मथुरा से बच्चा चुराने के एक मामले में यूपी की बीजेपी पार्षद और पति गिरफ़्तार- प्रेस रिव्यू

आगरा जीआरपी के एसपी मोहम्मद मुश्ताक़ पकड़े गए अपराधियों के साथ

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पिछले हफ़्ते 24 तारीख़ को उत्तर प्रदेश के मथुरा रेलवे स्टेशन से कथित तौर पर अगवा किए गए 7 महीने के एक बच्चे को रविवार को फिरोज़ाबाद की भाजपा पार्षद विनीता अग्रवाल के घर से बरामद किया गया है.

इस मामले में उन्हें, उनके पति कृष्ण मुरारी अग्रवाल सहित कुल आठ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. पकड़े गए लोगों में एक डॉक्टर दंपति भी शामिल हैं.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी इस ख़बर में बताया गया है कि विनीता अग्रवाल (44) और उनके पति कृष्ण मुरारी अग्रवाल (51) ने बाल तस्करी में शामिल एक गिरोह को कथित तौर पर 1.80 लाख रुपए का भुगतान किया था.

राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) ने बताया है कि डॉक्टर दंपति डॉ प्रेम बिहारी (38) और उनकी पत्नी डॉ दयावती (38) बाल तस्करी का एक रैकेट चला रहे थे. गिरफ़्तार किए गए अन्य लोगों में दीप कुमार (40), पूनम (43), मंजीत (43) और विमलेश (38) शामिल हैं.

प्रेम बिहारी और दयावती हाथरस में एक अस्पताल का संचालन करते हैं, जबकि विमलेश और पूनम एएनएम हैं.

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अमर उजाला ने पुलिस के हवाले से लिखा है कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ में पता चला कि भाजपा पार्षद विनीता अग्रवाल के बेटा नहीं है, इसलिए उन्होंने इस बच्चे को ख़रीदा था. बरामद किए गए बच्चे को जब स्टेशन से चोरी किया गया था, तो यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी. सीसीटीवी की मदद से पुलिस अपराधियों तक पहुंची.

एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया, ''बच्चा चोर गिरोह का सदस्य दीप कुमार शर्मा मथुरा जंक्शन से राधा के सात माह के बच्चे को उठाकर ले गया था. उसने हाथरस के हॉस्पिटल के लिए बच्चा चोरी गिरोह के लिए काम करने वाली एएनएम पूनम और विमलेश से बात की. एएनएम ने बच्चे के आने की जानकारी बच्चे को खरीदने वाली भाजपा पार्षद विनीता अग्रवाल और उनके पति कृष्ण मुरारी अग्रवाल को दी.''

आगरा जीआरपी के एसपी मोहम्मद मुश्ताक़ ने बताया, "सभी आठ लोगों को सोमवार को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. इस गिरोह ने बच्चे को 1.80 लाख रुपये में बेच दिया था.''

वहीं जीआरपी (मथुरा) के एसएचओ सुशील कुमार ने बताया, "राधा देवी ने 24 अगस्त को मथुरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 8 से अपने सात माह के बेटे का अपहरण करने के लिए अज्ञात लोगों के खि़लाफ़ एक मामला दर्ज कराया था.''

शशि थरूर

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शशि थरूर क्या लड़ सकते हैं कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव

कांग्रेस सांसद शशि थरूर पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. मलयालम के अख़बार मातृभूमि में लिखे एक आलेख में उन्होंने बताया है कि मैदान में कई उम्मीदवारों के उतरने से पार्टी को मज़बूती मिल सकती है.

उन्होंने उम्मीद जताई है कि अध्यक्ष पद के चुनाव में कई उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं

अंग्रेज़ी दैनिक द हिंदू ने इसे अपनी पहली ख़बर बनाया है. अख़बार ने हालांकि लिखा है कि यदि ऐसा हुआ भी तो गांधी परिवार के समर्थन वाले प्रत्याशी के ख़िलाफ़ ऐसे उम्मीदवारों के जीतने की संभावना कम ही है.

हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार गांधी परिवार का कोई सदस्य इस चुनाव में उतरने को इच्छुक नहीं है और उनके समर्थन से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह चुनाव लड़ सकते हैं.

शशि थरूर ने अपने आलेख में ब्रिटेन के कंज़रवेटिव पार्टी में नेतृत्व के लिए चल रही होड़ का हवाला देते हुए लिखा है कि इस तरह के हालात से कांग्रेस में राष्ट्रीय हित बढ़ेगा और फिर से कांग्रेस की ओर मतदाताओं का रुझान बढ़ेगा.

शशि थरूर

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उन्होंने आगे लिखा, ''इस चलते मुझे उम्मीद है कि कई उम्मीदवार विचार के लिए ख़ुद को आगे लेकर आएंगे. पार्टी और देश के लिए अपनी परिकल्पना सामने रखने से निश्चित तौर पर जनहित को बढ़ाएगा.''

