तमिलनाड की पटाख़ा फ़ैक्टरी में आग, आठ मरे

तमिलनाड के कुंबकोनम में एक पटाखा फ़ैक्टरी में आग लगने से कम से कम आठ लोग मारे गए हैं जबकि पांच बुरी तरह घायल हो गए हैं.
जिस समय आग लगी मज़दूर फ़ैक्टरी में काम कर रहे थे. आग पर काबू पा लिया गया है.
हालांकि अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है.
स्थानीय पुलिस ने बताया कि घायलों को नज़दीक के <link type="page"><caption> अस्पताल</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2012/09/120914_sivakasi_three_vk.shtml" platform="highweb"/></link> में भर्ती कराया गया है और आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है.
इससे पहले भी पटाखा फ़ैक्टरियों में आग लगने की घटनाएं होती रही हैं.
इस वर्ष की शुरुआत में तमिलनाडु में ही पास के मुथालिपट्टी में एक पटाखा फ़ैक्टरी की इमारत में आग लगने से 54 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 अन्य घायल हो गए थे.
राज्य में आग लगने की यह सबसे भयंकर दुर्घटना थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पटाखा में धमाके की आवाज़ फ़ैक्टरी से दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दे रही थी.
दुर्घटनाएं

तमिलनाड का सिवकासी भारत में पटाखे बनाने के लिए जाना जाता है. देश में इस्तेमाल होने वाले ज़्यादातर <link type="page"><caption> पटाखे</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/multimedia/2013/11/131031_diwali_gallery_akd.shtml" platform="highweb"/></link> यहीं बनते हैं.
आमतौर पर दीवाली से पहले पटाखा से होने वाली दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी होती है.
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब तमिलनाड की किसी पटाखा फ़ैक्टरी में आग लगी हो. सिवकासी के अलावा भी कई पटाखा फ़ैक्ट्रियों में आग लगने और लोगों के मारे जाने की घटनाएँ पहले भी हो चुकी हैं.
साल 2008 में राजस्थान के भरतपुर में पटाखा फ़ैक्टरी में धमाका हुआ था और कम से कम 26 लोग मारे गए थे.
2008 में ही उड़ीसा में भी पटाखा बनाने वाले एक कारखाने में धमाका हुआ था जिसमें कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी.
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