रवीश कुमार ने एनडीटीवी से इस्तीफ़े के बाद कहा- चिड़िया का घोंसला कोई ले गया

रवीश कुमार

इमेज स्रोत, Purushottam Diwakar/The India Today Group via Gett

एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार ने इस्तीफ़ा दे दिया है.

एनडीटीवी ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह की तरफ़ से वहाँ के कर्मचारियों को एक मेल भेजा गया है.

इस ईमेल में लिखा है- रवीश ने एनडीटीवी से इस्तीफ़ा दे दिया है और कंपनी ने उनका इस्तीफ़ा तुरंत प्रभाव से लागू करने की गुज़ारिश को स्वीकार कर लिया है.

रवीश कुमार का इस्तीफ़ा प्रणय रॉय और राधिका रॉय के आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के पद से इस्तीफ़ा देने के एक दिन बाद आया है.

ये कंपनी एनडीटीवी की प्रमोटर ग्रुप व्हीकल है. अडानी ग्रुप की ओर से एनडीटीवी के टेकओवर के बाद रवीश कुमार ने इस्तीफ़ा दिया है.

इस साल अगस्त में अडानी ग्रुप ने मीडिया कंपनी एनडीटीवी में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18 फ़ीसदी हिस्सा ख़रीद लिया था और फिर बाक़ी की हिस्सेदारी ख़रीदने के लिए ओपन ऑफ़र का एलान किया था.

अगस्त में अडानी ग्रुप के एनडीटीवी में हिस्सेदारी ख़रीदने के बाद इसके प्रमुख चेहरों की विदाई की अटकलें लगाई जा रही थीं.

रवीश कुमार

इमेज स्रोत, Getty Images

रवीश कुमार ने क्या कहा

एनडीटीवी से इस्तीफ़ा देने के बाद वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने एक वीडियो संदेश जारी किया है.

वीडियो में उन्होंने कहा, "भारत में पत्रकारिता का स्वर्ण युग कभी नहीं था लेकिन आज के दौर की तरह का भस्म युग भी नहीं था, जिसमें पत्रकारिता पेशे की हर अच्छी बात भस्म की जा रही हो."

मीडिया की मौजूदा स्थिति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "गोदी मीडिया और सरकार भी पत्रकारिता का अपना मतलब आप के ऊपर थोपना चाहती है. इस वक़्त अपने संस्थान को लेकर कुछ ख़ास नहीं कहूंगा क्योंकि भावुकता में आप तटस्थ नहीं रह सकते. एनडीटीवी में 26-27 साल गुज़ारे हैं. कई शानदार यादें हैं एनडीटीवी में, जो अब किस्से सुनाने की काम आएंगी."

"मुझे सबसे कुछ न कुछ मिला है, मैं सबका आभारी हूँ. एक का ज़िक्रकर बाक़ी को छोड़ना न्याय नहीं होगा. बेटी विदा होती है, तो वो दूर तक पीछे मुड़कर अपने मायके को देखती है. मैं उसी स्थिति में हूं."

छोड़िए YouTube पोस्ट
Google YouTube सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में Google YouTube से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले Google YouTube cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.

पोस्ट YouTube समाप्त

एनडीटीवी में अपनी शुरुआत का ज़िक्र करते हुए रवीश कुमार ने बताया कि वो अगस्त 1996 में एनडीटीवी से औपचारिक रूप से अनुवादक के तौर पर जुड़े लेकिन उससे पहले काफ़ी समय तक यहां चिट्ठियाँ छांटने का काम भी किया.

उन्होंने बताया, "आपके बीच गया तो घर ही नहीं लौटा. मैं खुद के पास नहीं रहा. शायद अब कुछ वक़्त मिलेगा ख़ुद के साथ रहने का. आज की शाम ऐसी शाम है जहाँ चिड़िया को अपना घोंसला नज़र नहीं आ रहा. शायद कोई और उसका घोंसला ले गया. मगर उसके सामने एक खुला आसमान ज़रूर नज़र आ रहा है."

उन्होंने आगे कहा, ''भले ही उन्होंने चिट्ठियाँ छाँटी लेकिन इसके लिए उनसे सहानुभूति न रखी जाए क्योंकि मैं उनकी तरह नहीं हूँ जो बात करते हैं चाय बेचने की और उतरते हैं जहाज़ से.अपने संघर्ष को महान बताने के लिए मैं ऐसा नहीं करना चाहता.''

