कर्नाटक में मवेशी ले जा रहे ट्रक ड्राइवर की हत्या से सियासत गरमाई

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- Author, इमरान क़ुरैशी
- पदनाम, बीबीसी हिंदी के लिए
कर्नाटक में अपने वाहन में भैंसों को ले जा रहे एक मुस्लिम चालक की पीट-पीट कर हुई हत्या ने राजनीतिक रंग ले लिया है.
ये चालक पुख़्ता बिल के साथ इन भैंसों को कर्नाटक से तमिलनाडु के एक बाज़ार में ले जा रहा था. लेकिन रास्ते में ही गोरक्षकों ने कथित तौर पर उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी . इसके बाद इस मुद्दे पर सियासत गर्म हो गई है. कर्नाटक में एक महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं.
मृतक ड्राइवर के शरीर पर पिटाई के गहरे जख़्म हैं. 39 साल के ड्राइवर इदरीस पाशा का शव पहली अप्रैल को रात बारह बजे रामनगर ज़िले के सथनुर में संतेमाला सर्किल के पास मिला था.
गोरक्षकों ने इदरीस पाशा के दो साथियों इरफ़ान ( 37) और सैयद ज़हीर (40) का भी पीछा किया और उन्हें बुरी तरह मारा. दोनों का अपने गृह शहर मद्दुर (मंड्या) में इलाज चल रहा है.
रामनगर पुलिस ने इस मामले में दर्ज तीन एफ़आईआर की जांच के लिए दो टीमें बनाई हैं. एक केस अभियुक्त और गोरक्षक पुनीत केरेहेल्ली के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया है. दूसरा केस इदरिस पाशा की हत्या का दर्ज किया गया है.
तीसरा केस ख़ुद पुनीत केरेहेल्ली ने दर्ज कराया है. इसमें गोवंश की हत्या के मक़सद से मवेशियों को ढोने का आरोप लगाया गया है.
इदरीस पाशा के भाई यूनुस पाशा की शिकायत के आधार पर दर्ज एफ़आईआर में कहा गया है कि इन भैंसों को मद्दुर के एक मवेशी व्यापारी ने ख़रीदा था. इन्हें तमिलनाडु के कृष्णानगर मार्केट में बिक्री के लिए भेजा जा रहा था.
लेकिन रास्ते में भैंसों को ले जा रहे ट्रक को पुनीत, पवन, गोपी और पिलिंगा ने रोक लिया और उसे सथनुर पुलिस थाने ले गए.

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बेंगलुरू सेंट्रल में लिंचिंग की पहली बड़ी घटना
इस मामले में बात करते हुए बेंगलुरू सेंट्रल रेंज के आईजीपी रविकांत गौड़ा ने बीबीसी हिंदी को बताया, ''हम अभियुक्तों के ख़िलाफ़ पुराने केस भी खंगाल रहे हैं.''
बेंगलुरू सेंट्रल ज़ोन में लिंचिंग की ये पहली बड़ी घटना है. बेंगलुरू सेंट्रल ज़ोन में राजधानी के आसपास के ज़्यादातर ज़िले आते हैं.
सथनुर रामनगर ज़िले का हिस्सा है और यहां वोक्कालिगा जाति के लोगों का दबदबा है. राज्य में वोक्कालिगा लिंगायत के अलावा दूसरी बड़ी अगड़ी जाति है.
राज्य में मुस्लिम अपनी छोटी आबादी के साथ पूरे ज़िले में फैले हुए हैं. मुस्लिमों में ज़्यादातर रेशम के कीड़े पालने के कारोबार में हैं. यहां दोनों समुदायों के बीच रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं.
रामनगर ज़िला और ये इलाका राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और जनता दल (सेक्युलर) के प्रमुख एच डी कुमारस्वामी के समर्थकों का राजनीतिक मैदान रहा है.
लेकिन बीजेपी यहां पैर जमाने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही है. ये ज़िला पुराने मैसूरू का हिस्सा रहा है.
कर्नाटक के तटीय ज़िले अक्सर हिंदुत्व की प्रयोगशाला कहे जाते रहे हैं. इन्हीं ज़िलों में सबसे पहले गोरक्षकों की गतिविधियां देखने को मिली थीं.
ये गतिविधियां यहां 2016 के अप्रैल तक चलती रहीं, जब बजरंग दल और हिंदू जागरण वेदिके के प्रवीण पुजारी को मार डाला गया था.
पुजारी पर गायों को बूचड़खाने ले जाने का आरोप लगाया गया था. लेकिन इसके बाद गोरक्षा से जुड़ी गतिविधियां लोगों को तंग करने जैसी छोटी-मोटी घटनाओं तक ही सीमित रहीं.
उत्तर प्रदेश के बिसाहड़ा में फ़्रिज में गोमांस रखने पर मोहम्मद अखलाक़ की हत्या के सात महीने बाद पुजारी की हत्या हुई थी.

