बलात्कार की सज़ा गौ सेवा!

भारत के हरियाणा राज्य में एक किशोर न्यायालय ने बलात्कार और अपहरण के मामले में दोषी पाए गए एक अभियुक्त को आदेश दिया है कि वो छह महीने तक स्थानीय गोशाला में गायों की देखभाल करे.
ये मामला साल 2007 का है और तब इस व्यक्ति की उम्र 17 साल थी. इसीलिए उसका मुक़दमा किशोर न्यायालय में चल रहा था. फ़िलहाल इस व्यक्ति की उम्र 23 साल है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि इस व्यक्ति ने बुधवार से गोशाले में काम करना शुरू भी कर दिया है.
भारत में हाल ही में एक छात्रा के साथ हुए वीभत्स बलात्कार के बाद से काफ़ी नाराज़गी है. इस मामले के अभियुक्तों में से एक नाबालिग़ भी है.
भारतीय क़ानून के मुताबिक़ नाबालिग़ व्यक्ति यदि बलात्कार का दोषी पाया भी जाता है तो उसे अधिकतम तीन साल की सज़ा होती है.
नाबालिग़ को कड़ी सज़ा
लेकिन दिल्ली में हुई बलात्कार की घटना को देखते हुए देश भर में ये मांग उठ रही है कि किशोर उम्र के अपराधियों को भी अपराध की गंभीरता को देखते हुए कड़ी से कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए.
ये घटना हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले में हुई थी. रेवाड़ी के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि इस व्यक्ति ने प्रतिदिन सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक गोशाला में काम करना शुरू कर दिया है.
रेवाड़ी के पुलिस उपाधीक्षक कृष्ण लाल ने बताया, “इस गोशाला में क़रीब दो सौ गायें हैं. यह व्यक्ति इन गायों को चारा देता है, पानी देता है और हर तरह से उनकी देखभाल करता है. ऐसा वो अगले छह महीने तक रोज़ करेगा.”
भारत में ख़ासकर हिन्दू समुदाय में गाय को बहुत ही पवित्र समझा जाता है और बहुत से हिन्दू गाय की पूजा करते हैं.
संवाददाताओं का कहना है कि इस सज़ा ने भारत में किशोर न्याय व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.












