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नूपुर शर्मा कोलकाता पुलिस के सामने भी नहीं हुईं पेश, दोबारा समन जारी - प्रेस रिव्यू
कोलकाता पुलिस ने पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी मामले में बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा को 25 जून को दोबारा समन जारी किया है. कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बीते गुरुवार को इस सिलसिले में जानकारी दी.
द हिंदू की ख़बर के अनुसार, यह दूसरा मौक़ा है जब नूपुर शर्मा को कोलकाता पुलिस ने पैग़ंबर मामले में समन जारी किया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उत्तरी कोलकाता के एमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस थाने में नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करायी गई थी और यह समन उसी के तहत भेजा गया था.
नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ कोलकाता के दस अलग-अलग थानों में पैग़ंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में शिकायत दर्ज करायी गई है. पैग़ंबर मोहम्मद पर नूपुर की टिप्पणी के बाद राज्य के कई इलाक़ों में हिंसा भड़क गई थी.
इससे पहले उन्हें नारकेलदांगा पुलिस स्टेशन की ओर से समन भेजा गया था. लेकिन उन्होंने समन रिसीव नहीं किया और चार सप्ताह का समय मांगा था. अपने जवाब में उन्होंने कहा था कि उन्हें डर है कि अगर वह कोलकाता आएंगी तो उन पर हमला हो सकता है.
नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के हावड़ा, नादिया और मुर्शिदाबाद में भी हिंसा भड़क उठी थी. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद नूपुर शर्मा ने अपने बयान को पूरी तरह वापस ले लिया था.
इससे पहले 18 जून को ख़बर आई थी कि नूपुर शर्मा को समन देने दिल्ली आई मुंबई पुलिस को चार दिन बाद भी नूपुर नहीं मिलीं, इसलिए उन्हें समन ई-मेल करना पड़ा. टाइम्स ऑफ़ इंडिया अख़बार ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा था कि वे चार दिनों से दिल्ली में हैं लेकिन उन्हें नूपुर शर्मा नहीं मिलीं.
अमरनाथ यात्रा पर चरमपंथी हमले का ख़तरा- सेना
कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर चरमपंथी हमले की आशंका जताई जा रही है. सुरक्षाबलों ने शनिवार को सीमा से लगी आठ किलोमीटर लंबी सुरंग का पता लगाया जिसके बाद से सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू किया है.
सांबा के पुलिस अधिकारी जीआर भारद्वाज के हवाले से दैनिक हिंदुस्तान अख़बार ने लिखा है कि विभिन्न खुफ़िया सूचनाओं से पता चला है कि चरमपंथी यात्रा को बाधित करने के लिए सीमा पार से घुसपैठ करने की साज़िश कर रहे हैं. इसके तहत चौकसी बढ़ा दी गई है.
43 दिन की अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है. यह यात्रा दो रास्तों दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में नुनवान के पारंपरिक 48 किलोमीटर और मध्य कश्मीर के गांदरबल में बालटाल से 14 किलोमीटर छोटे रास्ते से शुरू होगी.
अशोक गहलोत ने एकबार फिर किया सचिन पायलट की बग़ावत का ज़िक्र
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को एकबार फिर कांग्रेस नेता सचिन पायलट पर निशाना साधा है. अपने बयान में उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी आरोप लगाया.
गहलोत ने दोनों नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2020 में उनके ख़िलाफ़ विद्रोह में दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार गिराने के मुख्य किरदार गजेंद्र सिंह शेखावत थे, जो सचिन पायलट के साथ मिले थे.
उन्होंने कहा, "केंद्रीय मंत्री का यह कहना कि सचिन पायलट से चूक हो गई. यह साबित हो गया है कि सरकार गिराने में शेखावत, सचिन पायलट के साथ मिले हुए थे."
दरअसल, हाल ही में जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शेखावत ने कहा था कि पायलट ने 2020 राजनीतिक संकट के दौरान चूक कर दी और अगर उन्होंने ये चूक नहीं की होती तो अभी तक पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर काम शुरू हो जाता. इस परियोजना के तहत 13 ज़िलों को पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है लेकिन राज्य की कांग्रेस की सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है.
शेखावत ने इस बात का ज़िक्र साल 2020 के राजनीतिक घटनाक्रम के संदर्भ में किया. जब सचिन पायलट 19 विधायकों के साथ विद्रोह का नेतृत्व किया था. हालांकि बाद में यह विद्रोह शांत हो गया था और पायलट को डिप्टी सीएम पद से हटा दिया गया था. साथ ही उन्हें राज्य में पार्टी के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया था.
कश्मीर में जी-20 समिट की मेज़बानी पर पाकिस्तान ने जताई आपत्ति
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में जी-20 देशों की बैठक कराने संबंधी भारत के प्रस्ताव पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है. पाकिस्तान ने जी-20 देशों की मेज़बानी को लेकर कश्मीर के विचार का विरोध किया है.
पाकिस्तान ने कहा है कि वह उम्मीद करता है कि जी-20 समूह के सदस्य देश, क़ानून और न्याय की अनिवार्यता से परिचित होंगे. और भारत के इस प्रस्ताव का विरोध करेंगे.
जम्मू-कश्मीर साल 2023 में होने वाले जी-20 समिट की मेज़बानी करेगा. केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने समन्वय के लिए बृहस्पतिवार को पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया.
साल 2019 में अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद से यह पहला मौक़ा होगा जब जम्मू-कश्मीर में कोई अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित होगा.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के कार्यालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार अहमद ने एक बयान में कहा कि इस्लामाबाद ने भारतीय मीडिया में आई उन ख़बरों पर संज्ञान लिया है, जिनसे यह संकेत मिलता है कि भारत ''जी-20 से संबंधित कुछ बैठक जम्मू कश्मीर में कराने पर विचार'' कर सकता है.
अहमद ने कहा, ''भारत की ऐसी किसी भी कोशिश को पाकिस्तान पूरी तरह नकारता है.''
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