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पूरा मामला क्या है?
कहा जा रहा है कि पुनीत और उनके लोगों ने इरफ़ान और ज़हीर की पिटाई के बाद सथनुर पुलिस थाने में उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन शनिवार को यह पता चला कि इदरिस का शव संतेमाला सर्किल के पास पड़ा मिला.
पुनीत ने कथित तौर पर एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें वो कहते दिख रहे हैं, ''तुम जानते हो मैं कौन हूं. तुम्हें नहीं पता. अगर तुम्हें नहीं पता तो जान लो मेरा नाम पुनीत केरेहल्ली है. दो लाख रुपये दो तभी मैं तुम्हें जाने दूंगा.''
पुनीत ने जिनको पकड़ा था, उनका कहना था कि वो सिर्फ़ ड्राइवर हैं. उनके पास इस बात को साबित करने के लिए ज़रूरी कागज हैं कि 15 भैंसों को एक बाज़ार से दूसरे बाज़ार में ले जाया जा रहा है.
कहा जा रहा है कि पुनीत के पास बंदूक थी और जब इदरीस और उनके दो साथियों ने ट्रक रोकने की वजह पूछी तो उन्होंने उन लोगों को पाकिस्तान चले जाने को कहा.
इदरीस के एक क़रीबी रिश्तेदार अब्दुल मजीद ने बीबीसी हिंदी को बताया, ''उन्होंने मवेशियों की ट्रांसपोर्टिंग का बिल भी दिखाया फिर भी उन्हें खदेड़ कर पकड़ा गया और पिटाई की गई.''
''इरफ़ान और ज़हीर तो भाग गए, लेकिन इदरीस भागते हुए झाड़ियों में फंस गए. वहां उन्हें बुरी तरह पीटा गया. हमने देखा कि उनके सिर, छाती और हाथों में गंभीर चोट के निशान थे. हाल के महीनों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं.''
हालांकि पुलिस का कहना है कि वो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चोटों और हत्या के कारणों के बारे में बता पाएगी. बेंगलुरू सेंट्रल रेंज के आईजीपी रविकांत गौड़ा ने कहा, ''हमने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है, लिहाज़ा पोस्टमार्टम दो नहीं तीन डॉक्टरों ने किया.''
उन्होंने कहा,'' सभी पांचों अभियुक्त फ़रार हैं. लेकिन हम जल्दी ही उन्हें गिरफ़्तार कर लेंगे. लेकिन मैं साफ़ कर दूं कि जांच पूरी ईमानदारी होगी.''
लिंचिंग के अभियुक्त पुनीत चर्चित दक्षिणपंथी कार्यकर्ता हैं. पुनीत इससे पहले हलाल मीट के बायकॉट अभियान का हिस्सा रहे थे. पुनीत ने तब हिंदुओं से कहा था कि मुसलमानों के साथ धंधा ना करें.
पुनीत कथित गौरक्षा से जुड़े मामलों में शामिल रहे थे. पुनीत राष्ट्र रक्षण पडे नाम का संगठन भी चलाते हैं.
नाम छिपाने रखने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ''पुनीत के ख़िलाफ़ कई और केस भी हैं, जिनकी जांच की जा रही है.''
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मामले में पुलिस की जांच जारी है.
इस बीच पुनीत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि वो घटना वाले दिन आधी रात से सुबह 5.30 बजे तक पुलिस के साथ थे और पशुओं को ले जाने वाले चालकों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवा रहे थे.
पुनीत ने कहा कि वो ये सुनिश्चित करना चाह रहे थे कि पशुओं को गौशाला ले जाया जाए.
पुनीत बोले, ''गौमाता की रक्षा के लिए मैं अपना अभियान जारी रखूंगा.''

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सियासत गर्म
इस घटना के बाद कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कुछ तस्वीरें दिखाईं जिनमें पुनीत बीजेपी और श्री राम सेना के प्रमुख नेताओं के साथ दिख रहे हैं. शिवकुमार एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जब ये तस्वीरें दिखा रहे थे तो उनके साथ विपक्ष के नेता सिद्धारमैया भी मौजूद थे.
शिवकुमार ने कहा,'' ये मोरल पुलिसिंग का मामला है. इसे मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई और गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने बढ़ावा दिया है. गृह मंत्री को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को प्रताड़ित कर ये लोग समाज को बांटना चाहते हैं.''
जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इसे 'चुनाव काल का षड्यंत्र' क़रार दिया है. ये चुनाव के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश लग रही है.''
सिद्धारमैया ने कहा, '' ये चुनावों से पहले मतदाताओं के बीच ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक तनाव भड़काने की सोची-समझी कार्रवाई है.''
न तो मुख्यमंत्री और न ही गृह मंत्री ने इस मामले में अब तक कोई प्रतिक्रिया दी है. प्रतिक्रिया मिलने पर इस स्टोरी उसे अपडेट कर दिया जाएगा.''
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