विश्व हिंदू परिषद की 'विराट हिंदू सभा' में बीजेपी नेताओं की 'हेट स्पीच' का पूरा मामला क्या है

परवेश वर्मा

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    • Author, विनीत खरे
    • पदनाम, बीबीसी संवाददाता

कांग्रेस ने भाजपा सांसद परवेश वर्मा के एक कथित विवादास्पद भाषण पर दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या वो उनके ख़िलाफ़ कथित सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने के लिए कार्रवाई करे?

उत्तर पूर्व दिल्ली के दिलशाद गार्डन में विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम 'विराट हिंदू सभा' में परवेश वर्मा ने कथित तौर पर 'इनके' 'संपूर्ण बहिष्कार' की बात की. उन्होंने किसी समुदाय का नाम नहीं लिया. उनके कथित भाषण की एक क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है.

इस सभा का आयोजन दिल्ली के नंद नगरी में एक हिंदू व्यक्ति मनीष की चाकू मारकर हुई हत्या के विरोध में किया गया था.

विश्व हिंदू परिषद प्रवक्ता विनोद बंसल के मुताबिक़, सभा के आयोजन का संदर्भ 'दिल्ली में लगातार हिंदुओं की हत्याएं' था और इससे 'लोगों में काफ़ी गुस्सा था.'

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी संजय कुमार सैन ने बताया कि मनीष हत्याकांड में सभी छह अभियुक्त मुसलमान हैं, लेकिन इस घटना में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है.

वीडियो कैप्शन, ‘हेट स्पीच’ से जुड़े सवाल पर भड़के यति नरसिंहानंद

विनोद बंसल ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "आज तक पुलिस ने कभी ऐसा माना है कि ये कोई सांप्रदायिक मामला है? ये कभी नहीं हुआ है."

समाचार एजेंसी पीटीआई के एक ट्वीट के मुताबिक़, दिलशाद गार्डन आयोजन में कथित हेट स्पीच मामले में दिल्ली पुलिस ने संयोजकों के ख़िलाफ़ सभा आयोजित करने के लिए इजाज़त नहीं लेने के लिए मामला दर्ज किया है, हालांकि अभी तक हम इस ख़बर की पुष्टि नहीं कर पाए हैं.

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परवेश वर्मा का 'भाषण'

  • इस सभा में अपने भाषण में परवेश वर्मा ने कथित तौर पर कहा, "जहां-जहां ये आपको दिखाई दें, मैं कहता हूं कि अगर इनका दिमाग़ ठीक करना है, इनकी तबीयत ठीक करनी है तो एक ही इलाज है, वो है संपूर्ण बहिष्कार."
  • इसके बाद उन्होंने सभा में शामिल लोगों से पूछा, "आप इस बात से सहमत हो? हाथ खड़ा करके बोलो सहमत हो?"
  • बारिश में छाता लेकर खड़े और बैठे लोग इस क्लिप में हाथ खड़े करते नज़र आते हैं.
  • फिर परवेश वर्मा कथित तौर पर कहते हैं, "और मेरे साथ बोलो हम इनका संपूर्ण बहिष्कार करेंगे. हम इनके दुकान, रेड़ियों से कोई सामान नहीं खरीदेंगे. हम इनको कोई मज़दूरी नहीं देंगे."
  • एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने इसी क्लिप को ट्वीट करके कहा, "भाजपा-आरएसएस सांसद देश की राजधानी में, खुली सभा में मुसलमानों का बहिष्कार करने की शपथ ले रहे हैं."
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कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी पूछा कि 'क्या वो इस भाषण की हिमायत करते हैं?'

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बीबीसी की परवेश वर्मा से बात नहीं हो पाई, लेकिन अख़बार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्होंने भाषण में किसी धार्मिक समुदाय का नाम नहीं लिया.

उन्होंने कहा, "मैंने कहा कि जिन परिवारों के सदस्य ऐसी हत्याएं करते हैं उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए."

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पहले भी ऐसे मामले

इस घटना से पहले हरिद्वार धर्म संसद और दूसरी जगहों पर मुसलमानों के खिलाफ़ हेट स्पीच देने के कई मामले सामने आ चुके हैं.

आलोचकों का कहना है कि साल 2014 में भाजपा सरकार के आने के बाद मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हेट क्राइम की संख्या बढ़ी है. भाजपा इन आरोपों से इनकार करती है.

परवेश वर्मा के कथित बयान पर दिल्ली दंगों और दूसरे पिछड़े समुदायों के लिए भी अदालती लड़ाई लड़ने वाले वरिष्ठ वकील महमूद पराचा कहते हैं, "उनका बयान मनुवादी मानसिकता दर्शाता है कि कुछ लोगों का बॉयकॉट किया जाना चाहिए, कुछ लोगों के साथ छुआछूत का बर्ताव किया जाना चाहिए."

वो कहते हैं, "ये सब आरएसएस और नागपुर में बैठी मनुवादी मानसिकता के इशारों और निर्देशों पर हो रहे हैं. ये सब काम चीन और पाकिस्तान को फ़ायदा पहुंचाने के लिए हो रहे हैं."

हाल ही में अपने विजयदशमी के भाषण में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सामाजिक समरसता की अपील कर चुके हैं. इससे पहले उन्होंने जून में कहा था, हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना.

