं और शोधकर्ताओं ने संयुक्त बयान जारी करके अपनी सरकार से इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर हल करने की कोशिश जारी रखने की अपील की है. उन्होंने दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों से रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने का भी आग्रह किया है.

पाकिस्तान ने की हिंसा की निंदा

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने हिंसा पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों की गंभीर स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक चुनौती है.

पाकिस्तान की नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफ़जई ने कहा है कि वह उन्हीं की तरह नोबल पुरस्कार जीत चुकीं आंग सान सू ची द्वारा हिंसा की आलोचना करने का इंतज़ार कर रही हैं.

देश के उर्दू मीडिया ने भी गहरी चिंता जताते हुए म्यांमार में हो रहे घटनाक्रम को रोहिंग्या मुसलमानों का 'सामूहिक जनसंहार' करार दिया है.

मालदीव ने म्यांमार से व्यापार रोका

मालदीव की सरकार ने म्यांमार के साथ आर्थिक संबंधों पर रोक लगा दी है. सरकार का कहना है कि जब तक रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रही हिंसा नहीं रुकती, तब तक यह प्रतिबंध जारी रहेगा.

भारत के प्रधानमंत्री म्यांमार यात्रा पर

रखाइन में जारी हिंसा के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 से 7 सितंबर तक म्यांमार में होंगे.

भारत का कहना है कि वह अपने यहां अवैध रूप से रह रहे करीब 40 हज़ार रोहिंग्या मुसलानों को निर्वासित करेगा. उसने संसाधनों से परिपूर्ण दक्षिणपूर्वी एशियाई देश के साथ 'आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई' में मज़बूती के साथ खड़े रहने की बात कही है.

मलेशिया ने की संयम बरतने की अपील

मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने म्यामांर के प्रशासन से रखाइन में फैली हिंसा से निपटने में शांति और संयम बरतने की अपील की है.

उन्होंने ट्वीट किया है, "यूएन महासचिव द्वारा म्यांमार के सुरक्षा बलों से की गई संयम बरतने की अपील का हम समर्थन करते हैं."

अफ़ग़ान सरकार और ताबिलान ने की निंदा

अफ़ग़ानिस्तान की सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों को मारे जाने को मानवता के ख़िलाफ़ अपराध और जनसंहार करार दिया है.

शेख हैबतुल्ला अखुंदजादा के नेतृत्व वाले अफ़ग़ान तालिबान ने एक बयान में रोहिंग्या मुसलमानों की मौतों को 'जघन्य अपराध' करार दिया है.

वहीं मोहम्मद रसूल वाले अलग धड़े ने कहा है कि वह मुसलमानों की रक्षा के लिए हथियारबंद लोगों को म्यांमार भेजने के लिए तैयार है.

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