रवीश कुमार ने कहा, "मेरे आगे दुनिया बदलती रही, मैं टेस्ट मैच के खिलाड़ी की तरह टिका रहा. पर अब किसी ने मैच ही ख़त्म कर दिया. इसे टी-20 में बदल दिया. जनता को चवन्नी समझने वाले जगत सेठ हर देश में हैं, इस देश भी हैं. अगर वो दावा करें कि आप तक सही सूचनाएँ पहुँचाना चाहते हैं, तो इसका मतलब है कि अपनी जेब में डॉलर रखकर वो आपकी जेब में चवन्नी डालना चाहते हैं."

"पत्रकार एक ख़बर लिख दे तो जगत सेठ मुक़दमा कर देते हैं और फिर सत्संग में जाकर प्रवचन देते हैं कि वो आप पत्रकारों का भला चाहते हैं. आप दर्शक इतना तो समझते होंगे."

रवीश कुमार

इमेज स्रोत, NDTV

इमेज कैप्शन, रवीश कुमार, पत्रकार

रवीश कुमार के इस्तीफ़े पर प्रतिक्रिया

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने ट्वीट किया, "सत्ता के सामने निडरता से सच बोलने वाले हमारे बेहतरीन पत्रकार रवीश कुमार जब अपनी रिपोर्ट से समझौता करने के बजाय इस्तीफा देना चुनते हैं, तो यह मीडिया के हालात के बारे में बहुत कुछ बताता है जहां सच्चाई सबसे बड़ी शिकार बन गई है."

छोड़िए X पोस्ट, 1
X सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.

पोस्ट X समाप्त, 1

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने लिखा, "एक पत्रकार से निपटने के लिए पूरा चैनल ख़रीद डाला. जब संस्थाएँ ही ढह रही हों — ढहाई जा रही हों — एक चैनल के ढहने-ढहाने पर क्या रोना."

छोड़िए X पोस्ट, 2
X सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.

पोस्ट X समाप्त, 2

पत्रकार स्मिता शर्मा ने लिखा, "आप हमेशा एक प्रेरणा रहेंगे रवीश कुमार."

छोड़िए X पोस्ट, 3
X सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.

पोस्ट X समाप्त, 3

सुनील बोरीवाल नाम के एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, "भारत में पत्रकारिता की एक ही उम्मीद थी, उसने भी छोड़ दिया. पत्रकारिता के लिए एक काला दिन. हम आपको मिस करेंगे."

छोड़िए X पोस्ट, 4
X सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.

पोस्ट X समाप्त, 4

कई लोग रवीश का पुराना वीडियो भी ट्वीट कर रहे हैं. रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड ने दौरान उनके भाषण के अंश भी शेयर किए जा रहे हैं.

छोड़िए X पोस्ट, 5
X सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.

पोस्ट X समाप्त, 5

सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा, "रवीश कुमार की पत्रकारिता हमारे समय में सच्चाई की तकलीफ़ का एक वसीयतनामा है. उनका इस्तीफ़ा भी ऐसा ही है. शुक्रिया रवीश कुमार."

छोड़िए X पोस्ट, 6
X सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.

पोस्ट X समाप्त, 6

वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने कहा, ''रवीश के इस्तीफे़ पर जश्न मनाने वालों में एक बात कॉमन है. सबके सब मोदी की सत्ता के पादुका पूजक हैं. न्यूज़ रूम के रीढ़ विहीन मोदीवादी पुतले इस दिन का सालों से इंतज़ार कर रहे थे. रवीश के लिए ये शेर- जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता.''

अजीत अंजुम

इमेज स्रोत, Facebook/Ajit Anjum

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने कहा, ''एनडीटीवी को वो लोग गाली दे रहे हैं जिन्होंने ज़िंदगी में कभी पत्रकारिता नहीं की या फिर पत्रकारिता का ढोंग करते रहे या फिर सरकार की चाटुकारिता की. ऐसे लोगों को माफ़ कर देना चाहिए.''

छोड़िए X पोस्ट, 7
X सामग्री की इजाज़त?

इस लेख में X से मिली सामग्री शामिल है. कुछ भी लोड होने से पहले हम आपकी इजाज़त मांगते हैं क्योंकि उनमें कुकीज़ और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है. आप स्वीकार करने से पहले X cookie policy और को पढ़ना चाहेंगे. इस सामग्री को देखने के लिए 'अनुमति देंऔर जारी रखें' को चुनें.

चेतावनी: तीसरे पक्ष की सामग्री में विज्ञापन हो सकते हैं.

