'मेरी बेटी ने रेप की कोशिश का विरोध किया तो उसे स्टेडियम की छत से फेंक दिया' - ग्राउंड रिपोर्ट

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    • Author, सुरिंदर मान और गुरमिंदर ग्रेवाल
    • पदनाम, बीबीसी पंजाबी के लिए

12वीं क्लास में पढ़ने वाली एक छात्रा ने जब रेप की कोशिश का विरोध किया तो उसे स्टेडियम की छत से फेंक दिए जाने की एक घटना सामने आई है.

ये घटना पंजाब के मोगा ज़िले की है. लड़की के परिवार की पृष्ठभूमि उत्तर प्रदेश से है. घटना के दौरान बच्ची के दोनों पैर और जबड़ा टूट गए हैं.

स्थानीय पुलिस के मुताबिक़ घटना 12 अगस्त के देर शाम की है, जब मोगा शहर में बने अंतरराष्ट्रीय इनडोर स्टेडियम की छत के पास बनी सीढ़ियों पर कथित तौर पर रेप करने की कोशिश की गई. इस संबंध में पुलिस ने 16 अगस्त को मामला दर्ज किया था.

पुलिस का कहना है कि पहले ख़बर आई थी कि पीड़ित लड़की सड़क हादसे का शिकार हुई है. परिवार वालों ने बताया कि उनकी लड़की बास्केटबॉल की खिलाड़ी है और वह अक्सर कोचिंग के लिए स्टेडियम जाती थी.

पीड़ित लड़की को पहले गंभीर हालत में मोगा के डॉक्टर मथुरा दास पाहवा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में लड़की की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रेफ़र कर दिया.

अनजान व्यक्ति ने परिवार को दी सूचना

मोगा के मॉडल पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) दलजीत सिंह ने बीबीसी को बताया कि पुलिस को शुरुआती दौर में अस्पताल से यही सूचना मिली थी कि लड़की सड़क दुर्घटना में घायल हुई है.

एसएचओ के मुताबिक़, मामले की सच्चाई तब सामने आई जब लड़की के पिता शिवनाथ ने पुलिस को बताया कि तीन लोगों ने उनकी बेटी का यौन शोषण करने करने की कोशिश की थी.

पुलिस में दर्ज हुए बयानों में पीड़िता के पिता ने बताया है कि उनकी लड़की मोगा शहर के एक निजी स्कूल में बारहवीं की छात्रा है. उन्होंने बताया, "हर रोज़ वह ट्यूशन से शाम क़रीब 6.30 बजे घर लौटती थी, लेकिन 12 अगस्त की शाम को वह समय पर घर नहीं पहुंची. उसके बाद करीब साढ़े सात बजे एक अनजान व्यक्ति ने मुझे फ़ोन किया और बताया कि आपकी बेटी गोधेवाला में बने स्टेडियम में गंभीर रूप से घायल पड़ी है."

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पंजाब पुलिस ने पीड़ित लड़की के पिता के इन बयानों को प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दाखिल करने का आधार बनाया है. पुलिस का कहना है कि पीड़ित लड़की के पिता ने बताया है कि फ़ोन करने वाले ने कहा कि लड़की को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है.

पिता के मुताबिक़, जब वह अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के दोनों पैर और जबड़ा टूट गए हैं.

पुलिस के मुताबिक़, अस्पताल से सूचना मिलने के बाद 14 अगस्त को जब पुलिस की एक टीम लड़की का बयान दर्ज करने अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने कहा कि लड़की बोलने में सक्षम नहीं है.

इस सिलसिले में लड़की के पिता ने भी पुलिस को कुछ अलग कहानी सुनाई है. प्राथमिकी में पिता ने कहा है कि उनकी बेटी की मोगा शहर के रहने वाले एक युवक से दोस्ती थी.

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लड़की बोलने की स्थिति में नहीं है

पुलिस अधिकारी दलजीत सिंह ने कहा कि परिवार का आरोप है कि लड़की के दोस्त युवक ने फ़ोन करके लड़की को स्टेडियम बुलाया था.

पुलिस द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट में लड़की के पिता ने लिखा है, ''जब मेरी बेटी स्टेडियम पहुंची तो लड़के के साथ दो अन्य अज्ञात व्यक्ति वहां मौजूद थे. जैसे ही लड़की वहां पहुंची, उन्होंने लड़की को धक्का देना शुरू कर दिया और रेप करने की कोशिश की. उसके बाद उन्होंने मेरी बेटी को स्टेडियम की छत से नीचे फेंक दिया"

लड़की फ़िलहाल डीएमसी लुधियाना में भर्ती है. डॉक्टरों का कहना है कि जब वह बोलने में सक्षम होगी तभी वह पुलिस को अपना बयान दर्ज करा पाएगी.

वहीं मोगा पुलिस ने कथित युवक और दो अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 376, 511 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है. एसएचओ दलजीत सिंह ने बताया कि इस संबंध में अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.

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अभियुक्त का फ़ोन स्विच ऑफ़

वहीं पुलिस ने इस मामले में अभियुक्त बनाए गए युवक के घर जाकर उसका पक्ष जानने की कोशिश की तो घर में एक बुज़ुर्ग मौजूद थे. उन्होंने कहा कि वे बीमार हैं. इसके अलावा घर में परिवार का कोई सदस्य नहीं था.

इस परिवार के बारे में जब आसपास के घरों से पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. वहीं अभियुक्त और उनके पिता का मोबाइल फ़ोन लगातार बंद आ रहा था.

'मैं उम्मीद कर रहा था कि मेरी बेटी खेलों में अच्छा प्रदर्शन करेगी'

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश के बाद मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. अभियुक्त को पकड़ने के लिए कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है.

पुलिस का यह भी कहना है कि जब लड़की बोल पाएगी तो अलग से लड़की का बयान दर्ज किया जाएगा.

वहीं डीएमसी में भर्ती अपनी बेटी का इलाज करा रहे पिता ने कहा, "मुझे अपनी बेटी के इलाज के लिए अब तक किसी भी तरह की सरकारी सहायता नहीं मिली है. मेरे तीन बच्चे हैं जिनमें से मेरी बेटी बढ़ी है और बेटे छोटे हैं."

"मुझे उम्मीद थी कि मेरी बेटी खेलकूद में अच्छा प्रदर्शन करके और अच्छी पढ़ाई करके परिवार का सहारा बनेगी, लेकिन पापियों ने मेरा सपना बर्बाद कर दिया है."

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