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हाल ही में पीएफ़आई पर बैन की बात का ज़िक्र करते हुए पराचा ने कहा, "ये जो धर्म संसद कर रहे हैं, सीधे-सीधे भारत का संविधान ख़त्म करके हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं, संविधान ख़त्म करके मनुस्मृति लागू कराने की बात कर रहे हैं, अलग से संसद बनाने की बात कर रहे हैं और भारत में लोगों का वोट ख़त्म करने की बात कर रहे हैं, और उसके बावजूद भी इनके खिलाफ़ कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं होती, तो इससे साफ़ समझ़ जाना चाहिए कि ये आज्ञा से नहीं इशारे से हो रहा है."

वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े कहते हैं, "बिना पुलिस की मिली भगत के ये नहीं हो सकता और पुलिस सीधा गृह मंत्रालय के अंदर आती है."

पुलिस इस सभा और और भाषणों को कैसे देख रही है, इस बारे में हमारी दिल्ली पुलिस के में डीसीपी शाहदरा आर साथ्यसुंदरम से बात नहीं हो पाई.

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भाजपा विधायक अजय महावार

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दिल्ली सभा में दूसरे भाषणों पर भी सवाल

इस सभा में भाजपा विधायक अजय महावार भी शामिल थे. हमने उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही उनके भाषण की कथित क्लिप सुनाई तो उन्होंने माना कि ये आवाज़ उनकी है.

बीबीसी से बातचीत में उन्होंने बताया, "मैंने (भाषण में) ये कहा है जो भी हिंदुस्तान का खाते हैं और पाकिस्तान का गाते हैं और जो जेहादी मानसिकता से यहां रहते हैं, जो भी लोग शाहीन बाग में सजे थे, तब भी और जब जेएनयू में नारे लगे थे तब भी भारत विरोधी नारे लगे थे, उन सब लोगों को जो खाते यहां का हैं और गाते वहां का हैं, उनकी सूची बन जाए. 1947 तक चले गए, चले गए गए 1947 के बाद जो जाना चाहते हैं, उन सबकी सूची बना लो, मैं उनको ख़ुद छोड़कर आऊंगा वहां तक."

अजय महावार कहते हैं, "मेरा सीधा सीधा आरोप रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों पर है, जो अवैध रूप से रह रहे हैं. और यहां अपराध कर रहे हैं और उन लोगों पर है जो जिहादी मानसिकता लेकर बैठते हैं. किसी और से मेरा कोई लेना-देना नहीं हैं. बहुत से अच्छे लोग हैं. हम लोग साथ काम करते हैं."

इसे मुसलमानों के खिलाफ़ हेट स्पीच क्यों न माना जाए, इस पर वो कहते हैं, "न मैं मुसलमानों के खिलाफ़ बोल रहा हूं, न मैंने मुसलमान शब्द का इस्तेमाल किया है."

इस सभा में एक और भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर के शामिल होने की रिपोर्ट सामने आई है. कई कोशिशों के बावजूद बीबीसी की उनके बात नहीं हो पाई है.

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स्वामी योगेश्वराचार्य
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इस सभा में स्वामी योगेश्वराचार्य के भाषण का एक क्लिप भी शेयर हो रहा है.

इस क्लिप में वो कथित तौर पर कहते हुए सुनाई देते हैं, "वो तो चाहते हैं कि एक नहीं तो चौदह शादियां करेंगे, 40 पैदा करेंगे. तो हम सब भी इस पर ध्यान दें. इनको चुन-चुन के मारने का कार्य करें."

हमने उन्हें क्लिप सुनाई तो स्वामी योगेश्वराचार्य ने माना कि आवाज़ उनकी है और उन्होंने कहा कि "अगर इन शब्दों से किसी को ठेस पहुंचती है तो उसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं."

बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, "किसी व्यक्ति विशेष, जाति विशेष, धर्म विशेष के लिए हम ऐसा कोई शब्द नहीं बोल रहे हैं. हमारा उद्देश्य केवल इतना है कि संविधान के दायरे में रहकर जनसंख्या क़ानून को सरकार को लाना चाहिए जिससे सदियों सनातन धर्म और अन्य धर्म भी सुरक्षित रहें."

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सांकेतिक तस्वीर

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इसी सभा में भाषण देने वाले महंत नवल किशोर दास ने कथित तौर पर लोगों को बंदूकें लाने को कहा.

बीबीसी से बातचीत में वो बोले, "मैंने कहा कि संविधान हमें आत्मरक्षा का अधिकार देता है. हमें जीने का अधिकार है कि नहीं? यदि हम जीएंगे अपने लिए, अपने धर्म के लिए, राष्ट्र के लिए. यदि आवश्यकता पड़ेगी और सरकार और प्रशासन हमें कहता है तो हम राष्ट्र की रक्षा के लिए हथियार उठाने के लिए तैयार हैं क्योंकि हमने ठेका ले रखा है राष्ट्र की रक्षा का."

इन भाषणों पर वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े कहते हैं, "जो लोग भाषण दे रहे हैं, वे ऐसे भाषण देना बंद कर देंगे, अगर उनके खिलाफ़ कार्रवाई हो. लेकिन अगर उन्हें फ़ायदा होता है, वो ऐसा करना जारी रखेंगे. ऐसा नहीं है कि प्रशासन के पास उन्हें रोकने की शक्ति नहीं है. जिस बात की कमी है वो है इच्छाशक्ति.

हर बार जैसे ऐसे भाषणों की क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं, पुलिस की कोशिश होती है कि कमज़ोर से कमज़ोर एफ़आईआर फ़ाइल करे और उम्मीद की जाती है कि अदालतें उन्हें मज़बूत एफ़आईआर फ़ाइल करने के लिए कहें."

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