क्यों बढ़ गई है सोने की तस्करी?

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भारतीय सोने के दीवाने होते हैं. शायद यही वजह है कि भारत सोना खरीदारों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे अव्वल है.
लेकिन शांतनु गुहा रे के अनुसार, भारत में सोने की तस्करी के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है.
एक अनुमान के मुताबिक भारत में करीब 700 किलोग्राम सोने की रोज़ाना तस्करी होती है.
भारत के फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारी कहते हैं कि पिछले दो दशकों में सोने की तस्करी में इतनी तेज़ी कभी नहीं देखी गई.
अधिकारियों का दावा है कि इस पीली धातु को गैर कानूनी तरीके से भारत लाने के लिए तस्कर नए नए तरीके अपना रहे हैं.
<link type="page"><caption> ...तो सोना ही निगल लिया</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2013/09/130925_srilanka_gold_eaters_sb.shtml" platform="highweb"/></link>
नए नए तरीके

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कभी सोने को गला कर बीज के आकार के चिप्स बना खजूर में छिपाकर दुबई से लाया जाता है तो कभी इसे पीस कर अन्य धातुओं में मिला दिया जाता है ताकि यह मिश्रण अयस्क की तरह दिखे.
यहां तक कि बेल्ट के बकल को सोने का बना दिया जाता है या टॉर्च की बैटरी ही सोने की बना दी जी है.
हालांकि इसकी निगरानी करने वाले अधिकारी स्वीकार करते हैं कि सोने की तस्करी को रोकना लगातार मुश्किल होता जा रहा है.
डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस के अधिकारी कहते हैं कि तस्कर लगातार वायु मार्ग का इस्तेमाल कर रहे हैं.
वे ऐसी एयरलाइंस का फायदा उठाते हैं जो एक ही विमान से अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को संचालित करती हैं.
तस्करी के लिए सबसे पहले गिरोह के कुछ लोग सोने को विदेश ले जाते हैं. फिर उसे विमान में छिपा दिया जाता है.
इसके बाद घरेलू उड़ान के लिए उसी विमान में गिरोह के दूसरे सदस्य सवार हो जाते हैं और अपने सामान के साथ बाहर निकल जाते हैं.
'अभूतपूर्व'

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कुणाल दोशी भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के मुंबई स्थित निकाय जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल में शीर्ष अधिकारी हैं.
वो कहते हैं, ''यह अभूतपूर्व है और अविश्वनीय है. भारत में एक नया उद्योग खड़ा हो गया है और यह एक ख़तरनाक स्थिति है.''
दोशी के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2013 से मार्च 2014 के बीच सोने की तस्करी में लगभग 300 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है.
भारतीयों में सोने को लेकर इतने प्रेम के पीछे वजह होती है आर्थिक सुरक्षा.
पिछले साल जून में स्वर्ण आभूषण के <link type="page"><caption> आयात पर शुल्क</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/01/130122_gold_dp.shtml" platform="highweb"/></link> बढ़ाने के बाद मार्च से दिसम्बर 2013 के बीच करीब 2.5 अरब मूल्य का तस्करी से लाया गया सोना ज़ब्त किया जा चुका है.
इसके पिछले वित्तीय वर्ष में इसी समयावधि में ज़ब्त स्वर्ण धातु की कुल क़ीमत 50 करोड़ रुपए थी.
पिछले साल सरकार ने सोने का आयात शुल्क तीन गुना बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था.
यह क़दम सोने की मांग पर अंकुश लगाने के लिए किया गया था ताकि चालू खाते का घाटा कम किया जा सके.
चालू खाते का घाटा

2012-13 में यह घाटा रिकॉर्ड 88 अरब डॉलर (5500 अरब रुपये) तक पहुंच गया था.
असल में चालू खाते का घाटा विदेशी मुद्रा के आने और जाने का अंतर होता है और यह तब बढ़ता है जब निर्यात की अपेक्षा आयात की मात्रा ज्यादा हो जाए.
सरकार को उम्मीद है कि 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्तमान वित्तीय वर्ष में यह घाटा 50 अरब डॉलर (3100 अरब रुपए) तक सिमट सकता है.
मई में सोने का आयात 1.62 लाख किलो तक पहुंच गया था, आयात शुल्क बढ़ाने के बाद नवंबर में यह 19.3 हजार किलो के न्यूनतम स्तर तक आ गया.
अधिकारियों का कहना है कि सोने की तस्करी में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
सोने की तस्करी मुख्यतया दुबई और शारजाह से ज़्यादा होती है क्योंकि यहां सोना अपेक्षाकृत सस्ता है.
जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने वित्त मंत्रालय से सोने पर आयात शुल्क को कम करने का आग्रह किया है.
कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी भी इस संबंध में वित्त मंत्रालय को पत्र लिख चुकी हैं.
'लौटा नब्बे के दशक का जमाना'
लेकिन सरकार शुल्क घटाने की इच्छुक नहीं है.
वित्त राज्य मंत्री जेडी सीलम ने हाल ही में संसद में बयान दिया था, ''फ़िलहाल इस मामले में कोई भी प्रस्ताव नहीं है.''
भारत में आयातित सोने का 85 प्रतिशत आभूषण के रूप मे होता है.
मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा का कहना है कि सोने की तस्करी और मनी लॉंड्रिंग पर रोक लगाने के लिए कांग्रेस सरकार ने ही 1993 में आयात शुल्क को कम किया था.
पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ मंत्री यशवंत सिन्हा कहते हैं, ''लेकिन हम 1990 के दशक में लौट रहे हैं. हमारे पड़ोसी देशों से ही सोने की तस्करी हो रही है.''
अधिकारी स्वीकार करते हैं कि गैर कानूनी तरीके से लाए गए सोने का महज एक प्रतिशत ही ज़ब्त हो पाता है.
अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला कहते हैं, ''आयात शुल्क बढ़ाने की तरक़ीब काम नहीं आ रही है. यह तभी काम करेगा जब तस्करी के सोने को शत प्रतिशत ज़ब्त किया जाए.''
फ़िलहाल आने वाले समय में भी यह संभव नहीं दिखता.
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