मदुरै नरबलि मामला, कब- क्या हुआ

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तमिलनाडु के मदुरै में संदिग्ध मानव बलि का मामला राज्य में खनन के एक बड़े कारोबारी के सर का दर्द बनता जा रहा है.
शुक्रवार को जाँच एजेंसियों ने मदुरै से क़रीब पचास किलोमीटर दूर मेलूर गांव में नदी किनारे पाँच फुट ग़हरी खुदाई की.
खान के मालिक से एक दिन पहले ही संदिग्ध मानव बलि के संबंध में पूछताछ की गई थी.
बीते रविवार को जिस स्थान पर नर कंकाल मिले थे वहां दस फ़ुट नीचे तक और खुदाई की गई है.
मद्राह हाई कोर्ट की ओर से प्रांत में अवैध खनन की गतिविधियों की जांच कर रहे आयुक्त यू सहायम ने खुदाई के आदेश दिए थे.

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खनन कंपनी पीआरपी ग्रेनाइट्स के एक पूर्व ड्राइवर ने शिकायत दी थी कि कंपनी ने मानसिक रूप से बीमार लोगों की बलि दी है और उन्हें इस स्थान पर दफ़नाया है.
ड्राइवर ने खनन कंपनी पर आरोप लगाए हैं कि उससे मानसिक रूप से असंतुलित लोगों को सड़कों से उठाकर उनका अच्छे से खानपान करने और फिर खान पर छोड़ने के लिए कहा जाता था.
सहायम तब ख़ासी चर्चा में आए जब मेलुर गांव के क़ब्रिस्तान में वे खाट पर ही सो गए. वे नहीं चाहते थे कि 1990 में वहां दफ़नाई गई लाश से कोई किसी तरह की छेड़छाड़ करे.
कब क्या हुआ?
मई 2012- सहायम ने मुदरै में अवैध खनन की जाँच की और अपनी रिपोर्ट में 16 हज़ार करोड़ के अवैध खनन के कारोबार को उजागर करते हुए रिपोर्ट सरकार को सौंपी.
सरकार ने कार्रवाई करने के बजाए सहायम का तबादला कर दिया.

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11 सितंबर 2014- राज्य में जारी अवैध खनन के ख़िलाफ़ दायर एक जनहित याचिका के बाद सहायम को राज्य में अवैध खनन की जाँच करने के लिए क़ानूनी आयुक्त नियुक्त किया गया.
13 सितंबर 2015- सहायम के आदेश पर मदुरै के मेलूर में हुई खुदाई में चार लोगों की हड्डियां और शवों के अवशेष बरामद हुए. सहायम पीआरपी ग्रेनाइट्स के पूर्व ड्राइवर के मानव बलि के आरोपों की जाँच कर रहे थे.
16 सितंबर 2015- मद्रास हाई कोर्ट ने सहायम को रिपोर्ट पेश करने के लिए आठ और हफ़्तों का वक़्त दिया.
17 सितंबर 2015- पीआरपी ग्रेनाइट के मालिक से पुलिस ने आठ घंटों तक पूछताछ की.
(स्थानीय पत्रकार केवी लक्ष्मण से बातचीत के आधार पर)
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