'फर्स्ट टॉपर का ये हाल तो सेकेंड टॉपर का क्या'

इमेज स्रोत, sanjay kumar
- Author, सीटू तिवारी
- पदनाम, पटना से, बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए
बिहार के बेगूसराय के एक सरकारी स्कूल से पढ़ा 17 साल का एक नौजवान अंशुमान मसकरा बिट्स पिलानी में पढ़ाई करना चाहता है.
उसे ये मौका भी मिला है, लेकिन अब बिहार बोर्ड में हुए टॉपर्स घोटाले के चलते उसका सपना टूट रहा है.
बिट्स पिलानी में हर बोर्ड के टॉपर का दाखिला सीधे होता है. बिहार बोर्ड में विज्ञान स्ट्रीम में इस बार तीन टॉपर घोषित हुए थे. इनमें से अंशुमान भी एक था.
टॉपर्स को लेकर हुए विवाद के बाद विज्ञान और कला संकाय के टॉपर्स का बिहार बोर्ड ने तीन जून को इंटरव्यू लिया था.
लेकिन अब तक बोर्ड ने नई मेरिट लिस्ट जारी नहीं की है, जिससे परेशानी बढ़ गई है.
बिहार बोर्ड के साइंस टॉपर अंशुमान मसकरा ने फोन पर बताया, "जो हुआ है, उसके बाद तो टॉपर बोलने में भी लगता है कि लोग आपको नीची नजरों से देख रहे हैं. मैं बहुत दुखी हूं, मेरा सपना मेरे सामने है लेकिन उसको टूटने से कोई बचा पाएगा ये मुश्किल लगता है."
बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर का कहना है कि टॉपर लिस्ट की समीक्षा होगी जिसके बाद ही नई मेरिट लिस्ट जारी होगी. इसके लिए बोर्ड सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है.

इमेज स्रोत, anuj kumar singh
कीर्ति भारती की कहानी भी अंशुमान जैसी है. वो बिहार बोर्ड में इंटरमीडिएट की दूसरी टॉपर थीं.
वो कहती हैं, “बवाल होने के बाद रोज़ाना मैं एक तरह की स्क्रूटनी से गुजरती हूं. आस पड़ोस के कुछ लोगों ने मुझमें अपना विश्वास जताया तो ऐसे लोगों की कमी नहीं जो ये कहने से नहीं चूके कि जब फर्स्ट टॉपर का ये हाल है तो सेकेंड टॉपर का क्या होगा.”
खगड़िया की कीर्ति का सपना प्रशासनिक सेवा में जाने का है. लेकिन उनके सपने भी डोलने लगे जब बिहार मेरिट घोटाले की परतें खुलने लगीं.
वो कहती हैं, “मैंने साल भर मेहनत की थी लेकिन एकबारगी मैं जब तीन तारीख को इंटरव्यू देने गई तो मुझे डर लगा. हालांकि जब एक्सपर्ट्स के सामने सवालों का जवाब देना शुरू किया तो डर काफूर हो गया.”

इमेज स्रोत, seetu tiwari
जहां कीर्ति और अंशुमान बिहार मेरिट घोटाले को लेकर परेशान हैं वहीं साइंस के सेकेंड टॉपर अंकित राज बेफ़िक्र नज़र आते हैं. अंकित कहते हैं, "मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और मैं डरता भी नहीं हूं क्योंकि मैने कोई गलत काम नहीं किया. बाकी सरकार सब कुछ ठीक करेगी.”
अंकित चाहे बेफ़िक्र हों लेकिन टॉपर्स के माता पिता अपने बच्चों के साथ-साथ बिहार की छवि को लेकर भी फ़िक्रमंद है. कीर्ति के पिता विश्वंभर प्रसाद पेशे से शिक्षक हैं.
वो कहते हैं, "ये तो बिहार की मेधा को पीछे धकेलना है. सिर्फ पैसे के लिए काबिल छात्र को आगे बढ़ने का मौका ना देना कितना बड़ा पाप है."
अंशुमान के व्यवसायी पिता राम मोहन मसखरा कहते हैं, "इस घटना ने बिहार की छवि को खराब किया है. बाकी हमारे बच्चे तो जिस टेंशन से गुजर रहे हैं, सो अलग है. हम लोग चिंतित तो हैं ही लेकिन साथ ही सदमे में भी हैं कि इस तरह भी सेटिंग हो सकती है."
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप <link type="page"><caption> यहां क्लिक</caption><url href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi" platform="highweb"/></link> कर सकते हैं. आप हमें <link type="page"><caption> फ़ेसबुक</caption><url href="https://www.facebook.com/bbchindi" platform="highweb"/></link> और <link type="page"><caption> ट्विटर</caption><url href="https://twitter.com/BBCHindi" platform="highweb"/></link> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)