सूत्रों के अनुसार, शशि थरूर यह पता लगाने के लिए पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं कि क्या उन्हें इस चुनाव के लिए समर्थन मिल सकता है या नहीं.

हालांकि 'द हिंदू' ने इस मसले पर शशि थरूर से संपक करके जब उनकी राय जाननी चाही तो उन्होंने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

वहीं इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि शशि थरूर ने इस सिलसिले मे अपने कई साथियों और शुभचिंतकों से विचार विमर्श किया है. हालांकि अभी तक इस बारे में उन्होंने कोई अंतिम फ़ैसला नहीं लिया है.

अपने आलेख में उन्होंने लिखा, ''आदर्श रूप से पार्टी को चुनाव से भरे जाने वाले कांग्रेस कार्यसमिति की दर्जन भर सीटों के लिए भी चुनावों की घोषणा करनी चाहिए थी.''

इस आलेख में उन्होंने यह भी लिखा है कि पार्टी के शिखर पर नेतृत्व के खालीपन से कांग्रेस को काफ़ी नुक़सान हो रहा है. थरूर के अनुसार इस समस्या को सुलझाने और एक व्यवस्थित प्रक्रिया स्थापित करने से पार्टी को काफ़ी फ़ायदा होगा.

बहरहाल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए यदि एक से ज़्यादा उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं तो पिछले 22 साल में ऐसा पहली बार होगा. इससे पहले नवंबर 2000 में जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खि़लाफ़ चुनाव लड़ा था. हालांकि उस एकतरफ़ा चुनाव में सोनिया गांधी को मिले 7,542 वोटों के मुक़ाबले जितेंद्र प्रसाद को केवल 94 वोट ही मिले थे.

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हिमंत बिस्व सरमा ने कहा- पांच राजधानियाँ हों

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच वाक्युद्ध लगातार जारी है. सोमवार को भी दोनों के बीच सोशल मीडिया पर बहस जारी है.

इसी बहस में हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को पूछा है कि देश के संतुलित विकास के लिए भारत को क्या 5 राजधानियों के विकल्प पर विचार करना चाहिए. उनके अनुसार, हर ज़ोन में एक राजधानी बनाई जा सकती है.

बिज़नेस अख़बार द मिंट ने इस ख़बर को प्रमुखता से छापा है.

सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए बिस्व सरमा ने उन्हें दूसरे राज्यों का मज़ाक उड़ाने की आदत लगने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हमें देश के हर ज़ोन की आर्थिक असमानता को दूर करने पर काम करना चाहिए.

हिमंत बिस्व सरमा ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ऐसा करने से दिल्ली सरकार के पास पूर्वोत्तर राज्यों की तुलना में अथाह संसाधन जमा नहीं होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों को सहानुभूति और उपहास के बजाय विकास के लिए उचित संसाधन, समर्थन और सम्मान चाहिए.

इसके अलावा उन्होंने असम में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए तेज़ी से काम करने का दावा भी किया है.

दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच इस वाक्युद्ध की शुरुआत पिछले हफ़्ते तब हुई थी जब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने असम की शिक्षा व्यवस्था पर तंज़ कसा था. उसका जवाब हिमंत बिस्वा सरमा ने भी दिया था.

रेप

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दिल्ली में महिलाओं के खि़लाफ़ 40 फ़ीसदी बढ़े अपराध

देश की राजधानी दिल्ली में महिलाओं के खि़लाफ़ 2021 में हुए अपराध 2020 की तुलना में 40 फ़ीसदी बढ़ गए हैं. 2020 के 9,782 मामलों की तुलना में 2021 में 13,892 मामले दर्ज हुए हैं.

अंग्रेज़ी दैनिक हिंदुस्तान टाइम्स ने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी ताज़ा रिपोर्ट के हवाले से यह ख़बर छापी है.

इस रिपोर्ट के अनुसार, देश के 19 बड़े शहरों में 2021 में महिलाओं के खि़लाफ़ 43,414 मामले दर्ज हुए. इस लिहाज से इन सभी शहरों में अकेले दिल्ली का हिस्सा 32 फ़ीसदी का रहा है.

इस रिपोर्ट में देश के सभी महानगरों में दिल्ली को सबसे असुरक्षित जगह बताया गया है. दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर मुंबई और तीसरे नंबर पर बेंगलुरू है. महिलाओं के खि़लाफ़ अपराध में इन शहरों का योगदान 12.76 और 7.2 फ़ीसदी का है.

दिल्ली में पिछले साल महिलाओं की किडनैपिंग के 3,948, पति की क्रूरता के 4,674 और बच्चियों के रेप के 833 मामले दर्ज किए गए हैं.

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