पोस्ट X समाप्त, 7

कौन हैं रवीश कुमार

रवीश कुमार एनडीटीवी समाचार नेटवर्क के हिंदी समाचार चैनल 'एनडीटीवी इंडिया' में संपादक थे.

रवीश चैनल के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे 'हम लोग' और 'रवीश की रिपोर्ट' के होस्ट रहे. ये दोनों कार्यक्रम काफ़ी लोकप्रिय रहे हैं. रवीश कुमार का प्राइम टाइम शो 'देस की बात' भी काफी लोकप्रिय कार्यक्रम रहा है.

वो एनडीटीवी इंडिया के सबसे पॉपुलर चेहरों में से एक थे.

एनडीटीवी में रवीश अक्सर अपने सत्ता विरोधी स्टैंड के लिए चर्चा में रहते थे. अपनी रिपोर्टों में वह देश में बेरोज़गारी, शिक्षा और सांप्रदायिकता के सवाल उठाते रहे.

"द इंडियन एक्सप्रेस" ने 2016 में उन्हें अपनी '100 सबसे प्रभावशाली भारतीयों' की सूची में भी शामिल किया था.

रवीश कुमार को साल 2019 में प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे सम्मान दिया गया था. यह सम्मान एशिया में साहसिक और परिवर्तनकारी नेतृत्व के लिए दिया जाता है.

अवॉर्ड देने वाले संस्थान ने कहा था, 'रवीश कुमार अपनी पत्रकारिता के ज़रिए उनकी आवाज़ को मुख्यधारा में ले आए, जिनकी हमेशा उपेक्षा की जाती है.'

रेमन मैग्सेसे संस्थान की ओर से कहा गया था कि 'अगर आप लोगों की आवाज़ बनते हैं तो आप पत्रकार हैं.'

रवीश कुमार

इमेज स्रोत, NDTV

इमेज कैप्शन, रवीश कुमार

एनडीटीवी के प्रमोटरों का होल्डिंग कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफ़ा

रवीश कुमार का इस्तीफा प्रणय रॉय और राधिका रॉय के आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर्स के पद से इस्तीफ़ा देने के ठीक एक दिन बाद आया है.

एनडीटीवी ने मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को लिखी गई चिट्ठी में बताया" एनडीटीवी के प्रमोटर ग्रुप आरआरपीआर (राधिका रॉय प्रणय रॉय) होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने सूचित किया है कि आज 29 नबंबर को बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की बैठक में तय किया गया है कि सुदीप्ता भट्टाचार्य, संजय पुगलिया और सेंथिल चेंगलवारायण तत्काल प्रभाव से आरआरपीआरएच के बोर्ड में नए निदेशक होंगे .''

इसमें कहा गया है, ''डॉ. प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने आरआरपीआर के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफ़ा दे दिया है.''

मंगलवार को आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने अपने इक्विटी शेयर की जानकारी दी थी जिसमें से 99.5 फ़ीसदी इक्विटी शेयर विश्व प्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड के पास हैं, ये वो कंपनी है जिसका अधिग्रहण अडानी ग्रुप की मीडिया कंपनी एएमजीमीडिया नेटवर्क्स ने किया है.

इसके साथ ही अडानी ग्रुप के पास अब एनडीटीवी की 29.18 फ़ीसदी हिस्सेदारी है.

प्रणय रॉय

इमेज स्रोत, PRANNOY ROY

अडानी ग्रुप की ओर से टेकओवर की कोशिश

इस साल अगस्त में अडानी ग्रुप ने मीडिया कंपनी एनडीटीवी में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18 फ़ीसदी हिस्सा ख़रीदा.

अडानी ने जिस तरह से एक अनजान सी कंपनी के ज़रिये एनडीटीवी में हिस्सा ख़रीदा उसे जानकार 'होस्टाइल टेकओवर' यानी प्रबंधन की इच्छा के विरुद्ध कंपनी पर क़ब्ज़े की कोशिश मानते हैं.

दरअसल, अडानी ग्रुप ने एक्सचेंज को बताया था कि उसने विश्वप्रधान कॉमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड यानी वीसीपीएल को ख़रीद लिया है. अडानी ने 100 फ़ीसदी हिस्सा तक़रीबन 114 करोड़ रुपये में ख़रीदा.

मीडिया और कंसल्टेंसी कारोबार में दख़ल रखने वाली वीसीपीएल का लेखा-जोखा खंगालने पर पता चला कि वीपीसीएल के पास एनडीटीवी की एक प्रमोटर ग्रुप कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के 29.18 फ़ीसदी इक्विटी शेयर गिरवी थे.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)