रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर जेडीयू-आरजेडी में बढ़ रही तकरार - प्रेस रिव्यू

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शनिवार को बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में सहयोगी जेडीयू और आरजेडी के बीच विवाद उस वक्त बढ़ गया जब जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार और उनके समर्थकों ने एक हनुमान मंदिर के बाहर तुलसीदास की रची गई रामचरितमानस की कुछ चौपाइयां पढ़ीं.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक ख़बर के अनुसार 16वीं सदी में लिखी गई रामचरितमानस पर राज्य के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की टिप्पणी का विरोध करने के लिए उन्होंने मंदिर के बाहर चौपाइयां पढ़ीं.
अख़बार लिखता है कि जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं और रामचरितमानस पर चंद्रशेखर और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह की विवादित टिप्पणी पर चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.
कुशवाहा ने कहा है कि इस तरह के विवादित बयान देकर चंद्रशेखर और सुधाकर सीधे तौर पर बीजेपी को फायदा पहुंचा रहे हैं.
इससे पहले बुधवार को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए चंद्रशेखर ने दावा किया था कि "दलितों, पिछड़े वर्गों और महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखने की बात कर रामचरितमानस और मनुस्मृति समाज में नफरत फैलाते हैं."
शनिवार को जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने अख़बार से कहा, "रामचरितमानस इस देश की धरोहर है. कोई भी इस महान ग्रंथ को रिजेक्ट नहीं कर सकता. अपने वक्त के महान समाजशास्त्री राम मनोहर लोहिया भी अपने जीवनकाल में रामायण मेला आयोजित करते थे."
अख़बार लिखता है कि चंद्रशेखर की टिप्पणी के बाद प्रदेश में सत्ताधारी गठबंधन के भीतर तो मतभेद के स्वर तो सुनाई दे ही रहे हैं, बल्कि आरजेडी के भीतर भी इसके विरोध में आवाज़ उठ रही है.
जहां आरजेडी राज्य अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने चंद्रशेखर का समर्थन किया वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने उनकी आलोचनी की और उन पर पार्टी की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर का समर्थन करना जगदानंद का निजी मामला है, इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं और इसकी चर्चा डिप्टी सीएम के सामने की जानी चाहिए.

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बीजेपी में नीतीश का स्वागत नहीं होगा- सुशील मोदी
बिहार से बीजेपी नेता और राज्य सभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को एक बार फिर एनडीए में शामिल करने का सवाल ही नहीं उठता.
द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू में सुशील मोदी ने कहा, "क्या बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार करेगी? कभी भी नहीं, अब वो केवल एक ज़िम्मेदारी बन गए हैं. 2000 में हुए विधनसभा चुनावों के बाद से, वोट जीतने की उनकी काबिलियत जाती रही है और उनकी लोकप्रियता भी कम हो रही है. 2020 के विधानसभा चुनावों से पहले हमने उन्हें लेकर तीन सर्वे किए थे और सभी में ये पाया गया कि उनकी लोकप्रियता घट रही है."
बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना चुकी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बीते साल अगस्त में बीजेपी का दामन छोड़ आरजेडी से गठबंधन कर लिया. वो इस गठबंधन के प्रमुख बने जिससे वो मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे.
बीजेपी से रास्ते अलग होने के बाद प्रदेश में बीजेपी नेता उन पर लगातार हमले कर रहे हैं और उन पर जनता को ठगने का आरोप लगा रहे हैं.
सुशील कुमार ने अख़बार को बताया कि बिहार में राजनीतिक हलकों में ये चर्चा अभी भी चल रही है कि अगर आरजेडी के तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया तो नीतीश कुमार की पार्टी आरजेडी के साथ गठबंधन में नहीं रहेगी और नीतीश कुमार को प्रदेश की राजनीति से बाहर जाना होगा.
2024 के आम चुनावों से पहले विपक्ष से हाथ मिलाने के लिए नीतीश के देशभर में दौरे के बारे में उन्होंने कहा, "उन्हें दिल्ली गए चार महीने हो चुके हैं. अपनी पहली कोशिश में उन्हें बेहद उत्साहित करने वाले नतीजे नहीं मिले. आप किसके साथ हाथ मिलाएंगे और कोई भी आप में दिलचस्पी क्यों दिखाएगा."

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जोशीमठ के दो होटल गिराने में लगेगा 7-10 दिन का वक्त
अधिकारियों का कहना है कि जोशीमठ में खतरा बन चुकी दो होटलों की इमारतों के गिराने में उन्हें सात से 10 दिन का वक्त लगेगा.
हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार में छपी एक ख़बर में कहा गया है कि होटल मलारी इन और माउंट वियू को गिराने के काम में 20 मज़दूरों को लगाया गया है. शनिवार को इन दोनों इमारतों की छत और लकड़ी की खिड़कियां और दरवाज़े निकालने के काम को अंजाम दिया गया.
अख़बार ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के इंस्पेक्टर हरक सिंह के हवाले से लिखा है कि प्राधिकरण के पांच-पांच अधिकारी दोनों इमारतों को गिराने के काम की निगरानी में लगाए गए हैं.
हरक सिंह ने कहा, "शनिवार सवेरे सात बज कर 30 मिनट पर इमारतों के गिराने का काम शुरू हुआ जो शाम छह बजे तक चला. 20 मज़दूरों के साथ-साथ प्राधिकरण के 10 लोग भी यहां मौजूद हैं और स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं. हम पहले दीवारों और छत को तोड़ रहे हैं. इसका मलबा सड़क पर जमा किया जा रहा है. दिन का काम ख़त्म होने पर ट्रंक की मदद से मलबा उठाने का काम किया जाएगा."
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ-साथ मौक़े पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के लोग भी मौजूद हैं.
अख़बार लिखता है कि होटल मलारी इन को गिराने का काम गुरुवार को शुरू किया गया था. लेकिन इसके बाद चिंता जताई जाने लगी कि अगर होटल गिरा तो उससे सटा दूसरा होटल भी गिर सकता है. इसके बाद शुक्रवार को होटल माउंट व्यू को तोड़ने का काम शुरू किया गया. ज़मीन धंसने से दोनों होटल बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और ख़तरनाक बने हुए हैं.
अख़बार लिखता है कि शहर के नौ वार्डों की 760 घरों में दरारें आ गई हैं और 147 घरों को रहने के लिए जोखिम भरा बताया जा रहा है. प्रशासन ने इन घरों में रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है.
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