स्पॉट फ़िक्सिंगः कई सवाल अभी भी बाक़ी हैं

एन श्रीनिवासन

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    • Author, आदेश कुमार गुप्त
    • पदनाम, खेल पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए

सोमवार को जब आईपीएल-6 में स्पॉट फ़िक्सिंग और सट्टेबाज़ी से जुड़े मामले की जांच करने वाली मुद्गल समिति की रिपोर्ट में आईसीसी के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को क्लीन चिट मिली तो उन्होंने राहत की सांस ली होगी.

इस पूरे मामले में शुरू से ही शक की सुई उनकी तरफ़ घूम रही थी. लेकिन मुद्गल समिति की रिपोर्ट में उन्हें क्लिन चिट दिए जाने के बावजूद उनकी भूमिका पर अब भी बड़े सवाल हैं.

आख़िरकार जब बीसीसीआई के अपने सबसे बड़े टूर्नामेंट में ऐसा सब कुछ हो रहा हो तो वह कैसे इन सभी बातों से अनजान रह सकते हैं.

उनके दामाद गुरुनाथ मेय्यपन उनकी अपनी ही टीम चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी थे और वह कथित तौर पर सट्टेबाज़ों के संपर्क में थे.

इसके अलावा मुद्गल रिपोर्ट में राजस्थान रॉयल्स के साझीदार राज कुंद्रा के भी कथित तौर पर बुकीज़ के साथ रिश्ते की बात कही गई है.

रास्ता साफ़!

गुरुनाथ मेयप्पन

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इमेज कैप्शन, एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मेय्यपन.

इसके अलावा मेयप्पन और कुंद्रा के बीच बुकीज़ के साथ मिलकर क्या चल रहा है इसकी जानकारी आईपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर रमन को थी. इसके बावजूद उन्होंने कोई रिपोर्ट नही की.

जाने-माने क्रिकेट समीक्षक विजय लोकपल्ली का मानना है कि एन श्रीनिवासन तो पहले से ही कहते आ रहे हैं कि इस मामले में उनका कोई लेना-देना नही हैं. बीसीसीआई के पदाधिकारियों ने भी उनका खुलकर साथ दिया है."

श्रीनिवासन के दोबारा बीसीसीआई अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ़ होने की बात पर विजय लोकपल्ली मानते हैं कि इस मामले में अब कुछ बचा ही नही है.

छवि का सवाल

बीसीसीआई, क्रिकेट, लोगो

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वे कहते हैं, "श्रीनिवासन ने जिस तरह से क्रिकेट को चलाया है और उन्हें जिस तरह का समर्थन हासिल है, लगता नहीं कि कोई उनके विरोध में खड़ा होगा. अब तो बीसीसीआई की बैठक में उनका अध्यक्ष बनना महज़ औपचारिकता है."

लोकपल्ली ने कहा, "दूसरी तरफ़ जहां तक क्रिकेट की छवि का सवाल है, उसकी चुनौती ज़रूर बीसीसीआई के सामने रहेगी."

इसी मसले को लेकर बिहार क्रिकेट संघ के सचिव और इस मामले के याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने बीबीसी से ख़ास बातचीत में कहा कि अगर श्रीनिवासन मैच फ़िक्सिंग या सट्टेबाज़ी नही कर रहे हैं, लेकिन उनके रिश्तेदार यह सब कुछ कर रहे हैं, और वह कोई क़दम नही उठा रहे हैं तो क्या वह निर्दोष हैं."

आदित्य वर्मा का कहना है, "आईपीएल से पदाधिकारी के रूप में जुड़े सुंदर रमन कोई क्रिकेटर नही हैं, उनके अपने आदमी हैं."

क्रिकेट से दूर

सुंदर रमन

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इमेज कैप्शन, राजीव शुक्ला के साथ सुंदर रमन (तस्वीर में बाएं से पहले)

सुंदर रमन को लेकर विजय लोकपल्ली मानते हैं कि उन्होंने आईपीएल के दौरान अपने रुतबे के दम पर खिलाड़ियों से बदतमीज़ी की. अगर सट्टेबाज़ों से उनके संबध साबित हो जाते हैं तो उन्हे क्रिकेट से दूर किया जाना चाहिए.

इसी मामले को लेकर एक और क्रिकेट समीक्षक वी कृष्णास्वामी कहते हैं कि जब उनके दामाद ही उनकी टीम के अधिकारी थे और इन बातों में शामिल थे तो क्या नैतिक रूप से अभी भी वह बीसीसीआई के अध्यक्ष बन सकते हैं.

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