विधानसभा चुनाव कराने को लेकर क्या सोच रहा है चुनाव आयोग? - प्रेस रिव्यू

मोदी

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देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव पर चर्चा की.

'द हिंदू' अख़बार लिखता है कि अधिकारियों का कहना है कि यह तीन सदस्यों के आयोग वाली एक रुटीन बैठक थी. पिछले सप्ताह ही आयोग ने उन पांच में से चार राज्यों का दौरा किया था जहां पर विधानसभा चुनाव होने हैं.

कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग चुनाव प्रचार को लेकर अन्य प्रतिबंधों की घोषणा भी कर सकता है.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने 30 दिसंबर को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि सभी पार्टियां समय पर चुनाव कराने के पक्ष में हैं.

उन्होंने बताया कि आयोग ने उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड और पंजाब को कोविड टीकाकरण बढ़ाने को कहा है ताकि उन 100% लोगों को पहला डोज़ लग सके जो इसके योग्य हैं.

उन्होंने यह भी कहा था कि वो चुनाव की तारीख़ों और रैली के नियमों की घोषणा के समय कोविड-19 की स्थिति का ख़याल रखेंगे.

पिछली बार आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा 4 जनवरी 2017 को की थी और फ़रवरी-मार्च में चुनाव हुए थे.

जेपी नड्डा

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तेलंगाना बीजेपी प्रमुख की गिरफ़्तारी को नड्डा ने बताया- 'ग़ैर-लोकतांत्रिक'

तेलंगाना बीजेपी प्रमुख और करीमनगर के सांसद बी संजय कुमार की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ सिकंदराबाद में निकाले गए कैंडल मार्च में मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाग लिया.

'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक़, संजय कुमार को राज्य सरकार के एक आदेश के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने को लेकर गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस का कहना है कि उन्होंने कोविड-19 के प्रोटोकॉल और नियमों को तोड़ा है जिस कारण उन्हें गिरफ़्तार किया गया है.

दरअसल, तेलंगाना के बीजेपी प्रमुख नए बने ज़िलों में सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफ़र-पोस्टिंग को लेकर सरकार के आदेश के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे.

हैदराबाद सिटी पुलिस ने शुरुआत में नड्डा की रैली को अनुमति नहीं दी थी लेकिन बाद में बीजेपी नेताओं और समर्थकों के कोविड-19 के प्रतिबंधों को न तोड़ने के वादे के बाद अनुमति दे दी गई थी.

इसके बाद बीजेपी ने शहर में रैली न निकालकर महात्मा गांधी की मूर्ति के क़रीब कैंडल लाइट के साथ प्रदर्शन किया था.

प्रदर्शन के दौरान नड्डा ने कुमार की गिरफ़्तारी को 'ग़ैर-लोकतांत्रिक' बताते हुए कहा कि राज्य सरकार की कार्रवाई 'लोकतंत्र का दमन' है.

योगी आदित्यनाथ

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देवबंद में एटीएस सेंटर का शिलान्यास, योगी का विपक्ष पर वार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को देवबंद में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) कमांडो ट्रेनिंग सेंटर की आधारशिला रखने के बाद जनसभा को संबोधित किया.

'अमर उजाला' लिखता है कि योगी आदित्यनाथ ने मंच से जनता को संबोधित करते हुए कहा कि 'मैं पांच साल में सहारनपुर की दर्जनों यात्रा कर चुका हूं. मेरे लिए जैसा लखनऊ वैसा ही सहारनपुर. पहले की सरकार आतंकवादियों के मुकदमों को वापस लेती थी, हम आतंकवादियों को ठोकने के लिए एटीएस का सेंटर बना रहे हैं.'

सहारनपुर में 112 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सहारनपुर के किसानों ने, नौजवानों ने, हस्तशिल्पियों ने अपनी मेहनत से सहारनपुर को पहचान दिलाई है, पहले की सरकारों के लिए सहारनपुर दूर होता था, पांच साल में अखिलेश यादव सहारनपुर एक बार भी नहीं आए होंगे.

एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर का शिलान्यास करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला.

उन्होंने कहा कि 'पिछली सरकार में आतंकियों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस होते थे. हमारी सरकार आतंकियों को ठोकने का काम रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार में प्रदेश में आए दिन दंगे होते थे, लेकिन हमारी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में कोई दंगा नहीं हुआ.'

नेज़ल वैक्सीन

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नेज़ल वैक्सीन को बूस्टर डोज़ के रूप में देने पर अहम बैठक

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की एक्सपर्ट कमेटी ने मंगलवार को एक अहम मीटिंग की है. 'दैनिक भास्कर' के मुताबिक़ इसमें भारत बायोटेक कंपनी की नेज़ल वैक्सीन (नाक के ज़रिए दी जाने वाली वैक्सीन) को बूस्टर डोज़ के तौर पर मंज़ूरी देने पर विचार किया गया है.

मीटिंग के बाद फ़ैसला मंगलवार को नहीं बताया गया लेकिन माना जा रहा है कि नेज़ल वैक्सीन को कोरोना बूस्टर डोज़ के तौर पर इमरजेंसी यूज़ की अनुमति मिल सकती है.

कंपनी ने इसके लिए सरकार से मंज़ूरी मांगी है. भारत बायोटेक का कहना है कि दो डोज़ लगवा चुके लोगों को अगर बूस्टर डोज़ दिया जाता है तो उसकी नेज़ल वैक्सीन अच्छा विकल्प साबित हो सकती है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत बायोटेक ने सरकार को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि नेज़ल वैक्सीन को बूस्टर डोज़ के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

यह उन लोगों के लिए कारगर साबित हो सकती है, जिन्होंने कोवैक्सीन या कोविशील्ड के दोनों डोज़ लगवा लिए हैं.

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