क्यों नहीं पहुंचे बिहार भाजपा के नेता मोदी की रैली में?

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- Author, समीरात्मज मिश्र
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता, दिल्ली
सोमवार को बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में नरेंद्र मोदी की रैली थी लेकिन बिहार भाजपा के कई बड़े नेता उसमें नहीं पहुंचे.
दरअसल कुछ नेता हाल ही में रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के साथ भाजपा के गठबंधन से नाराज़ बताए जाते हैं.
ये बात अलग है कि इन नेताओं ने रैली में न जाने पाने की अलग वजह बताई है. बिहार में पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह का कहना था कि वो निजी कारणों से नहीं जा पाए. बाक़ी नेता क्यों नहीं गए, इस बारे में उनका कहना था कि ये उन्हीं से पूछा जाए.
बीबीसी के साथ बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा, "ये सही बात है कि हम लोग रैली में नहीं गए, लेकिन जहां तक मेरा सवाल है तो मेरे बड़े भाई के पैर का ऑपरेशन हुआ है. इस वजह से मैं नहीं जा पाया."

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उन्होंने बताया कि उनके अलावा अश्विनी चौबे, सीपी ठाकुर, कीर्ति आज़ाद, अमरेंद्र प्रताप जैसे कई और नेता नहीं पहुंच सके. हालांकि ख़ुद गिरिराज सिंह का कहना था कि वे लोग नरेंद्र मोदी का स्वागत करने और उन्हें विदा करने के लिए एयरपोर्ट तक गए थे लेकिन रैली में नहीं पहुंच पाए.
गिरिराज सिंह स्वीकार करते हैं कि पार्टी में राम विलास पासवान की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर नाराज़गी है लेकिन रैली में कुछ नेताओं के न जाने के पीछे ये कारण नहीं है.
गठबंधन स्वीकार्य है
उन्होंने कहा, "फ़िलहाल मैं लोक जनशक्ति पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में हूं क्योंकि एक समुदाय विशेष में रामविलास पासवान की पैठ है और पार्टी को इसका लाभ मिलेगा. वो एक बड़े दलित नेता भी हैं. इसके अलावा वो कल तक हमें भले ही गाली देते थे लेकिन आज वो हमारे मंच से हमारे समर्थन में नारा लगा रहे हैं."
गिरिराज सिंह का कहना था कि गठबंधन को पार्टी आलाकमान ने स्वीकृति दी है, इसलिए वो इसे मानने को बाध्य हैं.
दरअसल बिहार में भाजपा के कुछ नेता लोक जनशक्ति पार्टी से गठबंधन को लेकर काफ़ी नाराज हैं. ये नाराज़गी तब एक बार खुलकर सामने आ गई जब मुज़फ़्फ़रपुर की रैली में राज्य के कई प्रमुख नेता नहीं पहुंचे.
इस रैली में मोदी के कट्टर समर्थक माने जाने वाले गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर और चंद्रमोहन राय जैसे लोग नहीं पहुंचे. इन्हीं नेताओं ने राम विलास पासवान की पार्टी से बीजेपी के गठबंधन का मुखर विरोध किया था.
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