पाकिस्तान ने हाफ़िज़ सईद को किया नज़रबंद

पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद को नज़रबंद कर दिया है. वे प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के भी प्रमुख थे.

भारत और अमरीका उन्हें 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड मानते हैं जिसमें 174 लोग मारे गए थे.

जमात-उद-दावा के प्रवक्ता नदीम अवान ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि पुलिस की एक टीम लाहौर में उनके मुख्यालय पहुँची और बताया कि उनके पास सईद और पाँच अन्य लोगों के ख़िलाफ़ वारंट हैं.

प्रवक्ता ने कहा,"एक बड़ी टीम आई और हमें बताया कि हाफ़िज़ सईद को नज़रबंद किया जा रहा है."

नदीम अवान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार पर अमरीका की ओर से दबाव था कि वो सईद के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे वरना उसे आर्थिक प्रतिबंध झेलना होगा, और पाकिस्तान सरकार इसके आगे झुक गई.

समाचार एजेंसी पीटीआई को जमात-उद-दावा के एक अधिकारी अहमद नदीम ने बताया कि हाफ़िज़ सईद लाहौर की क़ुदसिया मस्जिद में थे जिसे सुरक्षाकर्मियों ने घेर लिया.

रॉयटर्स ने पुलिस सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि सईद को लाहौर के जौहर टाउन इलाक़े में उनके घर में नज़रबंद रखा जाएगा.

ग़ौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई हमलों के बाद जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध लगाते हुए उसे आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था.

अमरीका ने रखा है एक करोड़ डॉलर का इनाम

2014 में अमरीका ने भी इस संगठन को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल करते हुए उसपर वित्तीय प्रतिबंध लगा दिया था.

अमरीका ने जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद की जानकारी देने के लिए एक करोड़ डॉलर के इनाम की भी पेशकश की थी.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जनवरी 2015 में घोषणा की थी कि जमात-उद-दावा सहित इन सभी आतंकवादी संगठनों की संपत्ति फ्रीज़ किया गया है जिन पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया हुआ है.

तब भी जमात-उद-दावा के प्रवक्ता ने बीबीसी से कहा था कि अमरीका के दबाव में भारत को खुश करने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं.

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